G20 Summit New Delhi: इस स्ट्रीट आर्टिस्ट ने जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली की दीवारों को सजाया अपने रंगों से, फॉर्च्यून 500 कंपनियों के साथ के साथ कर चुके है काम

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G20 Summit New Delhi: इस स्ट्रीट आर्टिस्ट ने जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली की दीवारों को सजाया अपने रंगों से, फॉर्च्यून 500 कंपनियों के साथ के साथ कर चुके है काम

G20 Summit New Delhi:  18वें जी20 शिखर सम्मेलन से पहले नई दिल्ली को अपनी पेंटिंग के जरिए सजाने का श्रेय योगेश सैनी को जाता है। 60 वर्षीय इंजीनियर योगेश सैनी दिल्ली स्ट्रीट आर्ट (डीएसए) के संस्थापक हैं। योगेश ने अमेरिका में एमबीए की डिग्री भी हासिल की है।
नौ सितंबर से नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत होने जा रही है। विदेशी मेहमानों के भारत आने से पहले एक ओर जहां सुरक्षा के कई कड़े इंतजाम किए गए हैं तो दूसरी ओर राजधानी को दुल्हन की तरह सजाया गया है। राजधानी के कोने-कोने में दीवारों पर आकर्षक कलाकृतियां उकेरी गई हैं। इसके साथ ही दीवारों पर पेंटिंग के जरिए भी इसे दर्शनीय बनाया गया है। कम ही लोगों को पता होगा कि अपने भित्तिचित्रों से दिल्ली को नया स्वरूप देने वाले कलाकार योगेश सैनी हैं।

कौन हैं योगेश सैनी?
18वें जी20 शिखर सम्मेलन से पहले नई दिल्ली को अपनी पेंटिंग के जरिए सजाने का श्रेय योगेश सैनी को जाता है। 60 वर्षीय इंजीनियर योगेश सैनी दिल्ली स्ट्रीट आर्ट (डीएसए) के संस्थापक हैं। डीएसए के मुताबिक, सैनी एक नेचर फोटोग्राफर, ब्लॉगर और डिजिटल कलाकार हैं, जिन्होंने कई यात्रावृतांत प्रकाशित किए हैं। दिल्ली से ताल्लुक रखने वाले योगेश ने अमेरिका में एमबीए की डिग्री भी हासिल की है। 

कूड़ेदान की पेंटिंग से शुरू हुआ सफर 
योगेश सैनी दो दशक तक विदेश में रहे और फॉर्च्यून 500 कंपनियों के साथ काम किया और साथ ही अमेरिका और भारत में स्टार्टअप भी लॉन्च किए। बतौर इंजीनियर अमेरिका में दशकों समय बिताने के बाद सैनी भारत लौट आए। 

सैनी 2013 से दिल्ली में फिर से रहने लगे और इसलिए जिस शहर में वे पले-बढ़े हैं, उसके लिए कुछ खास करने की इच्छा महसूस हुई। उन्होंने 2013 में डीएसए शुरू करने का विचार रखा। यह विचार उनके मन में लोधी गार्डन में जॉगिंग के दौरान आया, जहां उन्हें एहसास हुआ कि लोग नए कूड़ेदान लगाने के बावजूद आसपास के वातावरण को साफ नहीं रख रहे।

उन्होंने जल्द ही नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के साथ साझेदारी करते हुए 'स्ट्रीट आर्ट सैटरडेज' का आयोजन किया, जहां कलाकार कूड़ेदान को पेंट करने के लिए इकट्ठा होते थे। एक स्ट्रीट आर्टिस्ट के रूप में सैनी की यात्रा लोधी गार्डन में कूड़ेदानों के सौंदर्यीकरण के साथ शुरू हुई।

योगेश की पेंटिंग ने लोधी को दिलाई आर्ट डिस्ट्रिक्ट की पहचान 
दिल्ली स्ट्रीट आर्ट को राजधानी के कई क्षेत्रों को नया स्वरूप देने का श्रेय दिया जाता है। लोधी कॉलोनी में डीएसए के काम ने इसे 'लोधी कला जिला' का दर्जा दिलाया है। लोधी कॉलोनी की सरकारी क्वार्टरों की एक समय सूनी दीवारें अब बेहद सुंदर नजर आती हैं। 

कनॉट प्लेस का शंकर मार्केट एक समय पर खरीदारी के लिए मशहूर जगह हुआ करती थी जिसकी रौनक धीरे-धीरे कम होती गई। हालांकि, यहां भी ग्राहकों की संख्या बढ़ाने के लिए संगीत, नृत्य और नाटक के दृश्यों को दीवारों पर उकेरा गया। ऐसा ही कायाकल्प नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी हुआ जब डीएसए ने दीवारों को सुंदर भित्तिचित्रों से रंग दिया। 

2018 में दिल्ली की कई झुग्गियों का भी रंगरोगन किया गया। डीएसए ने नेहरू प्लेस और जनकपुरी सहित राष्ट्रीय राजधानी के कई क्षेत्रों के बदलाव का श्रेय मिलता है। 2021 में डीएसए टीम ने पूसा रोड पर भारत के पैरालंपिक चैंपियन के लिए वाल ऑफ ऑनर बनाई थी।

एक साक्षात्कार में योगेश सैनी ने बताया था, 'मैं कला से चीजों को सुंदर बनाना चाहता हूं... लोगों को जोड़ना और कला के बारे में बात करना चाहता हूं। मुझे हमेशा से कला में रुचि थी और मैं एक बच्चे के रूप में रेखाचित्र बनाता था।'

2019 में सैनी के कामों का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी किया था। उन्होंने कहा था, “मैं योगेश सैनी और उनकी टीम की कहानी देख रहा था। वह एक इंजीनियर हैं जो अमेरिका में अपनी नौकरी छोड़कर भारत माता की सेवा के लिए लौट आए। उन्होंने न केवल दिल्ली को साफ करने के लिए, बल्कि इसे सुंदर बनाने के लिए दस्ताने उठाए। उन्होंने अपनी टीम के साथ शुरुआत लोधी गार्डन के कूड़ेदानों से की। स्ट्रीट आर्ट के माध्यम से उन्होंने दिल्ली के कई इलाकों को आकर्षक चित्रों से सजाया है। ओवरब्रिज से लेकर स्कूल की दीवारों से लेकर झोपड़ियों तक उन्होंने अपनी प्रतिभा को दिखाया और एक प्रभावी अभियान की तर्ज पर भारी जनसमर्थन हासिल किया।

जी20 शिखर सम्मेलन के लिए साउथ एक्सटेंशन फ्लाईओवर पर एक भित्ति चित्र बनाया गया है जिसमें गुब्बारे बेंचने वालों, पुस्तक बेंचने वालों, पान बेंचने वालों और फूल बेंचने वालों को सम्मान दिया गया है। दक्षिणी दिल्ली के मूलचंद फ्लाईओवर के खंभों को भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर के हरे और नीले रंग में रंगा गया है। नेहरू प्लेस में जी20 देशों के स्मारकों के भित्ति चित्र बनाए गए हैं।

दिल्ली हाट और आईएनए बाजार के बीच के खंभे पारंपरिक गोंड और मधुबनी कला चित्रों से सजे हैं। जी20 शिखर सम्मेलन प्रगति मैदान में बने भारत मंडपम में आयोजित होगा। इसके करीब दिल्ली की रिंग रोड का भी सौंदर्यीकरण किया गया है।

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