Haryana's Doctors on Strike: आज हरियाणा के अस्पतालों में नहीं भर्ती होंगे नए मरीज, OPD सहित ये सेवाएँ ठप्प, कड़कती ठंड में बुजुर्गों और बच्चों को होगी परेशानी

₹64.73
Haryana's Doctors on Strike: आज हरियाणा के अस्पतालों में नहीं भर्ती होंगे नए मरीज, OPD सहित ये सेवाएँ ठप्प, कड़कती ठंड में बुजुर्गों और बच्चों को होगी परेशानी

Haryana's Doctors on Strike: आज हरियाणा के अस्पतालों में नहीं भर्ती होंगे नए मरीज, OPD सहित ये सेवाएँ ठप्प, कड़कती ठंड में बुजुर्गों और बच्चों को होगी परेशानी 

Haryana's Doctors on Strike: हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में आज ओपीडी बंद रहेगी। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। इस कारण से अस्पतालों में जनरल सर्जरी के साथ लेबर रूम और पोस्टमार्टम जैसे कामों को डॉक्टर्स नहीं करेंगे।

सरकारी अस्पतालों में नए मरीज भी भर्ती नहीं किए जाएंगे। ट्रेनिंग, दिव्यांग कैंप, ब्लड डोनेशन कैंप, लाइसेंस मेडिकल, कैंप ड्यूटी में भी सरकारी डॉक्टर शामिल नहीं होंगे।

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन की तरफ से ये घोषणा की गई है कि यदि डॉक्टरों की मांगें न मानी गई तो 29 दिसंबर से ओपीडी पूरी तरह से बंद होने के साथ-साथ इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी।

अनिल विज के साथ हो सकती है मीटिंग
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ राजेश ख्यालिया ने बताया कि कल उनकी हेल्थ डिपार्टमेंट के डीजी डॉ आरएस पूनिया के साथ वार्ता हुई थी। हालांकि इसमें मांगों को लेकर कोई हल नहीं निकला, लेकिन यह चर्चा हुई है कि एसोसिएशन पदाधिकारियों की गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के साथ मीटिंग कराई जाएगी। संभावना है कि आज सचिवालय में यह मीटिंग आयोजित की जाए।

पहले भी बंद चुके हैं डॉक्टर्स ओपीडी
अपनी मांगों को लेकर हरियाणा के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर पहले भी दो घंटे के लिए ओपीडी बंद कर चुके हैं। इसके अलावा काले बिल्ले लगाकर रोष प्रदर्शन भी कर चुके हैं। वहीं मौसम में बदलाव के चलते वायरल मरीजों की ओपीडी बढ़ रही है। कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा भी मंडरा रहा है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में फिजीशियन न होने के चलते उपचार नहीं मिल पा रहा है। मरीजों को उपचार के लिए निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है।

सरकार के साथ हो चुकी मीटिंग
सरकार ने एसोसिएशन को बातचीत के लिए बुलाया था, जिसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव जी अनुपमा सहित स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में डॉक्टरों की मांगों को लेकर चर्चा की गई, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें स्नातकोत्तर (PG) पाठ्यक्रमों के लिए बॉन्ड राशि के मुद्दे को छोड़कर उनकी प्रमुख मांगों पर शीर्ष अधिकारियों से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया।
 

Tags

Share this story

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now