Haryana Weather: हरियाणा के इस शहर के आगे शिमला मनाली भी है फेल, यहां पड़ रही है खून जमा देने वाली सर्दी

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दक्षिण हरियाणा सहित प्रदेश के कुछ हिस्सों में 10 दिन बाद धूप निकली। आसमान एक दिन साफ हो गया। सूर्य छिपते ही एकाएक ठंड बढ़ने लगी। मौसम साफ होने की वजह से शीत हवा चलने से न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। प्रदेश में रेवाड़ी में न्यूनतम तामपान 1 डिग्री दर्ज किया गया।

वहीं नारनौल में तापमान 2.5 डिग्री दर्ज किया गया है। रेवाड़ी में इस सीजन में पहली बार न्यूनतम तापमान एक डिग्री सेल्सियस पहुंचा है। मौसम विज्ञानियों की माने तो अगर दिन में अच्छी धूप निकलती है तो न्यूनतम तापमान में ऐसे ही गिरावट देखी जाएगी।

मगर इसी बीच एक ओर पश्चिमी विक्षोभ के कारण 13 और 14 जनवरी को हल्की बादलवाई और कुछ स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी हो सकती है। इस दौरान हल्की गति से शीत हवाएं चलने का अनुमान है। इससे दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी और वहीं न्यनूतम तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।

पाला जमा तो फसलों को होगा नुकसान

वहीं तापमान जमाव बिंदु पर पहुंचने से रेवाड़ी क्षेत्र के किसान सहम गए हैं। किसानों को आशंका है कि पाला जम सकता है। पिछली बार भी पाला जमने से फसलों को नुकसान हुआ था। पाला जमने से सरसों और सब्जियों की फसल को सबसे अधिक नुकसान होता है। पाला जमने से पौधे की कोशिकाएं जम जाती हैं और वह नष्ट हो जाती है।

पिछले 10 दिनों का तापमान

दिनांक अधिकतम न्यूनतम
10 जनवरी 16.0
नौ जनवरी 14.0 9.5
आठ जनवरी 12.0 4.0
सात जनवरी 14.2 8.5
छह जनवरी 14.0 9.8
पांच जनवरी 14.0 10.0
चार जनवरी 12.0 8.5
तीन जनवरी 10.5 4.4
दो जनवरी 13.5 7.4
एक जनवरी 13.5 7.5
नोट(तापमान डिग्री सेल्सियस में)

इन कारणों से पड़ता है पाला

चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष का कहना है कि दिन के समय सूर्य की गर्मी से पृथ्वी गर्म हो जाती है और पृथ्वी से यह गर्मी विकिरण द्वारा वातावरण में स्थानातंरित हो जाती है। इसलिए रात्रि में जमीन का तापमान गिर जाता है, क्योंकि पृथ्वी को गर्मी तो नहीं मिलती और इसमें मौजूद गर्मी विकिरण द्वारा नष्ट हो जाती है। तापमान कई बार 0 डिग्री सेल्सियस या इससे भी कम हो जाता है। ऐसी अवस्था में ओस की बूंदें जम जाती हैं। इस अवस्था को हम पाला कहते हैं।

धूप निकलने से गेहूं में पीलापल होगा खत्म

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के गेहूं विशेषज्ञ डा. ओपी बिश्नोई के अनुसार धूप नहीं निकलने से गेहूं के पौधे के पत्ते पीले पड़ रहे थे। यह अक्सर सर्दियों में होता है। इससे किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। पीलापन इसलिए आता है क्यूंकि धूप नहीं निकलने से गेहूं का पौधा जमीन से खनिज व पोषक तत्व ग्रहण नहीं कर पाता। अब धूप निकलने लगी है। गेहूं के पौधे अपने आप ठीक हो जाएंगे।

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