Cryptocurrency Raid in Haryana: हरियाणा में क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड में 6600 करोड़ का हुआ हेरफेर, ED की रेड से हड़कंप
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ED के अधिकारियों ने 24 घंटे से ज्यादा वक्त तक परिवार के सदस्यों से घर में पूछताछ करने के साथ ही कई दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए हैं। बता दें कि मुंबई से पहुंची ईडी की टीम ने 28 दिसंबर की रात आरोपी सिंपी भारद्वाज के पिता देवीदत्त के बहादुरगढ़ में सेक्टर-2 स्थित कोठी पर छापेमारी की थी।
टीम रात के वक्त कोठी पर पहुंची थी और शुक्रवार की रात करीब 10 बजे कार्रवाई करने के बाद टीम वापस लौट गई। दरअसल, ED के अनुसार यह भारत का पहला क्रिप्टो केस है। मामले की जांच करते हुए ईडी की टीम बहादुरगढ़ तक पहुंच गई। ईडी टीम के साथ सीआईएसएफ के कई जवान भी मौजूद थे।
सिंपी भारद्वाज के पिता और उसके भाइयों से पूछताछ की गई। इतना ही नहीं घर के अंदर मौजूद सभी दस्तावेज भी खंगाले गए। हालांकि 24 घंटे बाद ईडी की टीम वापस लौट गई। मामले में टीम के क्या कुछ हाथ लगा, इसकी पुष्टि अधिकारियों ने अभी नहीं की है।
सिंपी के पिता के घर के बाहर चार सुरक्षाकर्मी कार्रवाई के दौरान हर वक्त मौजूद थे। उनके परिजनों को पूछताछ के दौरान घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया। बता दें कि 17 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गेन बिटकॉइन पोंजी स्कीम मामले में सिंपी भारद्वाज और अजय भारद्वाज के घर पर सर्च ऑपरेशन किया था।
सिंपी भारद्वाज को 6600 करोड़ से अधिक रुपए के क्रिप्टो करेंसी मामले में दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 26 दिसंबर तक ईडी की हिरासत में भेजा था। इसके बाद आरोपी सिंपी को 2 दिन की ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई ले जाया गया था।
वहां पर पूछताछ के बाद ईडी की टीम बहादुरगढ़ में उनके पिता के आवास पर रेड के लिए पहुंची। यहां गहनता से टीम ने जांच की। लेकिन क्या कुछ मिला, इस बारे में स्पष्ट नहीं किया।
ईडी के अनुसार, यह भारत का पहला क्रिप्टो केस है। भारद्वाज पर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया है। आरोप है कि भारद्वाज सिंगापुर में स्थित वैरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक है, जिसने निवेशकों को बिटकॉइन और कंपनी की अपनी क्रिप्टो करेंसी में उच्च रिटर्न के वादे के साथ लुभाया था।
अपने पति अजय भारद्वाज के साथ मिलकर सिंपी ने जनता को धोखा देने की साजिश रची। ईडी ने दावा किया कि भारद्वाज और अन्य ने वैरिएबल टेक के साथ एक अनुबंध के माध्यम से 18 महीने के लिए प्रति बिटकॉइन 10 प्रतिशत के सुनिश्चित रिटर्न का झूठा वादा करके निवेशकों को गुमराह किया।