Uttarkashi Tunnel Collapse Rescue Operation:10वें दिन सुरंग भीतर फंसे दिखे 41 मजदूर, एंडोस्कोपिक कैमरा में दिखे मजदूर
₹64.73
Uttarkashi Tunnel Collapse Rescue Operation: दिवाली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है।
रेस्क्यू का आज 10वां दिन है।
कैमरे के सुरंग में भेजे जाने को लेकर सीएम धामी ने भी ट्वीट कर जानकारी दी।
उन्होंने लिखा 'सिल्क्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फँसे श्रमिकों की पहली बार तस्वीर प्राप्त हुई है।
सभी श्रमिक भाई पूरी तरह सुरक्षित हैं, हम उन्हें शीघ्र सकुशल बाहर निकालने हेतु पूरी ताक़त के साथ प्रयासरत हैं।'
सोमवार को मजदूरों की स्थिति देखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, पर अंदर धूल होने से तस्वीरें साफ नहीं आ पाईं।
सिल्क्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फँसे श्रमिकों की पहली बार तस्वीर प्राप्त हुई है। सभी श्रमिक भाई पूरी तरह सुरक्षित हैं, हम उन्हें शीघ्र सकुशल बाहर निकालने हेतु पूरी ताक़त के साथ प्रयासरत हैं। pic.twitter.com/OO8u99B5Ks
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 21, 2023
अब दिल्ली से एंडोस्कोपिक कैमरे मंगाए गए थे जिन्हें आज मंगलवार को पाइप से भीतर पहुंचाया गया।
इस दौरान कैमरे से टनल के भीतर फंसे हुए सभी 41 मजदूर दिखाई दिए। सभी सुरक्षित हैं।
भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, एनएचआईडीसीएल, उत्तराखंड पुलिस, एसजेवीएनएल, आरवीएनएल, लार्सन एंड टूब्रो, टीएचडीसी, आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन, ओएनजीसी, आईटीबीपी, राज्य लोनिवि, डीआरडीओ, परिवहन मंत्रालय, होमगार्ड्स आदि।
एसजेवीएन की ड्रिल मशीन सुरंग के ऊपर पहुंचेगी, 24 घंटे में इंस्टॉल होगी।
आरवीएनएल की ड्रिल मशीन भी सुरंग के ऊपर जाएगी।
रोबोट को चलाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि मजदूरों तक पहुंच और आसान हो।
बड़कोट छोर से भी सुंरग में ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। इसके लिए टीएचडीसी की आठ से 10 लोगों की टीम पहुंच गई है।
यहां से दो से ढाई मीटर व्यास की सुरंग तैयार की जाएगी। आज से ऑगर मशीन फिर तेजी से काम शुरू कर देगी।
नौ दिन से सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान आज 10वें दिन भी जारी है।
सोमवार देर शाम टीम को सफलता मिली और छह इंच का दूसरा फूड पाइप मजदूरों तक पहुंचा दिया गया।
देर शाम इसी पाइप से उन्हें खाने के लिए खिचड़ी और मोबाइल चार्ज करने के लिए चार्जर भेजे गए थे।