Haryana Weather Update: हरियाणा में धुंध ने रोकी वाहनों की रफ्तार, प्रदेश में 30 दिसम्बर तक रहेगा कोहरे का प्रकोप, गेहूं की फसल को मिलेगा फायदा

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Haryana Weather Update: हरियाणा में धुंध ने रोकी वाहनों की रफ्तार, प्रदेश में 30 दिसम्बर तक रहेगा कोहरे का प्रकोप, गेहूं की फसल को मिलेगा फायदा

Haryana Weather Update:  हरियाणा आज बुधवार को भी लगातार तीसरे दिन घने कोहरे की चपेट मे है। सुबह 5 बजे तो राजस्थान व पंजाब से सटे कई जिलों में इतना कोहरा था कि 5 मीटर दूर से भी कुछ नहीं दिखाई दे रहा था। कोहरे की वजह से ट्रेनें देरी से चल रही हैं और जीटी रोड व अन्य हाईवे पर वाहन रेंग कर चल रहे हैं। खेतों में भी घना कोहरा दिखाई पड़ रहा है। लोगों को सलाह दी गई है कि सुबह के समय संभल कर चलें। बहुत जरूरी होने पर ही सुबह के समय घरों से निकलें।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दो दिन तक प्रदेश में हालात नहीं बदलने वाले हैं। कुछ जिलों में घना कोहरा तो कुछ में बहुत घना कोहरा छाने के आसार हैं। मौसम आमतौर पर खुश्क बना रहेगा। ठंड से भी राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो कोहरा 10 से 11 बजे तक छा रहा है। मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान 24 डिग्री व न्यूनतम तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। महेंद्रगढ़ व आसपास में रात ठंडी तो दिन गर्म रहा।

रात 10 बजे ही दिखने लगा था असर

बीती रात को 10 बजे ही कोहरा छाना शुरू हो गया था। रात बढ़ने के साथ ही इसका दायरा भी बढ़ने लगा। रात को घने कोहरे की शुरुआत पंजाब से स्टे अंबाला, पेहोवा, कैथल, शाहाबाद व गुहला से हुई थी। यहां विजिबिलिटी 10 से 20 मीटर तक रही। आधी रात के बाद आधे हरियाणा में कोहरे का ओरेंज अलर्ट रहा। इसके चलते मध्य हरियाणा व पंजाब-राजस्थान से स्टे क्षेत्रों में बहुत घना कोहरा छाया रहा और कुछ इलाकों में तो विजिबिलिटी 0 से 5 मीटर तक पहुंच गई।

सुबह 6 बजे तक इन क्षेत्रों में बहुत घना कोहरा

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रात को दो बजे से सुबह 6 बजे तक चरखी दादरी, भिवानी, तोशाम, बहादुरगढ़, बेरी खास, संपला, रोहतक, सिवानी, बवानी खेड़ा, हांसी, हिसार, आदमपुर, नारनौंद, नाथूसरी चोपटा, ऐलनाबाद, फतेहाबाद, रानिया, खरखौदा, सोनीपत, गन्नौर, समालखा, बापौली, घरौंडा, करनाल, महम, गोहाना, जुलाना, इसराना, सफीदों, जींद, पानीपत, असंध, कैथल, नीलोखेड़ी, नरवाना, सिरसा, टोहाना, कलायत, रतिया, डबवाली, थानेसर, गुहला, पेहोवा व अंबाला में हालात बेहद खराब बने रहे।

6 से 10 डिग्री तक रहा रात का तापमान

प्रदेश में रात को कड़ाके की ठंड पड़ी। सुबह 6 बजे प्रदेश में न्यूनतम तापमान 6 से 10 डिग्री तक दर्ज किया गया। महेंद्रगढ़ व नारनौल में पारा 6 डिग्री रहा। वहीं हिसार के बालसमंद में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री के करीब रहा। महेंद्रगढ़ में मंगलवार को अधिकतम 24 डिग्री व न्यूनतम तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यहां रातें ठंडी व दिन गर्म बना रहा।

दिन में साफ रहेगा मौसम

मौसम विभाग के अनुसार हरियाणा में 28 दिसंबर तक घने कोहरे का पूर्वानुमान है। 29 दिसंबर से 30 दिसंबर तक हल्का कोहरा छाया रहेगा और न्यूनतम तापमान में कुछ डिग्री की गिरावट आने की संभावना है। आईएमडी ने दिन में आसमान साफ रहने का अनुमान व्यक्त किया है। कुछ क्षेत्रों में कोहरा 10 से 11 बजे तक छाया रह सकता है।

संभल कर रहें बच्चे बुजुर्ग

डॉक्टरों के अनुसार सर्दी बढ़ने पर बच्चों और बुजुर्गों में रोग प्रति रोधक क्षमता कम हो जाती है। सर्दी लगने पर बुखार, जुकाम और खांसी की संभावना अधिक बढ़ जाती है। इसके अलावा कोहरा बढ़ने पर सांस के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। सर्दी अधिक होने पर आंखों में जलन, आंसू आना, नाक में खुजली, गले में खराश की समस्या भी बढ़ जाती है।

सावधान रहें, खाने-पीने पर दें ध्यान

कपड़ों से शरीर के सभी अंगों को ढक कर बाहर निकलें।
हाथों में दस्ताने और आंखों पर चश्मे का प्रयोग करें।
दिन में कम से कम आठ गिलास पानी पिएं।
ठंडे पेय पदार्थों के बजाय गर्म पानी का सेवन करें।
मरीज, बच्चे और बुजुर्ग घर से निकलने से परहेज करें।
हृदय रोगी सुबह और शाम को सैर पर न जाएं।
सांस के मरीज सावधानी बरतें और समय-समय पर चिकित्सक की सलाह लेते रहें।
सफाई का ध्यान रखे और अधिक तले भुने का परहेज करें।
हरियाणा में खेतों में छाया कोहरा। गेहूं की फसल के लिए कोहरे को लाभकारी बताया जा रहा है।
गेहूं के लिए फायदेमंद, आलू और सरसों के लिए नुकसानदायक

कृषि वैज्ञानिक विकास मलिक का कहना है कि लगातार कोहरा पड़ने से फसल की बढ़ोतरी कम हो जाती है। लेकिन गेहूं की फसल शरद कालीन होने के कारण इसका फुटाव बढ़ जाता है, जिससे गेहूं की फसल की पैदावार बढ़ जाती है। कोहरा अधिक पड़ने पर सरसों और आलू की फसल में फंगस की आशंका बढ़ जाती है।

सरसों, आलू और मटर की फसलों पर हल्का पीलापन कीट व रोग का प्रकोप बढ़ जाता है। उन्होंने कोहरा और पाला से फसल को बचाने के लिए हल्की सिंचाई करने की सलाह दी है।

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