Court marriage process: कोर्ट मैरिज का फैसला लेने से पहले जान लें ये जरूरी नियम

कोर्ट मैरिज करने का प्लान बना रहे हैं तो एक बार एक खबर को जरुर से पढ़ लें.

इतना आसान भी नहीं होता कोर्ट मैरिज करना, इसके लिए कई तरह की नियम और कानून हैं.

बता दें कि कोर्ट मैरिज किसी भी धर्म या जाति से लड़का और लड़की कर सकते हैं.

इसके लिए मैरिज एक्ट-1954 बनाया गया है. इस शादी में कोई धार्मिक रिवाज नहीं होते हैं.

कोर्ट मैरिज करने के लिए सारे डॉक्यूमेंट्स होने जरुरी है, जिसके बाद शादी करवाई जाती है.

सबसे जरुरी बात इस शादी के लिए दोनों की उम्र 21 वर्ष या इसे अधिक होनी चाहिए.

लड़का और लड़की को मैरिज रजिस्ट्रार के सामने अपनी शादी का आवेदन देना होता है.

कोर्ट मैरिज का एक नियम ये है कि दोनों में से कोई भी शादीशुदा नहीं होने चाहिए.

कोर्ट मैरिज से पहले वर- वधु और गवाहों को विवाह अधिकारी के सामने हस्ताक्षर करने होते हैं.

लड़का लड़की एक रिश्तेदारी में भाई-बहन लगते हैं, हिन्दू धर्म में कोर्ट मैरिज नहीं सकती.

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