Love ke Positive Effect: जानिए लव के साइड इफ़ेक्ट नहीं बल्कि पॉजिटिव इफ़ेक्ट भी होते है, पढ़िए इस खबर में-
₹64.73
Love ke Positive Effect:प्रेम को रोग मानने का चलन सदियों पुराना है। पुरानी पीढ़ी के कुछ लोग तो प्रेम रोगियों के इलाज की भी वकालत करते हैं। इस मुद्दे पर बाकायदा फिल्में और गाने बन चुके हैं। लेकिन हाल में हुई एक रिसर्च कहती है कि प्रेम करने और प्रेमी के साथ वक्त बिताने से बड़े-बड़े रोग भी दूर हो सकते हैं।
रोमांटिक पार्टनर के संग वक्त गुजारने से कई गंभीर रोगों का खतरा कम हो जाता है। भले ही दोनों आपस में बातें करें या न करें। नींद में भी पार्टनर की आसपास मौजूदगी शरीर के ग्रोथ हॉर्मोन को एक्टिव रखती है। पार्टनर की फिजिकल मौजूदगी सेहत को बूस्ट कर देती है। ‘ब्रेन, बिहेवियर एंड इम्यूनिटी’ हेल्थ जरनल में हाल ही में यह रिसर्च पब्लिश हुई है।
क्या कहती है नई रिसर्च
आसान भाषा में कहें तो मेडिकल साइंस की इस रिसर्च से साबित हुआ है कि प्रेम रोग नहीं बल्कि कई रोगों का इलाज है।
रोमांटिक पार्टनर की फिजिकल मौजूदगी हमारे शरीर के हॉर्मोन्स को कंट्रोल करती है। इस दौरान तन और मन को नुकसान पहुंचाने या बीमार करने वाले हॉर्मोन बनने कम हो जाते हैं। साथ ही उन हॉर्मोंस का प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जो सेहत के लिए अच्छे माने जाते हैं।
पुरानी रिसर्च से अलग है हालिया स्टडी
ज्यादा सोशल एक्टिव लोगों के पास ज्यादा यार-दोस्त होते हैं, इसलिए वे ज्यादा खुश रहते हैं। नतीजतन उनकी सेहत भी अच्छी रहती है।
ह्लयूमन साइकोलॉजी की कई रिसर्च में इस तरह की बातें सामने आ चुकी हैं।
लेकिन अमेरिका की नॉर्थ कैरोलाइना यूनिवर्सिटी में हुई यह रिसर्च इनसे अलग है। यह रिसर्च सिर्फ लोगों के व्यवहार के आधार पर नहीं बल्कि उनके क्लिनिकल टेस्ट के आधार पर नतीजे देती है।
रोमांटिक पार्टनर के आसपास होने से लोग हेल्दी होते हैं तो इससे उनकी बॉडी में क्या-क्या बदलाव होते हैं, यह रिसर्च इसकी भी पड़ताल करती है।
रोमांटिक पार्टनर पास हो तो कम होता है खतरनाक C-रिएक्टिव प्रोटीन
इस रिसर्च के लिए 100 ऐसे लोगों को चुना गया, जो किसी न किसी रोमांटिक रिलेशनशिप में थे। तीन महीने तक लगातार उनके पार्टनर के साथ गुजारे वक्त की पूरी जानकारी जुटाई गई। साथ ही नियमित अंतराल पर उनका क्लिनिकल टेस्ट भी किया जाता रहा।
नतीजे में पाया गया कि जिन लोगों ने अपने पार्टनर के साथ ज्यादा वक्त बिताया था, उनकी बॉडी में C-रिएक्टिव प्रोटीन की मात्रा कम थी।
बता दें कि C-रिएक्टिव प्रोटीन शरीर में इन्फेक्शन का लेवल बताता है। यह जितना ज्यादा होगा, इन्फेक्शन और गंभीर बीमारियों का खतरा भी उतना ज्यादा होगा।
पार्टनर के साथ वक्त बिताने से कम होता डायबिटीज, मोटापे और कैंसर का खतरा
रिसर्चर्स का कहना है कि अपने रोमांटिक पार्टनर के साथ ज्यादा वक्त गुजारने वाले लोगों में लो C-रिएक्टिव प्रोटीन लेवल के चलते उन्हें डायबिटीज, मोटापे और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।
अगर कोई पहले से इन बीमारियों से जूझ रहा है तो उसके गंभीर होने की आशंका भी कम हो जाती है। इस स्थिति में दवाएं बेहतर तरीके से काम करती हैं।
पार्टनर की मौजूदगी से भावनात्मक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक लाभ
साथी आसपास मौजूद हो तो इससे न सिर्फ बीमारियों का खतरा दूर होता है बल्कि मेंटल हेल्थ भी अच्छी रहती है। इसके लोगों की सोशल लाइफ भी बेहतर होती है।
जो लोग अपने पार्टनर के साथ ज्यादा वक्त बिताते हैं, उनका दुनिया के साथ संबंध (स्कूल-कॉलेज, घर-परिवार), प्रोफेशनल रिलेशन (दफ्तर), खुद के साथ उनका संबंध (आंतरिक मनोवैज्ञानिक सोच) भी अच्छा होता है। यानी पार्टनर की मौजूदगी से भावनात्मक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तीनों तरह के फायदे मिलते हैं।
प्रेमी के संग होने से छूटती हैं बुरी आदतें, अपनाते हैं हेल्दी लाइफस्टाइल
स्टडी के दौरान इसमें शामिल लोगों की सिगरेट, शराब और फिजिकल वर्क न करने जैसी कुछ बुरी आदतों की भी पड़ताल की गई। नतीजे में पाया गया कि रोमांटिक पार्टनर साथ हो तो लोग एक-दूसरे की और खुद की सेहत के प्रति ज्यादा जागरूक हो जाते हैं।
रिसर्च में शामिल लोगों ने पार्टनर की मौजूदगी में सिगरेट, शराब और फास्ट फूड का सेवन कम कर दिया। साथ ही उनमें एक्सरसाइज करने की संभावनाएं भी बढ़ गईं।
पार्टनर को बनाएं नींद का साथी तो बढ़ेगी स्लीप क्वालिटी
आपने पार्टनर की मौजूदगी से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में जान लिया है। लेकिन अगर पार्टनर आपसे बातें न कर रहा हो, आपको हंसा न रहा हो, आपके साथ कोई एक्टिविटी न कर रहा हो। सिर्फ बगल में सोया हुआ हो तो क्या इसके भी कुछ फायदे हैं।
कुछ महीने पहले हुई एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि पार्टनर के साथ बेड शेयर करने से तनाव दूर होता है। साथ भी इससे नींद की क्वालिटी भी बढ़ती है और इंसान पहले से ज्यादा खुशी महसूस करता है। ‘स्लीप रिसर्च सोसाइटी’ के जरनल ‘स्लीप’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक पार्टनर के साथ नियमित सोने वाले लोगों की ओवरऑल मेंटल हेल्थ ऐसा न करने वालों के मुकाबले बेहतर पाई गई।
इसके अलावा भी रोमांटिक पार्टनर की मौजूदगी और उसके सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव को जांचने के लिए कई रिसर्च हुई हैं। ऐसी ही एक रिसर्च में दावा किया गया कि पार्टनर साथ हो तो लोगों की उम्र 3 से 5 साल तक बढ़ जाती है।
एक पुराना हिंदी गाना है- ‘मैं हूं प्रेम रोगी किसी डॉक्टर को बुलाओ।’ लेकिन अब साइंटिफिक रिसर्च ने साबित कर दिया है कि प्रेम कोई रोग नहीं है और इसके लिए किसी डॉक्टर को बुलाना भी जरूरी नहीं है। उल्टे प्रेम रोगी बनकर डॉक्टर को खुद से दूर रखा जा सकता है। कुल मिलाकर निष्कर्ष इतना है कि अच्छी मेंटल और फिजिकल सेहत के लिए किसी के साथ की जरूरत है। अकेले में शांति पाई जा सकती है, सेहत और खुशी के लिए पार्टनर का साथ होना जरूरी है।