मोदी सरकार चीन और पाकिस्तान को सिखाएगी सबक ! बना ली बड़ी रणनीति !
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दिल्ली, 12 अप्रैल ( कमल वधावन ) : पाकिस्तान और चीन से सीमा विवाद के चलते भारत इस साल G-20 समिट की अध्यक्षता कर रहा है । इसी कड़ी में भारत, चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए आगामी G-20 और Y-20 की बैठक लेह और श्रीनगर में आयोजित कर रहा है. यह बैठक 26 से 28 अप्रैल और 22 से 24 मई को आयोजित होगी।
श्रीनगर और लेह में होने वाली जी-20 और वाई-20 की बैठक से पाकिस्तान को एक बार फिर मिर्ची लगी है । पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बॉडी की सदस्यता का फायदा उठा रहा है । जबकि ऐसा माना जा रहा है कि चीन भी इस बैठक का बॉयकॉट कर सकता है । तीन साल पहले भारतीय सुरक्षा बलों ने लद्दाख में एलएसी के पास पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों की भारी संख्या का पता लगाया था । चीन ने इससे पहले 26 मार्च को अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर में हुई जी-20 की प्रतिनिधियों की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था ।
जानकारी के मुताबिक, इस शिखर सम्मेलन में लगभग 80 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे । हालांकि, अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि कितने देशों ने अब तक इस बैठक में शामिल होने के लिए हामी भरी है । क्योंकि जी-20 में कई ओआईसी समूह के सदस्य देश भी हैं. ओआईसी समूह के सदस्य देशों ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन का विरोध किया था
पाकिस्तान को लगी मिर्ची
श्रीनगर और लेह में होने वाली जी-20 और वाई-20 की बैठक से पाकिस्तान ने आपत्ति जताते हुए कहा की जम्मू कश्मीर विवाद लगभग सात दशक से अधिक समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में है और इस तरह के आयोजन से जम्मू-कश्मीर की सच्चाई नहीं छुप सकती ।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा की लेह और श्रीनगर में जी-20 की दोनों बैठकें परेशान करने वाली है । भारत का यह गैर-जिम्मेदाराना कदम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन है ।
इसके अलावा पाकिस्तान ने यह आरोप लगाया कि भारत श्रीनगर और लेह में जी-20 की बैठक आयोजित कर अपने एजेंडे को बढ़ावा दे रहा है और एक बार फिर से एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बॉडी की सदस्यता का फायदा उठा रहा है ।पाकिस्तान ने कहा कि भारत का यह कदम दर्शाता है कि भारत किसी भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में काम करने में असमर्थ है ।
भारत का करारा जवाब
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान पर भारत की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि अरुणाचल प्रदेश में आयोजित बैठक को बॉयकॉट करने और गृह मंत्री अमित शाह के अरुणाचल दौरे पर विरोध जता रहे चीन को भारत ने करारा जवाब दिया है । गृह मंत्री अमित शाह के अरुणाचल दौरे के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोमवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा । चीन की इस तरह की आपत्तियों से सच्चाई बदल नहीं जाएगी।
इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने भी अरुणाचल प्रदेश में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को लॉन्च करते हुए कहा कि भारत की जमीन को हथियाने का जमाना अब चला गया है । चीन का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि सुई की नोक जितनी भी भारतीय जमीन कोई नहीं ले सकता ।
इसके अलावा मार्च में दिल्ली में आयोजित जी-20 की विदेश मंत्रियों की बैठक में भी भारत संयुक्त बयान नहीं जारी करवा पाया था । जी-20 की विदेश मंत्रियों की बैठक में ग्रुप ऑफ सेवन (G-7) के देशों ने रूस से तीखे मतभेदों के कारण फैमिली फोटो में शामिल होने से इनकार कर दिया था।