PM Modi's Diwali Celebration: इस बार प्रधानमंत्री मोदी यहाँ के जवानों के साथ मना रहे है दिवाली, खुद बनना चाहते थे सैनिक
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PM Modi's Diwali Celebration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के सैनिकों के साथ दीवाली मनाने के लिए हिमाचल प्रदेश के लेप्चा हैं। यह पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के जांबाज सैनिकों के साथ दीवाली मनाएंगे। वह 2014 में पीएम बनने के बाद से लगातार इस परंपरा हो आगे बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भी जवानों के साथ दीवाली मनाते थे। 2009 में मुख्यमंत्री रहते हुए वह जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिए भारत-चीन के नाथुला बॉर्डर पर पहुंचे थे। तो वे कई बार जवानों के साथ कच्छ में भी दीवाली मनाने के लिए पहुंचे।
पुराना है सैनिकों से प्रेम
राजनीतिक विश्लेषक दिलीप गोहिल कहते हैं कि दीवाली के पर्व पर सुरक्षाबल अपने परिवारों के साथ दीवाली नहीं मना पाते थे। वे सुदूर बॉर्डर पर देश की सीमाओं को संभालते हैं। ऐसे में नरेंद्र मोदी उनके पास दीवाली मानते हैं। इससे उनका राष्ट्रवाद झलकता है। वे खुद को जवानों के साथ जोड़ते हैं। इससे कहीं न कहीं सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ता है। पीएम से मुलाकात उनके लिए जिंदगी भर के यादगर पलों में शामिल हो जाती है। गोहिल कहते हैं बतौर मुख्यमंत्री भी वह कच्छ के बॉर्डर पर जाकर बीएसएफ जवानों के साथ दीवाली मनाते आए हैं। ऐसे में यह कहना कि उन्होंने पीएम के तौर यह शुरू किया है। यह गलत है। उनका सैनिक प्रेम पुराना है। वे सीएम बनने से पहले भी जवानों के साथ वक्त बिताना पसंद करते थे।
खुद सैनिक बनना चाहते थे
देश के जाबांज सैनिकों से लगाव पीएम मोदी के अंदर यूं ही नहीं है। बचपन में पीएम मोदी खुद सैनिक बनकर देश की सेवा करना चाहते थे। वे गुजरात के जामनगर के बालाचडी में स्थित सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहते थे, लेकिन तब परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के चलते नहीं पढ़ पाए थे। उन्होंने दाखिल के लिए दो रुपये जमा करके एडमिशन फॉर्म खरीदा था। बाद में पिता के मना करने के बाद उनके काम में हाथ बंटाने लगे थे। पीएम मोदी चाह कर भी सैनिक स्कूल में दाखिला नहीं ले पाए थे। पीएम की बचपन की कुछ तस्वीरें भी हैं। जिनमें उन्होंने सेना की ड्रेस पहनी है। यही वजह है कि पीएम मोदी के सैनिकों को लेकर बचपन से उनके अंदर एक अलग छवि है। जब देश दीवाली का पर्व मानता है तो वह जवानों के साथ इस पर्व की खुशियां बांटते हैं।
Reached Lepcha in Himachal Pradesh to celebrate Diwali with our brave security forces. pic.twitter.com/7vcFlq2izL
— Narendra Modi (@narendramodi) November 12, 2023
2001 में तोड़ी थी परंपरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दशकों से सैनिकों के साथ दीवाली मानते आ रहे हैं। बीते सालों में उन्होंने इस परंपरा को 2001 में मुख्यमंत्री बनने के बाद तोड़ा था। तब उन्होंने बतौर सीएम अपनी पहली दीवाली सैनिकों के साथ नहीं बल्कि कच्छ के भुज में मनाई थी। ऐसा उन्होंने कच्छ के भूकंप प्रभावितों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए था। उस साल उनकी कैबिनेट के साथियों ने दीवाली नहीं मनाई थी। सारे मंत्री भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के बीच मौजूद रहे थे। इस मौके को छोड़ दें तो पीएम मोदी हमेश जवानों के साथ दीवाली मनाने के लिए बॉर्डर पर जाते रहे हैं। पीएम मोदी ने पिछले साल अगस्त में अपनी इस दीवाली को याद भी किया था।