Viral News : मोहनजोदड़ो में मिला खजाना, विशेषज्ञों की एक टीम साइट की कर रहा था खुदाई
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News Update: पाकिस्तान के पुरातात्विक स्थल मोहनजोदड़ो में तांबे को सिक्कों से भरा एक बर्तन मिला है। विशेषज्ञों की एक टीम ने साइट के संरक्षण के दौरान ये तांबे के सिक्कों से भरा जार बरामद किया। साइट के संरक्षण के काम को देख रही टीम ने बताया है कि गुरुवार को मोहनजोदड़ो स्तूप के पश्चिमी किनारे पर डिवाइनिटी स्ट्रीट से तांबे के सिक्कों से भरे इस बर्तन को निकाला गया है। ये बीते 93 साल में 5,500 साल पुराने शहर के अवशेषों से पहली उल्लेखनीय खोज है।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत स्थित यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल मोहनजोदड़ो के संरक्षण विभाग के निदेशक सैयद शाकिर शाह ने बताया है कि गुरुवार को कुछ मजदूर एक ढही हुई दीवार की खुदाई कर रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर एक बर्तन पर पड़ी। इस बर्तन को टटोलकर देखा गया तो इसमें प्राचीन तांबे के सिक्के भरे हुए थे। मजदूरों ने इसकी जानकारी साइट पर मौजूद संरक्षण विभाग को दी। इसके बाद टीम ने इसकी जांच की और सिक्कों को आगे के विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया।
During excavation at Mohen Jo Daro, ancient coins have been unearthed.
— Veengas (@VeengasJ) November 18, 2023
Video: reporter GM pic.twitter.com/1IL9lFImzA
सिक्के कितने पुराने, इसका पता लगाने के लिए होगी जांच
शाकिर शाह के मुताबिक, उनकी टीम ने तीन घंटे तक बहुत सावधानी से काम करते हुए मलबे में दबे सिक्कों को उस जार के साथ सुरक्षित निकाला, जिसमें वे रखे हुए थे। इसे देखने से साफ है कि बहुत एतहियात के साथ इन सिक्कों को इस बर्तन में रखा गया था। लंबे समय से दबे होने की वजह से इनमें मोटी जंग लग गई है और वे एक-दूसरे से चिपक गए हैं। अब जांच के बाद ही ये साफ होगा कि इन सिक्कों की भाषा और उन पर अंकित संख्याओं का क्या मतलब है। साथ ही ये भी पता लगाया जाएगा कि ये सिक्के कितने पुराने हैं। शाह ने कहा है कि सिक्कों की समय अवधि और दूसरी जानकारी विश्लेषण के बाद ही की जा सकती है।
शाकिर शाह ने कहा है कि ऐतिहासिक मोहनजोदड़ो से बरामद सिक्कों के विश्लेषण के बाद दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता के बारे में और अधिक समझने में मदद मिलेगी। इससे इस जगह के बारे में कोई अहम बात सामने आ सकती है। इससे पहले 1931 में यहां से कुषाण काल के 4,348 तांबे के सिक्के मिले थे। बता दें कि मोहनजोदड़ो के पुरातात्विक खंडहरों को यूनेस्को ने 1980 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था। मोहनजोदड़ो दुनिया का 5,500 साल पुराना विरासत स्थल है। इसे "रानी स्थल" कहा जाता है क्योंकि दुनिया की किसी भी पुरातात्विक खोज में सभ्यता की योजना और प्रशासनिक क्षमता का ऐसा दूसरा उदाहरण नहीं मिला है।