Anantnag Encounter: 'भारत माता की जय' के नारों के बीच शहीद को दी विदाई, हजारों लोग पहुंचे शहीद के अंतिम दर्शन के लिए

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 Anantnag Encounter:  'भारत माता की जय' के नारों के बीच शहीद को दी विदाई, हजारों लोग पहुंचे शहीद के अंतिम दर्शन के लिए 

Anantnag Encounter:  दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों और जवानों के बीच हुई मुठभेड़ में बलिदान हुए मेजर आशीष धौंचक को अंतिम विदाई दी जा रही है। मेजर आशीष धौंचक का शव अंतिम संस्कार के लिए गांव बिंझौल ले जाया जा रहा है। जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को पैदल अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा। उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है।


'भारत माता की जय' के लगाए नारे
मेजर आशीष धौंचक का शव अंतिम संस्कार के लिए गांव बिंझौल पहुंचा दिया गया है। अब से कुछ ही देर में उनका शव बिझौल पहुंचा दिया जाएगा, जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को पैदल अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा। मेजर आशीष को अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा है। उनके पार्थिव शरीर को ले जाते समय पानीपत में स्कूली छात्रों और स्थानीय लोगों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए।

अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे लोग
उनके अंतिम दर्शन को लेकर लोग पहुंच रहे हैं। वहीं, गांव में जलोगह जगह पर बच्चों से लेकर महिलाएं भी उनके अंतिम दर्शन को लेकर खड़ी हैं। जो पुष्प वर्षा करेंगी। गांव के लोगों का कहना है कि उन्हें अपने मेजर आशीष पर गर्व है। जिसने देश के लिए प्राणों का बलिदान दिया। उनका आशीष अमर रहेगा। दूसरी ओर जिले के प्रशासनिक अधिकारी भी उनके गांव में पहुंचे हैं।

आंतकियों से लौहा लेते हुए बलिदान
बता दें कि दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते समय जिले के गांव बिंझौल निवासी मेजर आशीष धौंचक भी बलिदानी हो गए थे। उनको बचपन से ही फौज की वर्दी से प्रेम था। शहर के एनएफएल टाउनशिप स्थित केंद्रीय विद्यालय में देशभक्ति पर नाटक का मंचन करते समय फौजी का रोल निभाते थे। वो दो मई को साले की शादी में आए थे। इस दौरान 10 दिन घर रहे थे। इसके बाद वे पत्नी ज्योति व तीन वर्षीय बेटी वामिका को सेक्टर सात के मकान पर छोड़ गए थे।

23 अक्टूबर को 36वें जन्मदिन पर आना था घर
मेजर आशीष धौचक के टीडीआइ सिटी में मकान का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। 23 अक्टूबर को आशीष को अपने 36वें जन्मदिन पर घर आना था। उसी दिन मकान का गृहप्रवेश होना था। जन्म दिन भी मनाया जाना था। इसी की तैयारी में परिवार जुटा था। लेकिन उस समय परिवार की सारी खुशियां गम में बदल गई, जबकि आशीष के आने की बजाय उसके बलिदान की खबर आई। 

बच्चों के साथ महिलाएं भी अंतिम दर्शन को उमड़ी
मेजर आशीष के अंतिम दर्शनों को लेकर हर कोई लालायित है। शहर से लेकर गांव तक में जगह जगह पर बच्चों से लेकर महिलाएं उनके अंतिम दर्शन को लेकर जगह जगह पर खड़ी है। उनके हाथों में पुष्प है। जो उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा करेंगी। महिलाएं के चेहरे पर बेटे के जाने का गम भी है, लेकिन सीने में बेटे के बलिदानी होने का गर्व भी है। ग्रामीण महिला राजो देवी ने कहा कि भगवान ऐसा बेटा सभी को दे। ऐसा मौका हर किसी को नहीं मिलता है। ये हमारे लिए गर्व की बात है। दूसरी ओर राजनीतिक लोग नवीन जयहिंद, संदीप शर्मा खलीला सहित अन्य लोग भी पहुंचे हैं।

पार्थिव शरीर पहुंचा तो हर आंख से निकल आए आंसू
मेजर आशीष के पार्थिव शरीर को शुक्रवार सुबह ही उनके टीडीआई स्थित निवास पर लाया गया। ऐसे में सुबह से ही उनके निवास स्थान पर पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन को लेकर लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर टीडीआई स्थित निवास पर पहुंचा तो हर किसी की आंखों से आंसू निकल आए। बहनें-भाई के पार्थिव शरीर को देख फूटकर रो पड़ी।
 

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