Uniform Civil Code: कई समुदायों विरोध के बीच उत्तराखंड में बीजेपी सरकार लागू करने जा रही है समान नागरिक संहिता, उलझे कई पेंच, पढ़ें इस खबर में
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यूसीसी पर बीजेपी सरकार ने उत्तराखण्ड में जस्टिस रंजना देसाई कमेटी का मसौदा तैयार किया है। सबसे पहले उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने की सम्भावना है। तत्पश्चात गुजरात व मध्य प्रदेश में भी लागू हो सकता है UCC।
विस्तार
देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए मंत्री समूह (जीओएम) का गठन किया है। जिसकी अध्यक्षता पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू को सौंपी दी गई है। इसी बीच, यूसीसी पर उत्तराखंड में बीजेपी सरकार द्वारा गठित जस्टिस रंजना देसाई कमेटी का मसौदा तैयार किया गया है। संकेत हैं कि सबसे पहले उत्तराखंड सरकार यूसीसी लागू करेगी। तत्पश्चात, गुजरात व मध्य प्रदेश में इसे लागू किए जाने की संभावना है।
केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी व कानून राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल इसके सदस्य बनाए गए हैं। चारों मंत्री यूसीसी से जुड़े विभिन्न पहलुओं और आदिवासी, महिला अधिकार, पूर्वोत्तर व कानूनी मामलों पर विचार-विमर्श करेंगे। मंत्री समूह की एक बैठक बुधवार को हो चुकी है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि समान नागरिक संहिता भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा है और देश में इसको लेकर प्रक्रिया जारी है। लोगों को नतीजे का इंतजार करना चाहिए। क्योंकि UCC कानून लागू होना आवश्यक है।
विरोध के बावजूद भी, यूसीसी में सक्रियता
मुस्लिम संगठनों व अन्य गुटों के कड़े विरोध के बावजूद भी केंद्र सरकार ने समान नागरिक संहिता पर पीछे नहीं हटने का संकेत दिया है। मंत्री समूह का गठन कर मोदी सरकार ने अपनी मंशा को और स्पष्ट कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल दौरे पर समान नागरिक संहिता को लेकर दिए बयान के बाद इस दिशा में सक्रियता बढ़ी गयी है।
मंत्री समूह की है इसलिए जरूरत
अलग-अलग धर्मों व आदिवासी समूहों में विवाह, पैतृक संपत्ति जैसे अधिकारों को लेकर पेच
यूसीसी में महिलाओं और आदिवासियों के लिए विवाह, विवाह की उम्र, पैतृक संपत्ति में अधिकार के मामले में कई पेच हैं। अलग-अलग धर्मों और आदिवासी समूह की अपनी मान्यता, परंपरा और नियम हैं। यूसीसी में सभी पर एक नियम लागू होंगे। इसे लेकर आदिवासी समूहों के साथ अलग-अलग धर्म की कुछ आपत्तियां हैं।
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखंड राज्यों के आदिवासी समूह और राजनीतिक दल जता चुके हैं आपत्ति।
आदिवासियों के संदर्भ में पूर्वोत्तर के राज्यों में भी विरोध के स्वर उभरे हैं। जीओएम का गठन इन्हीं आपत्तियों को सुलझाने के लिए किया गया है।
आदिवासी, महिला अधिकार, पूर्वोत्तर और कानूनी पक्ष पर विचार करेंगे मंत्री
किरेन रिजिजू: आदिवासी मामलों से जुड़े मुद्दों पर विमर्श
जी किशन रेड्डी: पूर्वोत्तर के मुद्दों पर चर्चा की जिम्मेदारी
स्मृति ईरानी: महिला अधिकारों के मुद्दों की जिम्मेदारी
अर्जुन मेघवाल: कानूनी पहलुओं पर विचार करेंगे