Allocated Budget Returned to Govt.: जानिए क्यों कृषि मंत्रालय लौटा रहा है हर साल मिलने वाला बजट, यहाँ से वापस हुई राशि
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Allocated Budget Returned to Govt.:चाहे आपकी घर-गृहस्थी की बात हो या भारत सरकार (Bharat Sarkar) की। पैसे की तंगी हर जगह होती है। भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय भी हर साल बजट से अधिक से अधिक आवंटन की मांग रखते हैं। उसमें कुछ को मनोवांछित राशि मिलती है तो किसी को आश्वासन। लेकिन केंद्र सरकार का कृषि मंत्रालय अहलदा है। यह मंत्रालय आवंटित पैसे को ही खर्च नहीं कर पाता है। तभी तो पिछले पांय साल में यह एक लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा पैसा लौटा दिया या सरेंडर कर दिया है।
नहीं हो पाया उपयोग
कृषि मंत्रालय (Agri Ministry) की एक रिपोर्ट से इस बात का पता चला है। हालांकि वित्त मंत्रालय ने हाल के वर्षों में कृषि मंत्रालय के बजट में बढ़ोतरी की है, लेकिन मंत्रालय ने इसका पूरा उपयोग नहीं किया है। इसने पिछले पांच वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि को सरेंडर कर दिया है। “Accounts at a Glance for the Year 2022-2023” के मुताबिक कृषि और किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू) ने पिछले वित्तीय वर्ष (2022-2023) के दौरान अपने 1.24 लाख करोड़ रुपये के वार्षिक आवंटन में से 21,005.13 करोड़ रुपये वापस कर दिए। यह इससे एक वर्ष पहले, मतलब कि साल 2021-22 के दौरान विभाग द्वारा सरेंडर की गई राशि का लगभग चार गुना है। उस साल मंत्रालय को 1.23 लाख करोड़ रुपये का आवंटन हुआ था और 5,152.6 करोड़ रुपये वापस कर दी गई थी। विभाग ने 2020-21 में 23,824.53 करोड़ रुपये, 2019-20 में 34,517.7 करोड़ रुपये और 2018-19 में 21,043.75 करोड़ रुपये सरेंडर किए।
कहां से वापस हुई राशि
कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (Department of Agricultural Research and Education), जो मंत्रालय के अंतर्गत आता है, ने साल 2022-23 में अपने कुल आवंटन 8,658.91 करोड़ रुपये में से 9 लाख रुपये, 2021-22 में 1.81 करोड़ रुपये, 2020-21 में 600 करोड़ रुपये, रुपये सरेंडर कर दिए हैं। साल 2019-20 में इसन 232.62 करोड़ और 2018-2019 में 7.9 करोड़ रुपये वापस किए।
बढ़ा दिया गया कृषि बजट
वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान केंद्र सरकार ने महत्वाकांक्षी पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी। इसी के साथ कृषि मंत्रालय का बजट बढ़ा दिया गया। साल 2018-19 के दौरान मंत्रालय के दोनों विभागों का संयुक्त बजट 54,000 करोड़ रुपये था। उस समय केंद्र का संपूर्ण बजट 24.42 लाख करोड़ रुपये था। उस समय कुल बजट के मुकाबले कृषि मंत्रालय का आवंटन 2.3% था। यह साल 2022-23 में बढ़ कर 1.32 लाख करोड़ रहो गया। उस समय केंद्र सरकार का कुल बजट 39.44 लाख करोड़ रुपये का हो गया। तब कृषि मंत्रालय का बजट बढ़ कर कुल बजट का 3.5% हो गया। पिछले पांच वर्षों के दौराना इस योजना का वार्षिक आवंटन 20,000 करोड़ रुपये से 75,000 करोड़ रुपये के बीच रहा है।
सरेंडर हो रही है राशि तो घट गया आवंटन
हर साल कृषि मंत्रालय से लाखों करोड़ रुपये सरेंडर हो रहे हैं। शायद यही वजह है कि वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कृषि मंत्रालय के कुल आवंटन को 2022-23 में 1.32 लाख करोड़ रुपये से मामूली रूप से घटाकर 1.25 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।
स्थायी समिति ने आपत्ति की है
कृषि मंत्रालय द्वारा फंड सरेंडर के मुद्दे को पीसी गद्दीगौदर (P C Gaddigoudar) की अध्यक्षता वाली कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर संसद की स्थायी समिति ने भी उजागर किया है। समिति ने सरकार से फंड सरेंडर की "प्रैक्टिस" से बचने के लिए कहा है।