मुगलों के राज में हरम की दासियों को होती थी यह कमाई
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मुगलों के राज में लोगों को इनके इतिहास के बारें में जानने का काफी उत्सुकता रहती है.
हालांकि सबसे चर्चा का विषय मुगलों को लेकर हरम का ही रहा है.
हर एक मुगल बादशाह अपने राज में बड़ा हरम बनाने का चाह रखता था.
जहां दूसरे राजाओं से जीती गईं महिलाओं को वे अपनी बेगम या रखैल बनाकर रखते थे.
दिनों में ही रक्तवाहिकाएँ 18 साल की उम्र जैसी हो जाएँगी!
हरम में कुछ महिलाओं को नहीं, बाल्कि हजारों महिलाओं को रखा जाता था.
इन महिलाओं से केवल बादशाह को मिलने की अनुमति होती थी, जो दिखने में भी सुदंर होती थी.
इतिहासकार अबुल फजल के मुताबिक, बादशाह अकबर के हरम में 5,000 महिलाएं थीं.
वहीं इन की देखरेख के लिए बादशाह अनेकों दासियों को रखते थे, ताकि हर जरुरत पूरी हो सके.
बादशाह अकबर के समय हरम में दासियों को पद के हिसाब से ही वेतन दिया जाता था.
सबसे बड़ी ओहदेदार को 1028 से 1610 रुपये हर महीने वेतन के तौर पर देते थे.
जो आज के समय में लाखों रुपये की रकम बैठती है.
छोटे पद की कर्मचारियों को भी 51 रुपये, 40 रुपये आदि वेतन के तौर पर मिलते थे.
यह रकम भी मौजूदा समय के हिसाब से दो से ढाई लाख रुपये बैठती है