गांधीवादी स्टाइल में सचिन पायलट का अनशन, राजस्थान में पायलट ने गर्माई राजनीति !

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गांधीवादी स्टाइल में सचिन पायलट का अनशन, राजस्थान में पायलट ने गर्माई राजनीति !
गांधीवादी स्टाइल में सचिन पायलट का अनशन, राजस्थान में पायलट ने गर्माई राजनीति !

जयपुर, ( कमल वधावन ) : राजस्थान में राजनीति में ए​क ​बार फिर गर्माहट देखने को मिल रही है। राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं युवा नेता सचिन पायलट आर पार के मूड में आ रहे हैं। पायलट ने मंगलवार को जयपुर के शहीद स्मारक में तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे के शासन में हुए घोटालों की जांच की मांग को लेकर वर्तमान सीएम गहलोत सरकार के खिलाफ अपना एक दिन का अनशन शुरू किया ।

गांधीवादी स्टाइल में सचिन पायलट का अनशन, राजस्थान में पायलट ने गर्माई राजनीति !

सचिन पायलट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच का मुद्दा उठा रहे हैं । पायलट ने वसुंधरा राजे पर करप्शन और कुशासन का आरोप लगाते हुए गहलोत के पुराने वीडियो चलाकर पूछा है कि इन मामलों की जांच क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास पूर्व की बीजेपी सरकार के खिलाफ सबूत थे, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं की गई। भले ही पायलट वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि वे वसुंधरा राजे के बहाने अशोक गहलोत पर निशाना साध रहे हैं।

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पार्टी की चेतावनी के बावजूद अनशन पर बैठे पायलट
हालांकि सचिन पायलट को कांग्रेस ने अनशन न करने की बात कही थी, इसके बावजूद पायलट अनशन पर बैठ गए हैं। कांग्रेस की ओर से सोमवार को कहा गया था कि इस तरह की कोई भी गतिविधि पार्टी विरोधी गतिविधि मानी जाएगी। बता दे कि पार्टी अलाकमान ने गहलोत को सीएम की कुर्सी पर बैठाया तभी से पायलट समर्थकों में भी रोष बना हुआ है।
इतना ही नहीं जुलाई 2020 में पायलट ने कुछ कांग्रेस विधायकों के साथ मिलकर बगावत भी कर दी थी। जुलाई 2020 को सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम पद से बर्खास्त कर दिया गया। हालांकि, बाद में प्रियंका गांधी के दखल के बाद पायलट की नाराजगी दूर हुई।

राजस्थान कांग्रेस की सफाई
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रही है । पायलट को पहले हमसे बात करनी चाहिए थी, इस पर मैं सीएम गहलोत से बात करता और उसके बाद अगर एक्शन नहीं लिया जाता, तब उनको अनशन करने का हक था । पायलट ने पार्टी में मुद्दे रखने के बजाय सीधे अनशन का रास्ता चुना, जो कि सही नहीं है।

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