High Court Decision : अगर आपने भी खरीदी है अपनी पत्नी के नाम प्रोपर्टी, तो जानिए कौन होगा मालिक

₹64.73
High Court Decision : अगर आपने भी खरीदी है अपनी पत्नी के नाम प्रोपर्टी, तो जानिए कौन होगा मालिक
High Court Decision : देशभर में एक महत्वपूर्ण कानूनी निर्णय की घटना सामने आई है जिसमें हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति को यह अधिकार दिया है कि वह अपनी आय के स्पष्ट स्रोतों से प्राप्त करीबी स्रोतों का उपयोग करके अपनी पत्नी के नाम पर अचल संपत्ति खरीद सकता है। इस प्रकार की खरीदी गई संपत्ति को "बेनामी" नहीं कहा जा सकता है, जिसे हाई कोर्ट ने स्वीकृति दी है।

इस निर्णय के माध्यम से हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जिसने अपनी आय के स्पष्ट स्रोतों से प्राप्त की गई धनराशि का उपयोग करके अचल संपत्ति को अपने बीवी के नाम पर खरीदा है, उसे उस संपत्ति का सही मालिक कहा जाएगा, न कि जिसके नाम पर वह खरीदी गई है। इसका तात्पर्य यह है कि संपत्ति के मालिक को वही ठहराया जाएगा, जिसने इसे अपनी आय के स्पष्ट स्रोतों से खरीदा है।

इस मुद्दे में न्यायिक प्रक्रिया को संचालित करते हुए जस्टिस वाल्मीकि जे. मेहता की बेंच ने एक व्यक्ति की अपील को स्वीकृति दी और उसे ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ राहत प्रदान की है। ट्रायल कोर्ट ने पहले इस व्यक्ति से दो संपत्तियों पर हक छीन लिया था, जो कि उसने अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी थीं।

इस मामले में जोरदार साक्षात्कार के बाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द किया है और मामले को फिर से ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के लिए भेजा है। इस साकारात्मक निर्णय के साथ हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से इस बिना जरूरत के छीने गए हक को वापस लेने का संकेत दिया है।
देशभर में एक महत्वपूर्ण कानूनी निर्णय की घटना सामने आई है जिसमें हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति को यह अधिकार दिया है कि वह अपनी आय के स्पष्ट स्रोतों से प्राप्त करीबी स्रोतों का उपयोग करके अपनी पत्नी के नाम पर अचल संपत्ति खरीद सकता है। इस प्रकार की खरीदी गई संपत्ति को "बेनामी" नहीं कहा जा सकता है, जिसे हाई कोर्ट ने स्वीकृति दी है।

इस निर्णय के माध्यम से हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जिसने अपनी आय के स्पष्ट स्रोतों से प्राप्त की गई धनराशि का उपयोग करके अचल संपत्ति को अपने बीवी के नाम पर खरीदा है, उसे उस संपत्ति का सही मालिक कहा जाएगा, न कि जिसके नाम पर वह खरीदी गई है। इसका तात्पर्य यह है कि संपत्ति के मालिक को वही ठहराया जाएगा, जिसने इसे अपनी आय के स्पष्ट स्रोतों से खरीदा है।

इस मुद्दे में न्यायिक प्रक्रिया को संचालित करते हुए जस्टिस वाल्मीकि जे. मेहता की बेंच ने एक व्यक्ति की अपील को स्वीकृति दी और उसे ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ राहत प्रदान की है। ट्रायल कोर्ट ने पहले इस व्यक्ति से दो संपत्तियों पर हक छीन लिया था, जो कि उसने अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी थीं।

इस मामले में जोरदार साक्षात्कार के बाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द किया है और मामले को फिर से ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के लिए भेजा है। इस साकारात्मक निर्णय के साथ हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से इस बिना जरूरत के छीने गए हक को वापस लेने का संकेत दिया है।
 

Tags

Share this story

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now