Amritsar-Jamnagar Expressway : 13 घंटे में तय करेंगे अमृतसर से जामनगर की दूरी, जानिए एक्सप्रेसवे की खास खूबियां

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Amritsar-Jamnagar Expressway : 13 घंटे में तय करेंगे अमृतसर से जामनगर की दूरी, जानिए एक्सप्रेसवे की खास खूबियां

Amritsar-Jamnagar Expressway : भारत माला परियोजना के तहत देश के सबसे बड़े हाईवे में से एक अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को बनाया जा रहा है, इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1256 किलोमीटर है. इसके 915.85 किलोमीटर हिस्से को ग्रीनफील्ड अलाइनमेंट के तरह से डेवलप किया जा रहा है, बाकी का भाग पहले से ही राष्ट्रीय राजमार्ग है. इसमें भी बदलाव किए जा रहे हैं. इस हाईवे के बनने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को इस एक्सप्रेसवे के एक हिस्से का लोकार्पण करेंगे.

खर्च होंगे 80 हजार करोड़ 
इस प्रोजेक्टर पर 80 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. 2025 तक यह पूरा बनकर तैयार हो जाएगा. इसका निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) कर रही है. पंजाब में कपूरथला जिले के टिब्बा गांव से शुरू होने वाला यह हाईवे जामनगर में खत्म होता है. राजस्थान वाले हिस्से के निर्माण कार्य की अनुमानित लागत 15,000 करोड़ रुपए है।

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चार बड़े राज्यों को करेगा कनेक्ट
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे देश के 4 बड़े राज्यों को कनेक्ट करेगा. इससे पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात एक साथ जुड़ेंगे प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया था कि अमृतसर को जामनगर से जोड़ने वाला 917 किमी लंबा यह ग्रीनफील्ड 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड कॉरिडोर उत्तरी और मध्य भारत के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा

अमृतसर जामनगर कॉरिडोर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के 15 जिलों से होकर गुजरेगा. यह एक्सप्रेसवे पंजाब, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को जामनगर और कांडला के प्रमुख बंदरगाहों से कनेक्ट करेगा.

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7 बंदरगाह और 9 प्रमुख एयरपोर्ट जुड़ेंगे
इस कॉरिडोर से 7 बंदरगाह, 9 प्रमुख एयरपोर्ट और एक मल्टी मोडल लॉजिस्टिक पार्क भी जुड़ेंगे. इस एक्सप्रेसवे से अमृतसर, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और कच्छ जैसे पर्यटन स्थलों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, बठिंडा, बाड़मेर और जामनगर की 3 प्रमुख तेल रिफाइनरियों को जोड़ने वाला भारत का यह पहला एक्सप्रेसवे होगा.

इस एक्सप्रेसवे को मुख्य रूप से वाण्जियिक कारणों से विकसित किया जा रहा है. यह कांडला और जामनगर बंदरगाह से उत्तर भारत के कृषि क्षेत्रों को जोड़ेगा. इस रास्ते माल ढुलाई और निर्यात करना काफी सरल हो जाएगा.

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होगा सबसे ज्यादा फायदा
इस एक्सप्रेसवे से यात्रा के समय में काफी कमी आएगी और प्रमुख शहरों एवं औद्योगिक गलियारों के बीच परिवहन सुविधा में सुधार होगा. इस एक्सप्रेसवे के पूरी तरह से बन जाने पर अमृतसर से जामनगर की दूरी 1,430 से घटकर सिर्फ 1.256 किलोमीटर रह जाएगी. इतना ही नहीं आत्याधुनिक हाईवे के चलते अमृतसर से जामनगर का सफर 26 घंटे से घटकर सिर्फ 13 घंटे का होगा.

इस एक्सप्रेसवे से अमृतसर, बीकानेर, कच्छ और जामनगर को सबसे ज्यादा फायदा होगा. गुजरात के कांडला पोर्ट तक माल लाने और ले जाने वाले वाहनों को अब काफी कम समय लगेगा. बताया गया है कि पंजाब से गुजरात व के सफर में पूर्व में लगने वाला समय अब आधे से भी कम रह जाएगा.



एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से होगा लैस
इस एक्सप्रेसवे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम होगा. एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रॉनिक्स टोल प्लाजा होंगे. यानी आप जितनी दूरी तय करेंगे, उतना ही टोल कटेगा. इसमें जगह जगह इलेक्ट्रॉनिक वाहन चार्जिंग पॉइंट बनाए गए हैं. इस एक्सप्रेस वे से वाहन 120 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे.

भविष्य में इस 6 लेन हाईवे को 10 लेन भी किया जा सकता है. अमृतसर जामनगर एक्सप्रेसवे को भारतीय और पाकिस्तानी सीमाओं के करीब बनाया जा रहा है, जो अंततः सीमाओं के करीब सैन्य ठिकानों के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी को सक्षम करेगा.

आठ खंडों में किया गया है विभाजित इस एक्सप्रेसवे का राजस्थान में 537 किमी का हिस्सा है, जो बनकर तैयार हो चुका है. इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर फेंसिंग के जरिए दीवार बनाई गई है. अमृतसर जामनगर एक्सप्रेसवे के निर्माण को आठ खंडों या चरणों में विभाजित किया गया है, जिनमें से पांच ग्रीनफील्ड खंड होंगे, और शेष तीन ब्राउनफील्ड प्रकार होंगे।

यदि प्रत्येक अनुभाग के निर्माण चरणों को जोड़ दिया जाए, तो कुल 30 विकास पैकेज होंगे।

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