PM Modi का चंडीगढ़ दौरा: नए क्रिमिनल लॉ की समीक्षा, 900 FIR दर्ज होने की जानकारी
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PM Modi और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे। पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC) में उन्होंने हाल ही में लागू किए गए तीन नए क्रिमिनल कानूनों – भारतीय दंड संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम – की समीक्षा की। इस दौरान पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया भी मौजूद थे।
पुलिस अधिकारियों से चर्चा
चंडीगढ़ की SSP कंवरदीप कौर ने पीएम मोदी और अमित शाह को नए कानूनों के तहत पुलिस वर्किंग का विवरण दिया। उन्होंने FIR दर्ज होने से लेकर जांच, सबूत जुटाने, और आरोपियों को जेल में रखने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया।
- 900 FIR दर्ज: SSP ने जानकारी दी कि नए कानूनों के तहत चंडीगढ़ में अब तक 900 FIR दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें से चार मामलों में फैसला भी हो चुका है।
- डिजिटल पुलिसिंग: सभी थाने कम्प्यूटरीकृत हो गए हैं और नई तकनीक के जरिए पुलिसिंग को अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर एक प्रदर्शनी का निरीक्षण किया और अधिकारियों से बातचीत की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2024
(सोर्स: DD न्यूज़) pic.twitter.com/kSo8yMCiY8
लोगों को मिलेंगे नए अधिकार
नए कानूनों के तहत लोगों को उनकी मातृभाषा में शिकायत दर्ज कराने का अधिकार दिया गया है। शिकायतकर्ता को हिंदी या अंग्रेजी का ज्ञान होना अनिवार्य नहीं होगा। इसके अलावा, लोग अपनी शिकायतें ऑनलाइन भी दर्ज करा सकेंगे, जिससे उन्हें थाने के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
प्रदर्शनी और केस सुलझाने का प्रदर्शन
पुलिस अधिकारियों ने पीएम मोदी को केस सुलझाने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। इसके तहत हत्या का एक सीन प्रस्तुत किया गया, जिसमें कंट्रोल रूम से सूचना मिलने के बाद पुलिस की कार्रवाई, फोरेंसिक जांच, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग को दिखाया गया।
कोर्ट प्रक्रिया का मॉडल
एक नकली कोर्ट बनाकर पीएम मोदी को मुकदमे की पूरी प्रक्रिया – सुनवाई से लेकर सजा तक – समझाई गई।
उद्देश्य
यह दौरा क्रिमिनल लॉ में हो रहे बदलावों की प्रगति की समीक्षा और लोगों को न्याय सुलभ कराने के तरीकों को सुनिश्चित करने के लिए आयोजित किया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नई तकनीक और कानून के जरिए लोगों को न्याय मिलने में आसानी होगी।