Womens Day: हरियाणा के अंबाला जिले में "महिला दिवस" के अवसर पर किया गया एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन
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वर्मा जी ने कहा कि मैं लगभग आधी सदी के बाद इस कॉलेज में आया हूं। मुख्य अतिथि ने अपने भाषण में मुख्य रूप से बालिका शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और महिला को भगवान के बराबर का दर्जा दिया। उन्होंने बाबा नानक की विचारधारा के अनुरूप 'सो क्यों मंदा आखिये, जीत जम्मे राजान' के महत्व पर जोर दिया। वर्मा जी ने कहा कि हमें महिलाओं का दिल से सम्मान करना चाहिए। वर्मा जी की नाटकों की लगभग 88 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और उन्हें कई सम्मान भी प्राप्त हुए हैं, जिनमें पंजाब सरकार द्वारा प्राप्त "शिरोमणि नाटककार" प्रमुख है। उन्हें पंजाबी साहित्य अकादमी द्वारा 'रंग मंच दा कोहिनूर' आदि की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था। उनके स्टार बेटे परमीश वर्मा के साथ बनी पंजाबी फिल्म 'मैं ते बापू' पंजाबी जगत में काफी लोकप्रिय है।
कार्यक्रम प्रभारी डॉ. कर्णदीप सिंह, अध्यक्ष पंजाबी विभाग ने मंच संचालन की भूमिका बखूबी निभाई और डॉ. वर्मा को अपने द्वारा लिखे गए नाटकों की तीन पुस्तकें भी भेंट कीं। कॉलेज प्राचार्य प्रोफेसर सतबीर सिरोही ने कहा कि वर्मा जी जो कई भाषाओं से परिचित हैं, हमारे कॉलेज में आकर उन्होंने अपने विचारों से हमारे कॉलेज को काफी प्रभावित कर दिया और उनका भाषण भविष्य में हमारे बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होगा और हम उन्हें भविष्य में इस कॉलेज में दोबारा आने का अनुरोध करेंगे।
कार्यक्रम की विदाई डाॅ. राजपाल जो कि राजनीतिक विभाग के प्रमुख थे उन्होंने की । पंजाबी साहित्य सभा की ओर से मुख्य अतिथि सहित सभा की अध्यक्ष नवनीत कौर, उपाध्यक्ष कार्तिक, हरप्रीत, कुलविंदर, अमन देवी और कार्यक्रम संयोजक डॉ. करणदीप सिंह आदि ने मिलकर मुख्य अतिथि को सम्मानित किया।