News Update: नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप एक बार फिर विवादों में, हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट ने दिया ये बयान

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News Update:  नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप एक बार फिर विवादों में, हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट ने दिया ये बयान

Haryana News: हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के पूर्व अध्यक्ष BJP सांसद बृजभूषण और सस्पेंड अध्यक्ष संजय सिंह को लेकर बड़ा खुलासा किया है। विनेश ने दावा किया कि यह दोनों जयपुर में होने वाले नेशनल चैम्पियनशिप को लेकर पहलवानों को धमका रहे हैं। कई पहलवानों ने हमें बताया कि वह नेशनल खेलना चाहती हैं लेकिन उन पर दबाव बनाया जा रहा है।

विनेश ने कहा कि ये लोग फिर से अपनी घटिया मानसिकता का परिचय देने लग गए हैं और स्पष्ट कर रहे हैं कि ये लोग कितना खिलाड़ियों का भला चाहते हैं।

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) की नई बॉडी को खेल मंत्रालय ने 24 दिसंबर 2023 को सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद रेसलिंग फेडरेशन के मामलों के मैनेजमेंट के लिए एडहॉक कमेटी बनाई गई। यही कमेटी नेशनल चैम्पियनशिप करा रही है।
विनेश फोगाट के दावे की 5 अहम बातें

1. नेशनल चैम्पियनशिप से हम खुश थे
खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती फेडरेशन को भंग कर दिया था। इसके बाद भारतीय ओलिंपिक संघ ने एडहॉक कमेटी बनार्ठ। इस कमेटी ने 2 फरवरी से 5 फरवरी तक जयपुर (राजस्थान) में सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप कराने का निर्णय लिया। जब इसके बारे में हमें और साथी पहलवानों को पता चला तो खुश होना स्वाभाविक था।

2.संजय-बृजभूषण ने टीम न भेजने को कहा
जब संजय सिंह और उसके सहयोगी बृजभूषण को इसका पता चला तो उन्होंने घटिया खेल शुरू किया गया। उन्होंने एडहॉक कमेटी से अलग सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप कराने का फैसला ले लिया व राज्यों की फेडरेशनों में कब्जा जमाए बैठे अपने लोगों को जयपुर नेशनल चैंपियनशिप में टीम न भेजने का आदेश दिया।

3. बृजभूषण के लोग खिलाड़ियों को धमका रहे
पहले बृजभूषण द्वारा ये दुष्प्रचार किया गया की हम नेशनल नहीं होने देना चाह रहे, लेकिन अब कमेटी सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप करा रही है तो ये लोग फिर से अपनी घटिया मानसिकता का परिचय देने लग गए हैं और स्पष्ट कर रहे हैं कि ये लोग कितना खिलाड़ियों का भला चाहते हैं। बहुत सारे साथी खिलाड़ी हमें फोन करके बोल रहे हैं कि वह नेशनल खेलना चाहते हैं, लेकिन बृजभूषण के लोग उनको धमका रहे हैं।

4. फेडरेशनें भंग कर नई बनाई जाएं
इनको खिलाड़ियों के भविष्य से कोई मतलब नहीं है। इन्हें तो बस अपना दबदबा दिखाना है। पहले ये दबदबा पहलवान बेटियों को दिखा रहे थे, आज खेल मंत्रालय और भारत सरकार को दिखा रहे हैं। राज्यों की फेडरेशनों में इनके आदमी बैठे हैं, जब तक उन फेडरेशनों को भंग करके निष्पक्ष तरीके से फेडरेशनों का गठन नहीं किया जाएगा तब तक ये लोग ऐसे ही अपना दबदबा दिखाते रहेंगे।

5. दबदबा दिखाने वालों का परमानेंट इलाज करें
खेल मंत्रालय से निवेदन है कि सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप जरूर होनी चाहिए। अगर राज्य की फेडरेशन खिलाड़ियों को भाग लेने से रोक रही है तो ओपन नेशनल चैंपियनशिप ही क्यों ना हो, लेकिन खिलाड़ियों का भविष्य में कोई नुकसान नहीं होना चाहिए और दबदबा दिखाने वालों का स्थायी इलाज करना जरूरी है। ऐसे लोगों को वहीं भेजना जरूरी है जहां इन जैसी मानसिकता के लोगों की जगह है। हमने हमेशा कुश्ती का भला चाहा है और आखिरी सांस तक चाहते रहेंगे।

फेडरेशन की नई बॉडी निलंबित कर बनाई जा चुकी एडहॉक कमेटी
हाईकोर्ट के आदेश पर दिसंबर माह में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनाव हुए थे। इसमें बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह अध्यक्ष बने थे। संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद पहलवान साक्षी मलिक ने संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी।

इतना ही नहीं बजरंग पूनिया ने पद्मश्री अवॉर्ड और विनेश फोगाट ने अर्जुन अवॉर्ड वापस लौटा दिया था। इसके बाद भारतीय खेल मंत्रालय ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) की नई बॉडी को सस्पेंड कर दिया। 24 दिसंबर को मंत्रालय ने भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) से रेसलिंग फेडरेशन के मामलों के मैनेजमेंट के लिए एडहॉक कमेटी बनाने को भी कहा था और IOA ने एडहॉक कमेटी भी बना दी।

इसके बाद रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) को संचालित करने वाली एडहॉक कमेटी ने 1 जनवरी को घोषणा की कि नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप 2 से 5 फरवरी तक राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित की जाएगी। इसके बाद से ही विवाद फिर से बढ़ा हुआ है।

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