Mutha Marriages in Muslims: इस्लाम में करते हैं इस सुख के लिए ऐसी शादी, जानकर चौंक जाएंगे आप
₹64.73
मुता विवाह क्या होता है?
मुता विवाह एक निश्चित अवधि के लिए साथ रहने का करार होता है और शादी के बाद पति-पत्नी कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर एक अवधि तक साथ रह सकते हैं। बता दें कि मुता विवाह के दौरान तय किया हुआ समय पूरा होने के बाद निकाह खुद ही खत्म हो जाता है और उसके बाद महिला तीन महीने के इद्दत अवधि बिताती है।
इरशाद अहमद वानी की किताब द सॉशियोलॉजी के अनुसार, मुता निकाह की अवधि खत्म होने के बाद महिला का संपत्ति में कोई हक नहीं होता है और ना ही महिला को आर्थिक सहायाता मिलती है। ज्यादातर मुता विवाह बादशाह, सुल्तान और उनके परिवारों के पुरुष ही करते थे। साधारण भाषा में कहें, तो मुता विवाह को सुख या आनंद के लिए किसी गया अस्थायी विवाह माना जाता है।
इतिहासकारों के मुताबिक, दूर-दूर जाने वाले और लंबी अवधि के लिए बाहर रहने वाले व्यापारी भी मुता विवाह करते थे। बता दें कि सामान्य निकाह शिया और सुन्नी दोनों में करवाया जाता है। लेकिन मुता विवाह केवल शिया लोग ही करते हैं।
मुता विवाह ऐसी स्थिति है, जहां इस्लाम के नियमों में ढील दी जाती है। लेकिन सुन्नी विद्वानों द्वारा तर्क दिया गया है कि इस प्रथा को पैगंबर द्वारा खत्म कर दिया गया था। हालांकि, बारहवें शिया विद्वानों का दावा है कि मुताह को पैगंबर द्वारा अनुमोदित किया गया था।