GoodNews: देश में बढ़ रही है बाघों की संख्या, केंद्रीय वन राज्यमंत्री ने जारी किए आंकड़े

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देश में बढ़ रही है बाघों की संख्या, केंद्रीय वन राज्यमंत्री ने जारी किए आंकड़े

देश भर में बाघों की गुर्राहट बढ़ी है। चार वर्ष में बाघों की संख्या 3682 पहुंच गई है, जबकि 2018 में यह संख्या 2967 थी। बाघों की संख्या में 715 की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही भारत दुनिया के लगभग 75 प्रतिशत बाघों का आवास बन गया है। देश में 785 बाघों के साथ मध्य प्रदेश अव्वल है और उसका टाइगर स्टेट का दर्जा कायम है।

विश्व बाघ दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने देश के सभी 53 टाइगर रिजर्व में मौजूद व राज्यवार बाघों के आंकड़े जारी किए। इसके अनुसार, बाघों की संख्या में वार्षिक छह प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हो रही है। 

बाघ पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण अंग है। जिस उद्देश्य से टाइगर रिजर्व का गठन हुआ है हम उसमें आगे बढ़े हैं। बाघ संरक्षण के 50 वर्ष उपलब्धियों से भरे रहे हैं। भारत विश्व में सबसे अधिक बाघों वाला देश है। इसके चलते इनके संरक्षण व संवर्धन की चुनौतियां भी हमारे सामने हैं। 


पीएम ने अप्रैल में जारी किया था समग्र आंकड़ा

2018 के बाद 2022 में कराई गई गणना का समग्र परिणाम इस साल नौ अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मैसुरु में घोषित किया था। इसमें देश भर में न्यूनतम 3167 बाघ होने की घोषणा की गई थी। तब राज्यवार व टाइगर रिजर्व के हिसाब से सूची जारी नहीं हुई थी।

पांच टाइगर रिजर्व में एक भी बाघ नहीं, सात में सिर्फ एक

मिजोरम का डंपा टाइगर रिजर्व, अरुणाचल प्रदेश का कमलेंग, तेलंगाना का कवल टाइगर रिजर्व, उड़ीसा के सटकोसिया व सहायद्री टाइगर रिजर्व में एक भी बाघ नहीं मिला है। इसके अलावा बंगाल के बक्सा, अरुणाचल के नामदफा, राजस्थान के रामगढ़ विषधारी और मुंकदरा, झारखंड के पलामू, छत्तीसगढ़ के सीतानदी व इंद्रावती टाइगर रिजर्व में सिर्फ एक-एक बाघ की ही मौजूदगी मिली है। इसके अलावा कई ऐसे टाइगर रिजर्व भी हैं जहां संख्या पांच से भी कम है।

कई राज्यों में जहां बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, वहीं अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और झारखंड में कुछ वर्षों के दौरान इसमें गिरावट दर्ज की गई है। 

बाघ परियोजना के 50 साल पूरे
भारत में बाघ परियोजना के 50 साल पूरे हो गए। भारत सरकार ने 1973 में बाघ परियोजना शुरू की थी। इसका प्राथमिक उद्देश्य देश में बाघों की सुरक्षा और जैव विविधता का संरक्षण करना था।

 राज्यवार बाघों की संख्या (शीर्ष 10) 

2018 से 2022 में 

मध्य प्रदेश- 526- 785, 
कर्नाटक- 524-563, 
उत्तराखंड- 442-560, 
महाराष्ट्र- 312-444, 
तमिलनाडु- 264 306,
असम- 190 227,
केरल- 190 213, 
उत्तर प्रदेश- 173 205, 
बंगाल- 88 101 ,
राजस्थान- 69 88 

रिजर्व में बाघों की संख्या
कार्बेट टाइगर रिजर्व (उत्तराखंड) -260, बांदीपुर टाइगर रिजर्व (कर्नाटक)-150, नागरहोल टाइगर रिजर्व (कर्नाटक)-141, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (मध्यप्रदेश)-135 ,दुधवा टाइगर रिजर्व (उप्र) – 135 ,मदुमलाई टाइगर रिजर्व (तमिलनाडु) -114 ,कान्हा टाइगर रिजर्व (मध्य प्रदेश) -105, काजीरंगा टाइगर रिजर्व (असम) -104 ,सुंदरवन टाइगर रिजर्व (बंगाल) -100, ताडोबा अंधेरी टाइगर रिजर्व (महाराष्ट्र) -97, सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व (तमिलनाडु) -85

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