The Leela Hotel: जानिए आखिर क्यों बिकी लग्जरी होटल "द लीला " चेन, किसने खरीदा इस ब्रांड को

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The Leela Hotel: जानिए आखिर क्यों बिकी लग्जरी होटल "द लीला " चेन, किसने खरीदा इस ब्रांड को

The Leela Hotel: भारत के शानदार फाइव स्टार होटलों में से एक द लीला ( The Leela) के बारे में हर कोई जानता है। वीआईपी, सेलिब्रिटी और अरबपति इसी लग्जरी होटल में ठहरना पसंद करते हैं। इस होटल में एक रात का रेंट लाखों में है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस होटल के पीछे किसी कारोबारी घराने या फिर किसी बिजनेसमैन का हाथ नहीं बल्कि एक मिडिल क्लास किसान परिवार के बेटे का है।

 किसान परिवार में जन्मे चित्तरथ पूवाकट्ट कृष्णन नायर ने इस होटल की नींव रखी थी। सेना से एक अफसर के रूप में रिटायर करने वाले कृष्णन ने पहले देश की सेवा की। फिर कारोबार जगत में कूद गए। उन्हें पत्नी से इतना प्रेम था कि उनके नाम पर फाइव स्टार होटल 'द लीला' की नींव रखी। आज देश-दुनिया में द लीला अपने इंफ्रास्ट्रक्चर, कुजीन, लोकेशंस और हॉस्पिटैलिटी के लिए जाना जाता है। कृष्णन नायर के पास न तो कारोबार का अनुभव था, न पहुंच बड़ी पूंजी। अपनी मेहनत से उन्होंने द लीला को खड़ा किया।

कैसे हुई शुरुआत
द लीला की नींव रखने वाले चित्तरथ पूवाकट्ट कृष्णन नायर का जन्म केरल के एक साधारण किसान परिवार में हुआ। उनके पिता ब्रिटिश सरकार में बिल कलेक्टर थे। मां खेती-बारी संभालती थी। अभावों में उनका बचपन बीता। लेकिन, मां ने उनकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। कृष्णन नायर पढ़ाई में अच्छे थे, इसलिए उन्हें चिरक्कल के महाराज की ओर से स्कॉलरशिप मिल गई। पढ़ाई पूरी करने के बाद 20 साल की उम्र में उन्होंने सेना ज्वाइन कर लिया। उनकी तैनाती पाकिस्तान के एबटाबाद में बतौर वायरलेस ऑफिसर हुई। हालांकि कुछ दिनों बाद ही उनका मन नौकरी से उबने लगा। और फिर नौकरी छाेड़ने का बड़ा फैसला ले लिया।

सेना से दिया इस्तीफा
कृष्णन नायर ने सोना से इस्तीफा दे दिया और केरल की ओर वापसी कर ली। घर लौटकर उन्होंने राशन की दुकान पर काम शुरू किया। उन दिनों आजादी की जंग तेज हो रही थी। उन्होंने एक बार फिर से सेना में भर्ती होने का फैसला किया। उन्हें मराठा लाइट इंफेंट्री रेजिमेंट का कैप्टन बनाया गया। सेना में रहते हुए साल 1951 में इनकी शादी हुई। उनकी पत्नी कन्नौर के एक कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखता थीं। ससुराल वालों की जिद पर उन्होंने फिर से सेना की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और ससुर के साथ हैंडलूम का कारोबार शुरू कर दिया। कारोबार के सिलसिले में उन्हें काफी बार विदेश जाना पड़ा। यहीं से उनके दिमाग में एक लग्जरी होटल शुरू करने की बात आई।

पत्नी के नाम पर रखा होटल का नाम
साल 1980 में उन्होंने अपनी पत्नी लीला के नाम पर होटल लीला वेंचर लिमिटेड की शुरुआत की, पर तुरंत कुछ हो नहीं पाया। यह साल 1986 की बात है। C. P. Krishnan Nair ने मुंबई में अपने मकान के पास ही सहार गांव में 11 एकड़ जमीन खरीदी। उसी में उनका पहला होटल The Leela Mumbai खुला। यह लग्जरी होटल आज मुंबई के Chhatrapati Shivaji International Airport के पास है। उसके बाद साल 1991 में अपना दूसरा होटल गोवा में खोला। साउथ गोवा के Cavelossim Beach पर उन्होंने 75 एकड़ जमीन खरीदी। वहां पुर्तगाली हेरिटेज से प्रभावित होकर उन्होंने लीला का डिजाइन किया। इसके बाद 2001 में देश के आईटी कैपिटल बेंगलुरु में 357 कमरों का होटल खोला।

फिर उसके बाद मुड़ कर नहीं देखा

साल 2009 में उनकी दो नई प्रोपर्टी शुरू हुई। यह प्रोपर्टी थी राजस्थान के उदयपुर में लीला पैलेस और दिल्ली एनसीआर में लीला एंबियंस Leela Ambience, गुड़गांव। गुड़गांव का लीला एंबियंस ग्रुप की पहली नॉन-ऑन्ड, मैनेज्ड प्रोपर्टी थी। इसके बाद नई दिल्ली के लक-दक चाणक्यपुरी इलाके में साल 2011 में लीला पैलेस होटल खुला। यह होटल नई दिल्ली के निर्माता Sir Edwin Lutyens से प्रेरित था। साल 2013 में लीला पैलेस, चेन्नई खुला। इसके बाद कई और होटल खुले।

अब बिक गई कंपनी

शुरू में तो सब ठीक ठाक चला। लेकिन बाद में स्थिति बिगड़ी। और साल 2019 के अक्टूबर में होटल प्रोपर्टीज, ऑपरेशन और नई दिल्ली, बेंगलुरू, चेन्नई तथा उदयपुर का होटल एसेट कनाडा के ब्रूकफील्ड एसेट मैनेजमेंट (Brookfield Asset Management) को बेचना पड़ा। इसी के साथ ब्रूकफील्ड की भारतीय आतिथ्य बाजार में एंट्री हो गई।
 

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