India-Canada Clashes: जानिए कनाडा-भारत विवाद के 3 बड़े असर, स्टूडेंट्स हो सकते है डिपोर्ट..!
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India-Canada Clashes: कनाडा और भारत के बीच शुरू हुए विवाद से दोनों देशों के बीच व्यापार ही नहीं, बल्कि वहां रह रहे लोगों पर भी असर पड़ेगा। सबसे ज्यादा मार पंजाबियों पर पड़ेगी, क्योंकि कनाडा में रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों में सबसे ज्यादा संख्या इन्हीं की है। कनाडा की कुल जनसंख्या का 2.6 प्रतिशत यानी 9 लाख 42 हजार 170 पंजाबी वहां रहते हैं। ये न केवल वहां नौकरी करते हैं, बल्कि अपना बिजनेस भी चलाते हैं।
कनाडा-भारत विवाद के 3 बड़े असर...
1. व्यापार में अरबों का नुकसान
दोनों देशों के व्यापार के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो 2021-22 वित्त वर्ष के दौरान भारत और कनाडा के बीच 7 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। जबकि वर्ष 2022-23 के वित्त वर्ष में 8.16 अरब डॉलर का व्यापार दोनों देशों के बीच हो चुका है। लेकिन जिस तरह से भारत ने कनाडा की धरती पर भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर व्यापार समझौतों पर रोक लगाई है उससे कारोबार प्रभावित हो सकता है।
2. कनाडा में पंजाबी किसान होंगे प्रभावित
कनाडा से भारत में अधिकतर कृषि और बागबानी से जुड़े उत्पाद ही भारत में सप्लाई होते हैं। कनाडा में इस बिजनेस पर भारतीय मूल के पंजाबियों का वर्चस्व है। कृषि और बागबानी कनाडा में लगभग पंजाबियों के हाथ में है। यदि भारत के कनाडा के साथ व्यापारिक संबंध ठीक न रहे तो इसकी सीधी मार कनाडा में कृषि और बागबानी के व्यवसाय से जुड़े लोगों पर पड़ेगी।
इसके असर के लिए नवंबर 2017 का उदाहरण भी देखा जा सकता है। भारत ने पीली मटर की दाल आयात पर अंकुश लगाने के लिए इस पर टैरिफ बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया था। इसका इस्तेमाल बेसन बनाने में होता है। इस प्रतिबंध का कनाडा के किसानों पर काफी बुरा असर पड़ा। कनाडा के किसानों को अपनी पैदावार कम कीमत पर पाकिस्तान को भेजनी पड़ी थी।
3. स्टूडेंट्स पर डिपोर्ट होने की तलवार
कनाडा में इस वक्त पंजाब के करीब 1.60 लाख स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। यह सब स्टडी वीजा पर कनाडा गए हैं। विवाद बढ़ा तो कनाडा सरकार इनको लेकर सख्ती कर सकती है। जिसमें इनको वीजा कैंसिल कर डिपोर्ट करना भी शामिल हो सकता है।
पंजाब से अधिकतर छात्र स्टडी के बहाने काम के लिए कनाडा ही जाते हैं। कनाडा को वीजा फीस, कॉलेज फीस और वहां पर रहने से दौरान जो टैक्स मिलता है उससे काफी कमाई है। कनाडा कभी नहीं चाहेगा कि उसकी यह इनकम खत्म हो।
अकेले पंजाब से ही एवरेज हर साल 50 हजार के करीब छात्र-छात्राएं विदेशी धरती पर काम के बहाने पढ़ने के लिए जाते हैं। यदि प्रति स्टूडेंट 25 लाख भी फीस मानी जाए तो 12,500 करोड़ रुपए सिर्फ पंजाब से विदेश में जाता है।