Voluntary Retirement: स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति क्यों बढ़ रही है सेना में, जानिए रिटायरमेंट कम करने की दिशा क्या रही है सरकार

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Voluntary Retirement: स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति क्यों बढ़ रही है सेना में, जानिए रिटायरमेंट कम करने की दिशा क्या रही है सरकार

Voluntary Retirement: सेना में भर्ती होना हजारों-लाखों युवाओं का सपना होता है। भारत की सुरक्षा पर सबकुछ कुर्बान करने की भावना के साथ हर साल युवा सेना में शामिल होते हैं। हाड़ कंपाने वाली सर्दी और जला कर भस्म कर देने जैसे एहसास वाली गर्मी सरीखे चुनौतीपूर्ण हालात में भी सैनिकों का मनोबल कमजोर नहीं पड़ता। हालांकि, राष्ट्रहित में सब कुछ हवन कर देने के साथ बेहद कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले सैनिकों के पास स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (Voluntary Retirement) का विकल्प भी होता है। संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार ने एक सवाल पर कहा कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान सबसे अधिक संख्या में रिटायर होना चाहते हैं।

गृह मंत्रालय ने शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा, सुरक्षाबलों की अलग-अलग यूनिट्स में BSF जवान सबसे अधिक संख्या में रिटायर होना चाहते हैं। दूसरे नंबर पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के जवान हैं। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को बताया, 'वर्ष 2023 से अब तक कम से कम 4127 सीमा सुरक्षा बल कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना है।' उन्होंने कहा कि बीएसएफ के बाद सीआरपीएफ है। इसी अवधि में 2572 सीआरपीएफ जवानों ने सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना।


केंद्रीय राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल (एआर) के जवानों के बीच स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के मामले साल-दर-साल बदलते रहते हैं। उन्होंने साफ किया कि समय से पहले रिटायरमेंट का विकल्प चुनने के आधार पर सरकार किसी प्रवृत्ति की तरफ इशारा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि वीआरएस के कारणों पर सुरक्षाबलों की तरफ से अलग-अलग और स्पष्ट जानकारी दी जाती है।

गृह मंत्रालय के मुताबिक सुरक्षाबलों ने बताया है कि जवानों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के कारणों में व्यक्तिगत और घरेलू मामलों का उल्लेख किया है। इनके अलावा बच्चे/पारिवारिक मुद्दे, खुद या परिवार के सदस्यों की सेहत से जुड़े मुद्दे, सामाजिक/पारिवारिक दायित्व और प्रतिबद्धताएं, बेहतर कैरियर के अवसर भी सेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के कुछ प्रमुख कारणों के रूप में सामने आए हैं।

रिटायरमेंट कम करने की दिशा में सरकार के प्रयास
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर एक सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री राय ने यह भी बताया कि सरकार ने अन्य बातों के साथ-साथ स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति चाहने वाले कर्मियों की संख्या को कम करने की दिशा में भी कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए सुरक्षाबलों को कैडर समीक्षा का विकल्प समय पर (Timely Cadre Review) देना, संशोधित सुनिश्चित करियर प्रगति (MACP) के तहत आर्थिक लाभ प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि MACP के तहत 10, 20 और 30 साल के अंतराल पर सैनिकों का वेतन तीन बार बढ़ाने का नियम है।

अंतिम दो साल की पोस्टिंग में बैंक लोन जैसे भी ऑफर
गृह मंत्रालय के अनुसार, सरकार एक तरह के हालात में रहने के कारण आने वाली स्थिरता और अकर्मण्यता (stagnation) को कम करने का भी प्रयास कर रही है। गृह राज्यमंत्री के मुताबिक वर्षों की नियमित सेवा के दौरान अत्यंत कठिन और दुर्गम क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को सामान्य भौगोलिक इलाके में तैनात कर रोटेशन का प्रयास भी किया जा रहा है। इसके अलावा सैनिकों की सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम दो साल की अवधि में गृह नगर के पास तैनात करने, उनकी उच्च शिक्षा, कंप्यूटर, प्लॉट/फ्लैट, चिकित्सा केंद्र संचालन के लिए ऋण देने जैसे विकल्प भी मुहैया कराए जा रहे हैं।

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