IAS-IPS : IAS और IPS में किसे मिलती है ज्यादा सैलरी और सुविधाएं, जानें क्या होता है अंतर

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IAS-IPS : आईएएस और आईपीएस दोनों ही भारतीय प्रशासनिक सेवाएं हैं, लेकिन इन दोनों के बीच कुछ मुख्य अंतर होते हैं:

 

पद की उच्चता: IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) का पद सबसे उच्च होता है। एक आईएएस अधिकारी संघ के तहत विभिन्न पदों पर नियुक्ति प्राप्त करता है, जो सरकारी नीतियों को अंजाम देने, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में प्रशासनिक कार्य निष्पादित करने, निरीक्षण करने, विकास को निर्देशित करने और लोगों के लिए सेवाएं प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। दूसरी तरफ़, आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) एक पुलिस अधिकारी के पद को संचालित करती है।

 

 

ट्रेनिंग: IAS अधिकारियों की प्रशिक्षण शास्त्री विद्यापीठ, मसूरी में (LBSNAA) और आईपीएस अधिकारियों की प्रशिक्षण वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA) में दी जाती है।

सैलरी: सामान्यतः, आईएएस और आईपीएस के पदधिकारियों की सैलरी समान होती है। एक आईएएस अधिकारी की सैलरी 56,100 रुपये प्रति माह होती है, जबकि डीजीपी (डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) के रैंक तक आईपीएस अधिकारियों की सैलरी 2,25,000 रुपये प्रति माह तक पहुंचती है।

कार्य क्षेत्र: IAS अधिकारी सरकारी कार्य के विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं, जबकि आईपीएस अधिकारी लव एनफोर्समेंट और न्यायिक प्रक्रियाओं से संबंधित होते हैं।

परीक्षा कठिनाई: आईएएस परीक्षा की प्रतिस्पर्धा आईपीएस परीक्षा की तुलना में अधिक कठिन होती है, और इसलिए आईएएस पदों के लिए विभाजिति बारंदा आईपीएस के मुकाबले अधिक ऊँचा होता है।

 

इन सर्विसेज के पदधिकारियों को अधिकांशतः समान सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, लेकिन उनके कार्य क्षेत्र, पदों की उच्चता और परीक्षा कठिनाई में अंतर होता है। इन दोनों सिविल सेवाओं में काम करना एक गर्व की बात है, और यह देश के प्रशासनिक और सुरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

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