Tau Baljit jalebi : कश्मीर से कन्याकुमारी तक मशहूर हो चुकी है ताऊ बलजीत की देशी घी की जलेबी !

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Tau Baljit

कश्मीर से कन्याकुमारी तक मशहूर हो चुकी है ताऊ बलजीत की देशी घी की जलेबी

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 में पर्यटकों के स्वाद को पूरा करने के लिए ताऊ बलजीत ने लगाए है स्टॉल

लगभग 400 रुपए प्रति किलो के हिसाब से पर्यटक खरीद रहे हैं जलेबी

Tau Baljit jalebi : कश्मीर से कन्याकुमारी तक कई प्रदेशों में ताऊ बलजीत की देशी घी की जलेबी मशहूर हो चुकी है। इस जलेबी का बेलगांव, कर्नाटक, पांडुचेरी, हैदराबाद, गोवा, शिमला, देहरादून, मेरठ, पंथ नगर, लुधियाना सहित अन्य प्रदेशों के लोग बेसब्री के साथ इंतजार करते है। खास बात यह है कि ताऊ बलजीत ने हरियाणा, पंजाब और कर्नाटक के पर्यटकों के लिए प्रति किलो दाम में छूट भी देते है। इस वर्ष महोत्सव-2024 में पर्यटकों के स्वाद को पूरा करने के लिए ताऊ बलजीत ने अपने स्टॉल लगाए है।

इस महोत्सव में आने वाले पर्यटक अपने आप ही ताऊ बलजीत के जलेबी के स्टॉल की तरफ खींचे चले आते है। देशी घी में तैयार की जाने वाली इस जलेबी की सौंधी-सौंधी खुशबू से बच्चे, युवा और बुजुर्ग भी अपने आपको जलेबी को खाने से रोक नहीं पाते है। अहम पहलू यह है कि पर्यटकों की मांग को पूरा करने के लिए ताऊ बलजीत ने ब्रह्मसरोवर के दोनो तरफ स्टॉल को स्थापित किया गया है।

सोनीपत के गांव गोसाना निवासी ताऊ बलजीत ने बातचीत करते हुए बताया कि पिछले 11 सालों से कुरुक्षेत्र गीता महोत्सव में पर्यटकों के स्वाद को बढ़ाने के लिए गोहाना की प्रसिद्ध जलेबियों को लेकर आ रहे हैं और इस बार वे अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव में स्टॉलों पर शहर वासियों के लिए देशी घी वाली जलेबियां लेकर आएं है। इस वर्ष एक किलो जलेबी का दाम लगभग 400 रुपए रखा गया है।

एक जलेबी का वजन 250 ग्राम हैं। शुद्धता के साथ देशी घी से जलेबी बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें व उनके परिजनों विजय कुमार व सुनील कुमार को महोत्सव का तो बेसब्री से इंतजार रहता है, इसलिए वे महोत्सव में पर्यटकों के लिए देशी घी से बनी जलेबियां लेकर आएं है। यहां आकर उन्हें सुकून मिलता है और पर्यटकों को स्वादिष्ठ जलेबी खिलाकर मन को भी संतुष्टि मिलती हैं। इसलिए पर्यटकों के स्वाद का विशेष ध्यान रखा जाता है।

उन्होंने बताया कि वे करीब 4 दशकों से जलेबी बनाने का काम कर रहे है। महोत्सव में आने वाले विदेशी पर्यटक भी उनकी जलेबी के कद्रदान है और बड़े चाव के साथ जलेबी के स्वाद को चखने के लिए उनके स्टॉलों पर पहुंचते है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और केडीबी द्वारा उन्हें हर बार पूरा सहयोग मिलता है। प्रशासन द्वारा महोत्सव के दौरान सुरक्षा के साथ-साथ अन्य सभी पुख्ता प्रबंध किए गए है।

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