Mugal Dark Stories: मौत से बदतर जिंदगी जीनी पड़ी इस मुगल शहजादे को, भीख भी मांगनी पड़ी थी
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Mugal Dark Stories: मुगल काल के आखिरी बादशाह बहादुर शाह जफर के बाद मुगल वंशजों का क्या हुआ? इसके बारे में सभी जानना चाहते हैं.अंग्रेजों की हुकूमत आने के बाद मुगलकाल का अंत हो गया. इसके बाद मुगल के वंशज मौत से बदतर जिंदगी बिताने पर मजबूर हो गए.
1857 की क्रांति के बाद अंग्रेजों ने अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर को सत्ता से बेदखल कर दिया था. इसके बाद कई मुगल मारे भी गए. अहमद अली ने अपनी किताब ट्वाइलाइट इन डेल्ही में 1911 में कुछ महीने पहले किंग जॉर्ज पंचम के राज्याभिषेक का जश्न मनाने के लिए आयोजित दिल्ली दरबार का वर्णन किया है.
इस दौरान जब राजसी काफिला चल रहा था तो पृष्ठभूमि में एक भिखारी अपने बेकार पैरों से भीख मांगता हुए खुद को घसीट रहा था. इस भिखारी को बहादुर शाह के नाम से जाना जाता था. अब आपको बताते हैं बहादुर शाह जफर के वंशज शहजादा मिर्जा जवान बख्त की बदहाली के बारे में. इस शहजादे को भी भीख मांगनी पड़ी.
मिर्जा जवान बख्त का जन्म दिल्ली के लाल किले में हुआ था. उसने अपनी जवानी आलीशान तरीके से व्यतीत की थी. अंग्रेजों की हुकूमत आई तो उसे जीवन व्यतीत करने के लिए पांच रुपये पेंशन मिलने लगी. ये पेंशन भी एक समय बाद बंद कर दी गई. फिर रात के अंधेरे में मुगल शहजादे भीख मांगते थे. ख्वाजा हसन निजामी की किताब 'बेगमात के आंसू' में भी मुगलों की बर्बादी का वर्णन है.