Badrinath Dham : केदारनाथ के बाद अब भगवान बद्रीनाथ धाम के खुले कपाट! जानिए क्या है बद्रीनाथ धाम की धार्मिक मान्यता ?
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बद्रीनाथ धाम, 27 अप्रैल ( ब्यूरो ) : भारी बर्फबारी के बीच केदारनाथ के बाद अब भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट भी यात्रियों के लिए खुल गए हैं । कपाट खुलने के बाद श्रद्धालु वहां जयकारे लगाने के साथ झूमते हुए नजर आए । हर साल की तरह इस साल भी पहली पूजा और आरती देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से हुई । आईटीबीपी के बैंड के अलावा गढ़वाल स्काउट्स भी इस मौके पर प्रस्तुति दी। कपाट खुलने से पहले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद मंदिर पहुंच गए थे । मंदिर को 15 टन से अधिक फूलों से सजाया गया है।
क्या हैं धार्मिक मान्यता ?
मान्यता है कि 12 महीने भगवान विष्णु जहां विराजमान होते हैं, उस सृष्टि के आठवें बैकुंठ धाम को बद्रीनाथ के नाम से जाना जाता है । मान्यता है कि भगवान विष्णु यहां 6 महीने विश्राम करते हैं और 6 महीने भक्तों को दर्शन देते हैं । वहीं दूसरी मान्यता यह भी है कि साल के 6 महीने मनुष्य भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो बाकी के 6 महीने यहां देवता भगवान विष्णु की पूजा करते हैं जिसमें मुख्य पुजारी खुद देवर्षि नारद होते हैं ।
चारधाम यात्रा का होगा आगाज
बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा शुरू हो गई है । इस दिन का चयन टिहरी नरेश करते हैं जो कि एक पुरानी परंपरा रही हैं। पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल बताते हैं कि जिस तारीख से वैशाख शुरू हो वही तिथि से बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाते हैं और परंपरा के अनुसार नरेंद्र नगर के टिहरी नरेश की तारीख तय करते हैं । परंपराओं के अनुसार यहां 6 महीने मनुष्य और 6 महीने देवता भगवान विष्णु की आराधना करते हैं ।