पेट्रोकेमिकल्स और गैस कारोबार में 1.4 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी बीपीसीएल
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नई दिल्ली, सार्वजनिक क्षेत्र की भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) अगले पांच वर्षों में पेट्रोकेमिकल्स, सिटी गैस और क्लीन एनर्जी में 1.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी, क्योंकि वह विकास के लिए नॉन-फ्यूल कारोबार पर विचार कर रही है। बता दें कि बीपीसीएल, देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल शोधन और ईंधन विपणन कंपनी है। कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अरुण कुमार सिंह ने फर्म की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि हम जोखिम को कम करते हुए उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए अपनी रणनीतियों का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं।
दुनिया भर के देश स्वच्छ, कार्बन मुक्त ईंधन का विकल्प चुन रहे हैं। तेल कंपनियां अपने मुख्य हाइड्रोकार्बन संचालन को जोखिम से बचाने के लिए व्यवसायों की तलाश कर रही हैं। गैस को विद्युत गतिशीलता और हाइड्रोजन पिक गति के रूप में एक संक्रमण ईंधन के रूप में देखा जा रहा है। प्रबंध निदेशक अरुण कुमार सिंह ने कहा कि कंपनी ने अतिरिक्त राजस्व प्रवाह बनाने और तरल जीवाश्म-ईंधन व्यवसाय में किसी भी संभावित भविष्य में गिरावट के विपरीत बचाव करने के लिए वैकल्पिक व्यवसायों में विविधता लाने और विस्तार करने की योजना बनाई है।
बीपीसीएल के पास देश के 83,685 पेट्रोल पंपों में से 20,217 का स्वामित्व है। कंपनी न केवल पेट्रोल और डीजल की बिक्री कर रहा है, बल्कि ईवी चार्जिंग के साथ-साथ हाइड्रोजन जैसे भविष्य के ईंधन भी उपलब्ध करा रहा है। प्रबंध निदेशक ने कहा कि बदलते समय के साथ खुद को फिर से स्थापित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हम अपने ईंधन स्टेशनों को ऊर्जा स्टेशनों में बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं और आगे बढ़ रहे हैं, जहां गतिशीलता के लिए सभी प्रकार के ऊर्जा समाधान, जैसे पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस, ईवी समाधान, फ्लेक्सी ईंधन और हाइड्रोजन उपलब्ध होगा।
आपको बता दें कि BPCL के पास भारत की 251.2 मिलियन टन की तेल शोधन क्षमता का 14 प्रतिशत हिस्सा है। इसकी मुंबई, मध्य प्रदेश के बीना और केरल के कोच्चि में रिफाइनरियां हैं।