Haryana Vidhansabha: हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने की दो बड़ी घोषणाएं

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Haryana Vidhansabha: हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने की दो बड़ी घोषणाएं
 

Haryana Vidhansabha: हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने की दो बड़ी घोषणाएं

Haryana Vidhansabha: हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान सदन के नेता मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तत्काल निर्णय लेने की अपनी वचनबद्धता को पुन दोहराया। सदन में चर्चा के दौरान तिगांव के विधायक राजेश नागर द्वारा बताया गया कि तिगांव और ग्रेटर फरीदाबाद एक बड़ा क्षेत्र बन गया है। इसलिए तिगांव को उपमंडल बनाया जाए।  इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में वर्षों से रहने वाले लोगों को आवासीय संपत्ति का मालिकाना हक देने की मांग भी कई विधायकों ने सदन में उठाई थी, जिन मांगों को मुख्यमंत्री ने तत्काल पूरा किया।

मुख्यमंत्री ने सत्र के दौरान ही तिगांव को उपमंडल बनाने की घोषणा की और इसकी औपचारिकता शीघ्र पूरी कर दी जाएंगी। इसी प्रकार शहरों के साथ लगते क्षेत्रों में वर्षों से मकान बनाकर रह रहे लोगों को मालिकाना हक देने के लिए एक सप्ताह के अंदर-अंदर नीति लाने की घोषणा भी मुख्यमंत्री ने की। इसी नीति के तहत 20 वर्षों से आवासीय प्लाटों में मकान बनाकर रह रहे लोगों को मालिकाना हक मिल सकेगा। 

काबिलेगौर है कि शहरों नगर पालिकाओं, नगर परिषदों व नगर निगमों की संपत्तियों को 20 वर्षों से अधिक समय से लीज पर लेकर दुकान व अन्य व्यावसायिक संस्थान चलाने वाले लोगों को मुख्यमंत्री की पहल पर पहले ही मालिकाना दिया जा चुका है।

हरियाणा मंत्रिमंडल के विरुद्ध कांग्रेस के विधायकों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव सर्वसम्मति से रद्द
सीएम ने शायराना अंदाज में कांग्रेस पर कसा तंज, तुम्हें एतबार नहीं मुझ पर, हमें तो अपनी आवाम के हर शख्स का ख्याल है, तुम्हें तो अपने परिवार से मतलब है बस, मगर मुझे हर गरीब का ख्याल है
कांग्रेस की संस्कृति में विश्वास की परंपरा ही नहीं है, देशहित में जब भी किसी सुधार की बात होती है तो कांग्रेस को कभी विश्वास ही नहीं हुआ- मनोहर लाल
कांग्रेस के शासन में आकाश, जमीन, पाताल तक हुए घोटाले

चंडीगढ़, 22 फरवरी - हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आज मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाले हरियाणा मंत्रिमंडल के विरुद्ध कांग्रेस के विधायकों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव सर्वसम्मति से रद्द हुआ। सदन में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस द्वारा पहले वर्ष 2021 में भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। उस समय साढ़े 3 साल का समय बचा था, तो उनके मन में ईच्छा थी कि सरकार गिर जाएगी तो हम राज कर लेंगे। लेकिन आज के अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस के सदस्य गंभीरता से चर्चा नहीं कर पाए और बीच में ही सदन को छोड़कर चले गए।

उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए, ताकि कांग्रेस के सदस्य हमारी बात सुन सकें, अन्यथा उनके विधायक अपनी बात बोलकर सदन से बाहर चले जाते हैं।

श्री मनोहर लाल ने कांग्रेस विधायकों पर तंज कसते हुए शायराना अंदाज में कहा कि महफिल में चल रही थी मेरे कत्ल की तैयारी, चर्चा करते करते बोले लंबी उम्र हो तुम्हारी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की संस्कृति में विश्वास की परंपरा ही नहीं है। देशहित में जब भी कभी किसी सुधार की बात की गई तो कांग्रेस को कभी विश्वास ही नहीं हुआ। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने की बात थी, तब भी कांग्रेस ने अविश्वास जताया था कि ये हो ही नहीं सकता। तीन तलाक के मामले में भी कांग्रेस ने अविश्वास व्यक्त किया। इतना ही नहीं, श्री राम मंदिर पर भी इन्होंने कहा था कि मंदिर बन नहीं सकता। जिस काम में भी कांग्रेस ने अविश्वास जताया, लेकिन जनहित में वो सारे काम हमने किए।

कांग्रेस के शासन में आकाश, जमीन, पाताल तक हुए घोटाले

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शासन में आकाश से लेकर जमीन और पाताल तक के घोटाले हुए। इसमें 2जी, 3जी, कोयला और जमीन के घोटाले शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार में बिना पर्ची-खर्ची के नौकरी मिल रही है। जनता में डंका बज रहा है कि अब गरीब का बच्चा नौकरी लग सकता है।

मुख्यमंत्री ने सरकारी भर्तियों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2005 से 2014 तक 3593 पदों पर भर्ती की गई थी, जो हर वर्ष औसतन 360 बनती है। जबकि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान 31 जनवरी, 2024 तक 6808 पदों पर भर्ती की गई, जो औसतन प्रति वर्ष 680 है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के 10 साल के शासन में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 88 हजार नौकरियां दी गई, जबकि हमने 1 लाख 30 हजार युवाओं को योग्यता के आधार पर नौकरी दी है। लगभग 30 हजार पदों के लिए परिणाम घोषित होने वाले हैं।

गरीब के हालात की कांग्रेस ने कभी चिंता नहीं की, केवल गरीबी हटाओ का नारा दिया

श्री मनोहर लाल ने कहा कि गरीब के हालात की कांग्रेस ने कभी चिंता नहीं की, केवल गरीबी हटाओ का नारा दिया। एमरजेंसी के दौरान जब उत्पीड़न हुआ, तो देश में आंदोलन चला और 1977 में जनता को अपनी वोट की ताकत समझ आई। वोट की ताकत से कांग्रेस सरकार को लोगों ने नकारा। श्री मनोहर लाल ने शायराना अंदाज में कहा कि मुझे खुशी है कि तुम्हें एतबार नहीं मुझ पर, हमें तो अपनी आवाम के हर शख्स का ख्याल है, तुम्हें तो अपने परिवार से मतलब है बस, मगर मुझे हर गरीब का ख्याल है। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कभी विश्वास ही नहीं था कि घर बैठे ही वृद्धावस्था पेंशन बनेगी। परिवार पहचान पत्र के डाटा के माध्यम से 1 लाख 25 हजार लोगों, जिन्होंने 60 वर्ष की आयु पूरी कर ली थी, उनकी घर बैठे ही पेंशन बनाई गई है। अब पात्र लोगों को किसी दफ्तर, दस्तावेज या दरख्वास्त की जरूरत नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस शासन में बीबीसी यानि बदली, भर्ती और सीएलयू इंडस्ट्री चलती थी। कांग्रेस ने कभी नहीं सोचा था कि ट्रांसफर ऑनलाइन हो सकेंगे। ऑनलाइन ट्रांसफर होने से आज लोग संतुष्ट है। व्यवस्था में सुधार करना सरकार का काम होता है। हमने व्यवस्था में सुधार किया है।

गठबंधन सरकार ने 'मैक्सिमम स्पोर्ट टू पीपल' के तहत हर वर्ग व हर क्षेत्र का विकास किया - डिप्टी सीएम
विपक्ष की पीड़ा का निवारण नहीं, गठबंधन सरकार में हरियाणा प्रगति के पथ पर अग्रसर  - दुष्यंत चौटाला
विधानसभा का समय बर्बाद करके सदन से भाग जाते है कांग्रेसी – उपमुख्यमंत्री
कांग्रेस सरकार में रोहतक में हुए विवादित जमीन सौदे की उच्च स्तरीय जांच हो - दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़, 22 फरवरी। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि मौजूदा बीजेपी-जेजेपी प्रदेश सरकार ने पूर्व कांग्रेस सरकार की तरह 'मिनिमम स्पोर्ट टू पीपल' की सोच नहीं रखी, बल्कि गठबंधन सरकार ने दिल बड़ा करके 'मैक्सिमम स्पोर्ट टू पीपल' के तहत काम किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी, किसान आंदोलन के बावजूद गठबंधन सरकार ने बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग, हर क्षेत्र में पब्लिक की स्पोर्ट करते हुए निरंतर प्रदेश को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया है। वे वीरवार को विधानसभा बजट सत्र में कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही चर्चा के दौरान बोल रहे है। उन्होंने कहा कि आज हमारे पास विपक्ष की पीड़ा का कोई निवारण नहीं है। डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि पहले लोग विज्ञापन के जरिए हरियाणा नंबर-1 का दावा करते थे लेकिन धरातल पर जनता ने काम देखा और कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया।

कांग्रेस के वॉकआउट पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कांग्रेस अपनी बात रखकर सदन का समय बर्बाद करती है और मौका आने पर कांग्रेसी सदन छोड़कर चले जाते है इसलिए सदन को कांग्रेस के खिलाफ रेजोल्यूशन लाना चाहिए। जमीन अधिग्रहण से जुड़े मामलों पर विपक्ष की टिप्पणी पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में रोहतक के एक प्रॉपर्टी डीलर के विरुद्ध हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने फैसले सुनाए थे इसलिए राज्य सरकार को रोहतक में हुए इस विवादित जमीन सौदे की उच्च स्तरीय जांच करवानी चाहिए।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि गठबंधन सरकार ने किसानों के हित में 14 फसलों की एमएसपी पर खरीद की है। उन्होंने कहा कि फसल खरीद के करीब एक लाख करोड़ रुपए का भुगतान सीधा किसानों के बैंक खातों में किया गया है जबकि पहले किसानों को भुगतान के पैसे लेने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता था। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि गठबंधन सरकार ने पिछले सवा चार साल में फसल खराबे, आगजनी से फसल खराब, बरसात से मकान की क्षति की भरपाई के लिए किसानों को 1600 करोड़ रुपए का मुआवजा उनके खाते में डाला है जबकि पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान किसानों को दो, पांच, सात रूपए का चैक मुआवजा के तौर पर देकर मजाक उड़ाया जाता था। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज गठबंधन सरकार ने किसानों के हित में क्षतिपूर्ति पोर्टल बनाया है। वहीं 600 से ज्यादा सेवाओं को डिजिटल करके उन्हें घर द्वार पर पहुंचाई है और अब दफ्तरों के चक्कर काटने के बजाय आमजन को सरकारी सेवाओं लेने में आसानी हुई हैं। 

 डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान विकास कार्य केवल रोहतक तक ही सीमित रहते थे जबकि गठबंधन सरकार ने बिना भेदभाव सवा चार सालों में 20 हजार किलोमीटर सड़कों का सुधार किया है। इसी तरह खरखौदा में बड़ी कंपनी मारुति का प्लांट लगाने का काम किया। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पिछले सवा चार सालों में गठबंधन सरकार के प्रयास से 40 हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रदेश में आया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एविएशन सेक्टर को विकसित करने पर खासा फोकस किया और इस दिशा में हरियाणा में पांच हवाई पट्टियां का विकास, हिसार में एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट निर्माणाधीन, युवाओं को पायलट ट्रेनिंग देकर नौकरी दिलाने जैसे अनेक काम हुए है, जबकि पूर्व कांग्रेस ने इस पर कभी ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि आज गठबंधन सरकार का ही नतीजा है कि पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 आरक्षण, बीसीए वर्ग को आठ प्रतिशत आरक्षण और डिपो संचालन में महिलाओं को 33 प्रतिशत हिस्सेदारी देने जैसे अनेक ऐतिहासिक कार्य हुए है।

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विधान सभा के बजट सत्र के दौरान आज दो विधेयक पारित किए गए

चण्डीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन आज दो विधेयक पारित किये गए। इनमें हरियाणा नगर पालिका (संशोधन) विधेयक,  2024 तथा औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) निरसन विधेयक, 2024 शामिल हैं।

हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2024

        हरियाणा नगर पालिका अधिनियम, 1973 को संशोधित करने के लिए हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया गया।

हरियाणा राज्य में जनसंख्या मापदण्ड के आधार पर पालिकाओं के तीन स्तर हैं अर्थात नगर निगम, नगर परिषद् एवं नगर पालिका। राज्य में वर्ष 1994 तक, कम शहरी आबादी के फलस्वरूप, केवल नगर परिषदें एवं नगर पालिकायें थी। हरियाणा राज्य की पालिकाओं के मामले के संचालन हेतू हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 (1973 का अधिनियम संख्या 24) को अधिनियमित किया गया था। 74वें संवैधानिक संशोधन के मद्देनजर, बड़े शहरों में नगर निगमों के गठन हेतू हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 (1994 का अधिनियम संख्या 16) अधिनियमित किया गया था। फरीदाबाद शहर के प्रबन्धन के लिए फरीदाबाद को वर्ष 1994 में इसे नगर निगम में परिवर्तित किया गया।

उक्त अधिनियम, 1994 की धारा 3 की उप-धारा (2) में तीन लाख या अधिक की आबादी वाले किसी भी क्षेत्र को नगर निगम घोषित करने का प्रावधान है। नगर परिषद्, गुड़गांव (अब गुरूग्राम), यमुनानगर-जगाधरी, पंचकूला, रोहतक, हिसार, अम्बाला, पानीपत, करनाल एवं सोनीपत नगर निगम में अपग्रेड हुई थी जबकि नगर निगम, मानेसर का गठन 24 दिसम्बर, 2020 को किया गया।

सभी पालिकाओं का संचालन एकल विभाग अर्थात शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा किया जा रहा है। हालांकि, नगर परिषदें/नगर पालिकायें एवं नगर निगम अलग-अलग अधिनियमों के अधीन संचालित हैं। नगर परिषदों/नगर पालिकाओं के कर्मचारियों की सेवायें 1973 के अधिनियम संख्या 24 के अंतर्गत बनाये गये हरियाणा नगरपालिका सेवा (एकीकरण, भर्ती एवं सेवा शर्तें) नियम, 2010 के तहत संचालित हैं, जबकि नगर निगम के कर्मचारियों की सेवायें 1994 के अधिनियम संख्या 16 के अंतर्गत बनाये गये हरियाणा नगर निगम कर्मचारी (भर्ती एवं शर्ते) सेवा नियम, 1998 के तहत संचालित हैं।

नगर परिषदों/नगर पालिकाओं के विलय अथवा नगर परिषदों के नगर निगम में अपग्रेड होने के फलस्वरूप, इनके कर्मचारी नवगठित नगर निगम के कर्मचारी बन जाते हैं। ऐसे में नगर निगम के लिए इनकी वरिष्ठता को दोबारा तय करने में कठिनाईयाँ आती हैं। विभाग द्वारा पालिकाओं के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने हेतू जनहित में, प्रशासनिक आधार पर नगर परिषदों/नगर पालिकाओं के कर्मचारियों को नगर निगमों में तथा नगर निगमों से नगर परिषदों/नगर पालिकाओं में स्थानांतरित किया जाता रहा है।

विभाग को ऐसे समायोजन/स्थानांतरणों के दृष्टिगत प्रशासनिक कठिनाईयों एवं परिणामस्वरूप मुकदमेबाजी का सामना करना पड रहा है तथा ये मुकदमेबाजी बेहतर कार्यशैली के लिए पालिकाओं के कर्मचारियों की उचित तैनाती के उद्देश्य को विफल करता है। इसके अतिरिक्त, स्थानांतरित कर्मचारियों की पदोन्नति भी प्रभावित होती हैं।

अतः कर्मचारियों की सेवा शर्तों को सुधारने एवं उनकी योग्यता व अनुभव के अनुसार उनकी सेवाओं को उपयोगी बनाने हेतू विभाग द्वारा नगर निगमों, नगर परिषदों एवं नगर पालिकाओं के सभी वर्गों के कर्मचारियों पर समान सेवा नियम लागू करने के लिए हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 में नई धारा 38ए को जोड़कर संशोधित करने की आवश्यकता महसूस की गई है।

औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) निरसन विधेयक, 2024

        औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) अधिनियम, 1957 को निरस्त करने के लिए औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) निरसन विधेयक, 2024 पारित किया गया। 

औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) अधिनियम, 1957 अधिनियम का निरसन, किसी अधिकारिता, पद, रूढ़िदायित्व, अधिकार, विषेषाधिकार निर्बन्धन, छूट, प्रथा, रिवाज, प्रक्रिया या अन्य मामले पुनरूजीवित या प्रत्यावर्तित करेगा जो अब प्रचलित या लागू नहीं है। 

औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) निरसन विधेयक, 2024 जोकि, औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) अधिनियम, 1957 को निरसित करने से संबंधित है, कोई सविधेयक द्वारा निरसित किया जाता है। इसलिए यह बिल प्रस्तुत किया गया है।

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बेसहारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में नागरिकों की मृत्यु या दिव्यांग होने के मामले में वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए चलाई जा रही दयालु-II योजना

मुख्यमंत्री ने हरियाणा विधानसभा में दी जानकारी

दयालु -II योजना में विभिन्न आयु वर्ग को 1 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक दी जाती है वित्तीय सहायता

चंडीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में बेसहारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में नागरिकों की मृत्यु होने या दिव्यांग होने के मामले में उनके परिजनों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु-II) चलाई हुई है। इस योजना के तहत विभिन्न आयु वर्ग के अनुसार 1 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बोल रहे थे।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि 9 नवंबर, 2023 को जारी अधिसूचना के अनुसार प्रदेश में आवारा पशु/जानवर/कुत्ते आदि के काटने से हुई निवासियों की आकस्मिक मृत्यु या स्थायी विकलांगता के मामले में उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए दयालु-II योजना अधिसूचित की गई।

       उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 12 साल की आयु तक 1 लाख रुपये, 12 वर्ष से 18 वर्ष तक की आयु के लिए 2 लाख रुपये, 18 वर्ष से 25 वर्ष आयु तक के लिए 3 लाख रुपये, 25 वर्ष से 40 वर्ष आयु तक के लिए 5 लाख रुपये और 40 वर्ष आयु वर्ग से अधिक के नागरिकों को 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।

                       

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चंडीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा के उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि समालखा में अंडरपास नंबर 44 पर काम शुरू किया गया है। यह कार्य मई 2024 तक पूरा किया जाएगा। इसके बाद समालखा शहर में गांव नारायणा की ओर जाने वाली सड़क पर रेलवे क्रॉसिंग पर अंडरपास का निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा। इस अंडरपास की प्रशासनिक व रेलवे की स्वीकृति मिल चुकी है। अंडरपास बनने से लोगों की आवाजाही सुगम हो जाएगी। इसके अलावा लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी।

नारायणा के पास प्रस्तावित अंडरपास के बीच आरओबी बन रहा है। इससे भी लोगों को सहूलियत मिलेगी। उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला आज विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अंडरपास निर्माण कार्य तय मानकों के अनुसार किया जाएगा, ताकि लोगों की आवाजाही भी बाधित न हो।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उप मुख्यमंत्री ने बताया कि कैथल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के गांव छौत व गुहणा की सड़क 3 करम की है। इतनी कम जमीन को पीडब्ल्यूडी‌ विभाग ‌टेकअप नहीं करता है। सुझाव है कि स्थानीय गांवों के किसान यदि 7 करम जमीन सरकार को मुहैया करा देते हैं तो, भविष्य में सड़क का निर्माण करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि लोगों की आवाजाही सुगम हो जाएगी।

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चंडीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा के उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि खैरड़ी मोड़ से रोहतक फाटक (दादरी) चार मार्गीय सड़क का निर्माण किया जाना है। इसको लेकर फिलहाल वन विभाग की अनुमति लंबित है। वन विभाग की अनुमति मिलने का बाद सड़क का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। जुलाई 2024 तक सड़क का निर्माण करा दिया जाएगा।

        उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला आज विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।

        एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उप मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार की वर्ष 2019 की पालिसी के तहत 20 किलोमीटर दूरी पर विश्राम गृह होना चाहिए। पानीपत के इसराना ब्लाक से पानीपत शहर का विश्राम गृह 12 किलोमीटर दूरी पर है। इसलिए वहां पर विश्राम गृह का निर्माण नहीं हो सकता। इसराना में सिंचाई विभाग का विश्राम गृह है। भविष्य में सरकार मतलौडा और इसराना में विश्राम गृह बनवाने पर विचार करेगी।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उप मुख्यमंत्री ने बताया ग्रेटर फरीदाबाद तेजी से विकसित हो रहा है। नए सेक्टर बन रहे हैं। फिलहाल 1 जुलाई 2024 तक केंद्र सरकार के आदेश पर यह क्षेत्र सील है। आने वाले समय में नया एसडीएम कार्यालय खोले जाने पर गंभीरता से विचार किया जाएगा, ताकि स्थानीय जनता को इसका लाभ मिल सके। 

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चंडीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि जिला रेवाड़ी में प्रधानमंत्री द्वारा गत 16 फरवरी, 2024 को एक समारोह में चिन्हित स्थल पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का शिलान्यास किया गया है और एम्स की स्थापना 1646 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत पर की जा रही है तथा एम्स के नवंबर, 2025 तक चालू होने की उम्मीद है।

        श्री विज आज यहां हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान लगाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के संबंध में बोल रहे थे।

        उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करने और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा के लिए सुविधाओं को बढ़ाने के इरादे से विभिन्न राज्यों में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने 04.07.2015 को बावल, जिला रेवाड़ी में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए गांव मनेठी, रेवाड़ी में एम्स की स्थापना के संबंध में घोषणा की थी। एम्स स्थापित करने के प्रस्ताव में हरियाणा राज्य को शामिल करने और प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत गांव मनेठी, जिला रेवाड़ी में एम्स स्थापित करने पर विचार करने के लिए मामला केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के समक्ष उठाया गया था। राज्य सरकार ने एम्स की स्थापना के लिए गांव मनेठी, जिला रेवाड़ी (हरियाणा) में लगभग 200 एकड़ भूमि चिन्हित की थी। ग्राम पंचायत मनेठी को एम्स की स्थापना के लिए 224 एकड़ 7 कनाल 7 मरला पंचायत भूमि 99 साल के लिए पट्टे पर देनी थी। उक्त पंचायत भूमि अरावली वृक्षारोपण क्षेत्र में पाई गई और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की वन सलाहकार समिति ने प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी।

        श्री विज ने बताया कि इसके बाद, हरियाणा सरकार ने किसी अन्य उपयुक्त भूमि पर एम्स स्थापित करने का विकल्प खोज और मांग को चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग द्वारा हरियाणा सरकार के ई-भूमि पोर्टल पर अपलोड किया गया। ई-भूमि पोर्टल फरवरी 2020 में खोला गया था और ग्राम माजरा मुस्तिल भालखी से कुल 347.49 एकड़ भूमि की पेशकश की गई थी। उन्होंने कहा कि ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से गांव माजरा मुस्तल भालखी रेवाड़ी में कुल 210 एकड़ 3 कनाल 5 मरला भूमि की पहचान की गई है। इसमें से 149 एकड़ 4 कनाल 14 मरला जमीन निजी मालिकों की है और 60 एकड़ 6 कनाल 11 मरला ग्राम पंचायत की जमीन है। ग्राम पंचायत की जमीन सहित पूरी जमीन 40 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से खरीदी गई है।

        श्री विज ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने अपनी बैठक दिनांक 01.12.2022 में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार को 1 रूपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष के हिसाब से 99 वर्षों के लिए भूमि पट्टे पर देने की मंजूरी दी थी। राज्य सरकार के शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच 203 एकड़ 3 कनाल 19 मरला भूमि की लीज डीड निष्पादित की गई है और बाधा मुक्त भूमि का कब्जा सौंप दिया गया है। उन्होंने बताया कि 06/12/2023 को राज्य सरकार के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

        उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिनांक 28.11.2022 के पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि नए एम्स की स्थापना के लिए एचआईटीईएस को कार्यकारी एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। एचआईटीईएस द्वारा दिनांक 30.12.2023 के पत्र के माध्यम से निर्माण कार्य मेसर्स लार्सन एंड टुब्रो टुब्रो को आवंटित किया गया है।

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चंडीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसे 23 सितम्बर, 2018 को माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओ को समग्र रूप से संबोधित करने के लिए शुरू किया गया था। एबी- पी.एम.जे.ए.वाई पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्तपोषित दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा/आश्वासन योजना है, जिसका उद्देश्य 5 लाख रुपये प्रति हक़दार लाभार्थी परिवार प्रति वर्ष स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है।

        श्री विज आज यहां हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान लगाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के संबंध में बोल रहे थे।

        उन्होंने कहा कि यह योजना पूरी तरह से कैशलेस, पेपरलेस, पारदर्शी, डिजिटल और आईटी संचालित है, जो कि पीएमजेएवाई दिशानिर्देशों के अनुसार हक़दार लाभार्थियों को पूरे देश मे सभी सार्वजनिक और निजी सूचीबद्ध अस्पतालों में मुफ्त इलाज देती है। हरियाणा में कुल 1164 (511 सार्वजनिक और 653 निजी) अस्पताल इस योजना के तहत सूचीबद्ध हैं। इस योजना के अंतर्गत लगभग 2,200 उपचार पैकेज जिसमें सर्जरी, चिकित्सा व डे-केयर उपचार, दवाओं की लागत और निदान शामिल हैं। यहां पर यह उल्लेखनीय है कि परिवार के आकार और परिवार के सदस्यों की उम्र पर कोई सीमा नहीं है क्योंकि सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 में शामिल वंचित परिवारों को पूरे देश में भारत सरकार द्वारा ऐ.बी- पी.एम.जे.वाई के हकदार लाभार्थियों के रूप में घोषित किया गया था, इसलिए हरियाणा में 9,25,028 ऐसे परिवारों के 28,89,287 व्यक्तियों को योजना के तहत लाभार्थियों के रूप में नामांकित किया गया था। ऐ.बी-पी.एम.जे.वाई के तहत लाभार्थियों पर किये गए व्यय के लिए भारत सरकार और हरियाणा सरकार के बीच लागत साँझाकरण 60:40 है।

        उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य देखभाल की पहुँच बढाने मे ऐ.बी-पी.एम.जे.वाई की विशाल क्षमता स्वीकार करते हुए, हरियाणा सरकार ने सभी अन्त्योदय परिवारों के लिए आयुष्मान भारत के कवरेज का विस्तार किया है। ऐसे ही, 21.11.2022 को शुरू की गयी चिरायु (अन्त्योदय इकाईयों का व्यापक स्वास्थ्य बीमा) योजना के तहत, प्रति वर्ष 1.80 लाख रुपये तक की नागरिक संसाधन सुचना विभाग (क्रिड) द्वारा सत्यापित पारिवारिक आय वाले सभी परिवारों को ऐ.बी-पी.एम.जे.वाई लाभों के लिए पात्र बनाया गया है। चिरायु के तहत अन्त्योदय परिवारों का पूरा खर्च हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इसके अलावा, 14.08.2023 से, चिरायु योजना के लाभ का विस्तार, 1500 रुपये के नाममात्र योगदान पर प्रति परिवार प्रति वर्ष उन परिवारों को दिया गया है जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से 3.00 लाख रुपये के बीच है। अब तक, 51,198 परिवारों ने इस योजना के तहत अपना नाममात्र योगदान जमा किया है और 2,969 लाभार्थियों ने 3.85 करोड़ रुपये के उपचार का लाभ उठाया है।

        उन्होंने बताया कि कुल लाभार्थियों की संख्या (पात्र और नामांकित) निम्नानुसार प्रस्तुत की गई है:-एस.ई. सी.सी- 2011 + चिरायु (आय 1.80 लाख रुपये तक) कुल पात्र लाभार्थियों की संख्या 1,69,04,563, पहचान किये गये लाभार्थी 1,10,16,063 और नवंबर 2023 में ही 14,71,172 चिरायु परिवारों को कवर करते 57,35,312 व्यक्तियों चिरायु हुए को के लाभार्थियों में जोड़ा गया है। इसी प्रकार, चिरायु एक्सटेंशन आय (1.80 से 3.00 लाख रुपये) के बीच कुल पात्र लाभार्थियों की संख्या 1,59,899, पहचान किये गये लाभार्थी 95,075 है। इसके अलावा, आशा कार्यकर्ता कुल पात्र लाभार्थियों की संख्या 20,316, पहचान किये गये लाभार्थी 15,562 (चिरायु और चिरायु विस्तार के तहत पहले से ही पात्र हैं) और शेष 4,754 आशा कार्यकर्ताओं को अभी भी कवर किया जाना बाकी है और प्रक्रियाधीन है। एच.के.आर.एन.एल कर्मचारी कुल पात्र लाभार्थियों की संख्या 30,715, पहचान किये गये लाभार्थी 6,664 (चिरायु और चिरायु विस्तार के तहत पहले से ही पात्र है) और शेष 24,051 एच.के.आर.एन.एल कर्मचारियों को अभी भी कवर किया जाना बाकी है और प्रक्रियाधीन है।

        उन्होंने बताया कि जारी किए गए कुल 1,11,11,138 आयुष्मान कार्डों में से, SECC- 2011 डेटा के आधार पर बने कुल 92,039 संदिग्ध कार्डों की पहचान की गई और उन्हें तुरंत निष्क्रिय कर दिया गया। दोषी संस्थाओं के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की गई। जिला गुरुग्राम, पलवल, महेंद्रगढ़, करनाल, यमुनानगर और पंचकुला में संदिग्ध कार्ड जारी करने के लिए पीएमएएम/सीएससी के खिलाफ कुल 7 एफआईआर और 1 पुलिस शिकायत दर्ज की गई थी। हरियाणा के पात्र लाभार्थियों का डाटा पीपीपी आईडी और आधार के साथ पूर्व एकीकृत है, जिससे लाभार्थियों को कार्ड बनाने के लिए केवल ई-के.वाई.सी की आवश्यक्ता होती है। नवंबर 2022 से चिरायु के लॉन्च के बाद, कार्ड बनाने के लिए पोर्टल पर कोई दस्तावेज़ अपलोड करने की आवश्यकता नहीं है । आयुष्मान चिरायु कार्ड लाभार्थी द्वारा स्वयं पंजीकरण मोड के माध्यम से https://beneficial.nha.gov.in/ पर और गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध "आयुष्मान ऐप" के माध्यम से बनाया जा सकता है। आयुष्मान-चिरायु कार्ड के लिए पंजीकृत सी एस सी/वी एल ई, सूचीबद्ध हस्पतालों में प्रधानमंत्री आयुष्मान मित्र (पी.एम.ऐ.एम.) और आशा वर्कर के माध्यम से भी आवेदन किया जा सकता है ।

        श्री विज ने बताया कि यह योजना किसी भी बीमा कंपनी की भागीदारी के बिना ट्रस्ट मोड पर चल रही है। दावों को केवल आयुष्मान भारत हरियाणा स्वास्थ्य प्राधिकरण (एबी-एच.एच.पी.ए) में तैनात राज्य सरकार के डॉक्टरों द्वारा संसाधित किया जा रहा है और एन.एच.ए. द्वारा विकसित पीएमजेएवाई पोर्टल के माध्यम से सीधे सूचीबद्ध अस्पतालों को एबी-एच.एच.पी.ए. द्वारा अनुमोदित दावा राशि का भुगतान किया जाता है। मरीज के पंजीकरण से लेकर दावा भुगतान तक दावा प्रबंधन की पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। अब तक 1672.53 करोड़ रुपये की राशि के 12,08,732 दावे पोर्टल पर प्रस्तुत किये गये है। इन प्रस्तुत दावों में से 1278.49 करोड़ के 9,93,413 दावों का भुगतान किया गया।

        श्री विज ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एन.एच.ए.) ने ए.बी-पी.एम.जे.ए.वाई. के भीतर अखंडता उल्लंघन को रोकने के लिए एक मजबूत राष्ट्रीय धोखाधड़ी-रोधी ढांचा विकसित किया है। राज्य धोखाधड़ी रोधी इकाई (एस.ए.एफ.यू.) अपने धोखाधड़ी का पता लगाने के उपायों से धोखाधड़ी का पता लगाती है और एन.एच.ए दिशानिर्देशों के अनुसार धोखेबाजों के खिलाफ समयबद्ध व कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करती है। राष्ट्रीय धोखाधड़ी रोधी इकाई (एन.ए.एफ.यू.) ट्रिगर किए गए संदिग्ध मामलों को राज्य धोखाधड़ी रोधी इकाई एस.ए.एफ.यू को भेजती है। कुल 12,08,732 दावों में से 56,380 मामलों को एन.ए.एफ.यू. द्वारा ट्रिगर किया गया और उन्हें संदिग्ध करार दिया गया, जो प्रस्तुत किए गए कुल दावों का 4.6 प्रतिशत है। संदिग्ध मामलों में से केवल 1,273 (कुल प्रस्तुत दावों का 0.10 प्रतिशत) धोखाधड़ी के मामले पाए गए हैं।

        उन्होंने बताया  कि पोर्टल के अनुसार, अब तक, लगभग 10 करोड़ रुपये के कुल 3124 दावे पंडित बीडीएस पीजीआईएमएस, रोहतक द्वारा जमा कराये गये हैं। इनमें से लगभग 7 करोड़ रुपये के 2526 दावों का भुगतान किया गया है। पं. बीडीएस पीजीआईएमएस, रोहतक के कुल दावों में से 31 दावे (0.9 प्रतिशत) संदिग्ध पाए गए । डेस्क ऑडिट के बाद 12 मामले ठीक पाए गए। शेष 19 संदिग्ध मामलों में से 1 दावा धोखाधड़ी का पाया गया और इस मामले के विरुद्ध कोई राशि का भुगतान नहीं किया गया। 2 मामले फील्ड जांच के लिए भेजे गए और 16 मामले डेस्क ऑडिटिंग की प्रक्रिया में हैं। एन.ए.एफ.यू. दिशानिर्देशों के अनुसार, मृत्यु के 100 प्रतिशत मामलों का एस.एच.ए. में डेस्क ऑडिट किया जाता है और पोर्टल के अनुसार पंडित. बीडीएस पीजीआईएमएस, रोहतक के 140 मौत के मामलों का डेस्क ऑडिट किया गया। रिकॉर्ड के अनुसार डेथ ऑडिट के दौरान कोई धोखाधड़ी नहीं पाई गई। मृत्यु के मामलों में दावों का भुगतान अस्पताल द्वारा पोर्टल पर अपलोड किए गए रिकॉर्ड यानी दस्तावेजों के अनुसार किया गया था।

        उन्होंने बताया कि पूर्व दावे/उपचार के दौरान लाभार्थी को मृत दर्शाए जाने के संदर्भ में, एन.एच.ए. ने ऐसी टिप्पणियों का उत्तर इस प्रकार दिया है "यह उल्लेख करना उचित है कि एनएचए दिशानिर्देशों के अनुसार, 6 महीने तक का शिशु माता-पिता कार्ड (माता/पिता) पर उपचार ले सकता है। यदि उपचार के दौरान किसी बच्चे की मृत्यु हो जाती है तो अस्पताल दावा शुरू करते समय मृत्यु विकल्प का चयन करता है और कार्ड स्वचालित रूप से अवरुद्ध हो जाता है। लेकिन भविष्य में यदि माता-पिता (माता/पिता) को उपचार की आवश्यकता होती है तो मृत्यु विकल्प को बैकएंड से वापस करना होगा और आगे के उपचार के लिए कार्ड सक्रिय करना होगा। एन.एच.ए दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रवेश के 3 दिन बाद मामला दर्ज किया जा सकता है और कभी-कभी पूर्व-प्राधिकरण शुरू होने से पहले ही मरीज की मृत्यु हो जाती है। ऐसे मामलों में लाभार्थी को कैशलेस उपचार प्रदान करने के लिए, पूर्व-प्राधिकरण तिथि मृत्यु तिथि या मृत्यु तिथि के बाद के समान हो सकती है। इसके अलावा उसी अस्पताल द्वारा मौत की भी सूचना दी गई है जो पूर्व-प्राधिकरण अनुरोध को बढ़ाता है, इस प्रकार, यदि अस्पताल का इरादा सिस्टम को धोखा देने का था, तो उसने आईटी सिस्टम पर मरीज को मृत घोषित करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई होती।"

        स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने बताया कि आज तक केवल 36 लाभार्थियों के कार्ड मृत्यु के बाद पुनः सक्रिय किए गए हैं क्योंकि इलाज के दौरान नवजात की मृत्यु हो गई थी और अस्पताल द्वारा मृत्यु मामले के रूप में चयनित मामले के कारण कार्ड को ब्लॉक कर दिया गया था। निदेशक, पीजीआईएमएस, रोहतक से पत्र संख्या एमजी/2024/2038 दिनांक 21.02.2024 के माध्यम से उत्तर प्राप्त हुआ को निम्नानुसार पुनः प्रस्तुत किया गया है:-“यह मान्य हरियाणा विधान सभा से प्राप्त मंजूर ध्यान आकर्षण प्रस्ताव संख्या 21 के संदर्भ में है, जो ईमेल दिनांक 20.02.2024 को fraudcontrolayushman@gmail.com से प्राप्त हुआ था, प. बी.डी. शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक के कुलपति को भेजा गया और अधोहस्ताक्षरी को आगे भेजा गया। यहां उल्लेखनीय है कि ध्यान आकर्षण प्रस्ताव में उठाए गए सभी मुद्दे पीजीआईएमएस, रोहतक से संबंधित नहीं हैं और पीजीआईएमएस, रोहतक से संबंधित उतर निम्नलिखित है:- इस संबंध में उतर एसीएसएमईआर, हरियाणा सरकार, चंडीगढ़ को पत्र संख्या पी ए /डी आई आर /2023/937 दिनांक 26.08.2013 को भेजा गया था। 

        उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी और राज्य स्वास्थ्य एजेंसी नियमित रूप से निगरानी करता है।  मुख्यमंत्री की फ्लाइंग स्क्वाड ने पहले ही इस मामले में जांच की भी (पत्र संख्या 647/डी एस पी /सी एम एफ एस/आर दिनांक 08.05.2023)। सीएम फ्लाइंग स्क्वाड से इस योजना के तहत 28 रोगियों की जांच की थी, जिसमें से केवल 09 रोगी पंजीकृत पाए गए थे। इसके अलावा, भ्रष्टाचार विभाग (एसीबी) (शिकायत संख्या 6577/शिकायत/136/रोहतक / 2023 दिनांक 20.04.2023) डिप्टी कमिश्नर रोहतक अंतिम संख्या 1626/सीईवी दिनांक 23.08.2023 (शिकायत संख्या 2829071) और मेडिकल शिक्षा विभाग (डीएमईआर/प्रोक आई/2023/19691-92 दिनांक 23.11.23) ने भी इसी मुद्दे पर जांच की है। अष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सीएम फ्लाइंग स्क्वाड द्वारा पहले जांच की गई 09 रोगियों में से 03 मरीज़ो के रिकॉर्ड की जांच की। रोहतक डिप्टी कमिश्नर के माध्यम से प्राप्त शिकायत के संदर्भ में एक समिति द्वारा जांच की गई थी, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सतर्कता अधिकारी, यूएचएस, रोहतक ने की थी।

        श्री विज ने बताया कि डीएमईआर से पत्र क्रमांक के माध्यम से उत्तर प्राप्त हुआ। क्लर्क-II/एडमिन-III/2024/एफ-08 न्यू/पीजीआईएमएस/2476 दिनांक 21.02.2024 को निम्नानुसार पुनः प्रस्तुत किया गया है:- "इस संबंध में, यह सूचित किया जाता है कि श्री ईश्वर सिंह से इस कार्यालय में एक शिकायत पीजीआईएमएस रोहतक में प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना में गरीब और कमजोर परिवार के सदस्यों के बहुमूल्य जीवन की कीमत पर चल रही लूट और भ्रष्टाचार के संबंध में प्राप्त हुई थी। इस संबंध में सरकार के आदेश दिनांक 28.09.2023 द्वारा अभिलेखों के परीक्षण हेतु एक समिति का गठन किया गया था। मामला वर्तमान में गठित समिति के साथ सक्रिय विचाराधीन है।"

        उन्होंने बताया कि प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र योजना निर्बाध लाभ प्रदान करने के लिए अत्यंत आवशक है। एन.एच.ए. के दिशानिर्देशों के अनुसारए योजना के तहत प्राप्त शिकायतों को पहले जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला शिकायत निवारण समिति (डीजीआरसी) द्वारा निपटाया जाता है। यदि एक या दोनों पक्ष डीजीआरसी के निर्णय से असंतुष्ट हैं तो डी.जी.आर.सी. के निर्णय के खिलाफ अपील सीईओ ए.बी. एच.एच.पी.ए. की अध्यक्षता में राज्य शिकायत निवारण समिति (एसजीआरसी) के समक्ष की जाएगी।

        स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने बताया कि रिकॉर्ड के अनुसार, पूर्व में महानिदेशक स्वास्थ्य सेवा हरियाणा से ईमेल दिनांक 05/09/2022 के माध्यम से ऐ.बी. पी.एम.जे.ऐ.वाई योजना के तहत पंडित बीडीएस पीजीआईएमएस, रोहतक से संबंधित एक शिकायत प्राप्त हुई थी। यह शिकायत पूर्व में आयुष्मान लाभार्थी से पंडित बीडीएस पीजीआईएमएस, रोहतक द्वारा ऐ.बी. पी.एम.जे. ऐ.वाई. के तहत पैसे वसूलने से संबंधित थी। इस मामले की जांच सिविल सर्जन रोहतक द्वारा की गई थी। सिविल सर्जन रोहतक की टिप्पणियों के अनुसार पंडित बीडीएस पीजीआईएमएस, रोहतक द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को अनुचित पाया गया था और शिकायत को आगे की जांच के लिए डीएमईआर कार्यालय में भेज दिया गया था व जांचाधीन है।

        उन्होंने बताया कि पीजीआई रोहतक से संबंधित श्री सुमित कुमार की एक अन्य शिकायत जन संवाद पोर्टल पर पंजीकरण संख्या सी एम ओ एफ एफ/जे/2024/045242 दिनांक 03.02.2024 के माध्यम से लाभार्थी को योजना का लाभ नहीं देने के संबंध में प्राप्त हुई थी। मामले की जिला स्तर पर जांच चल रही है। यदि कोई अस्पताल दोषी पाया जाता है तो एनएचए दिशानिर्देशों के अनुसार दंड सहित उचित कार्रवाई की जाती है। लाभार्थी द्वारा अवैध नकद भुगतान के पहले अपराध में नोटिस प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर अस्पताल द्वारा राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (एस.एच.ए) को पूर्ण वापसी और अवैध भुगतान का 5 गुना तक  जुर्माना देना होगा। इसके बाद एसएचए 7 दिनों के भीतर लाभार्थी को वास्तविक रूप से चार्ज किया गया पैसा हस्तांतरित कर देगा। दूसरे अपराध के मामले में पहले अपराध के लिए उल्लिखित कार्रवाइयों के अलावाए मामले के लिए दावा खारिज कर दिया जाता है और तीसरे अपराध में अस्पतालों को डी- इम्पैनलमेंट/ब्लैकलिस्ट किया जाता है।

        श्री विज ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 12 लाख से अधिक दावों के मुकाबले लगभग 1.1 करोड़ नामांकन और 5 लाख से अधिक लाभार्थियों के ईलाज के साथ राज्य योजना के आदर्श वाक्य यानि 'किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना' के प्रति अपने सच्चे संकल्प को प्रदर्शित करने का प्रयास कर रहा है। कुल परिवारों और लाभार्थियों की संख्या (पात्र और नामांकित) इस प्रकार है:-कुल पात्र परिवार 45,13,916, कुल कवर किए गए परिवार (20.02.2024 तक) कुल पात्र लाभार्थी 35,55,923 (78.70 प्रतिशत ), कुल पात्र लाभार्थी 1,70,64,462 और कुल कवर किए गए लाभार्थी (20.02.2024 तक) 1,11,11,138 (65.10 प्रतिशत ) है।

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चंडीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि जिला सिरसा के गांव चौटाला की पुलिस चौकी को पुलिस थाना बनाया जाएगा।

        श्री विज ने यह घोषणा आज हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र 2024 के दौरान एक प्रश्न के उतर में की।

        उन्होंने बताया कि एडीजे कोर्ट की कार्रवाई आरंभ कर दी गई है और इस संबंध में सदन में उठाई गई चर्चा के दौरान भी उनके द्वारा विभाग को लिखा जाएगा कि इसकी व्यवहार्ता रिपोर्ट जल्दी सौंपी जाए ताकि उस पर कार्रवाई जल्द की जा सके। बड़ागुड़ा और रोड़ी थाने के संबंध में सर्वे करवाया जाएगा यदि वहां स्कोप होगा तो उस पर आगे विचार किया जाएगा।

        श्री विज ने बताया कि कुशल पुलिसिंग के लिए राजस्व जिला सिरसा के क्षेत्र को सरकारी अधिसूचना संख्या- एस.ओ.54/एच.ए.25/2008/एस.10/2023 दिनांक 23.08.2023 के तहत पुलिस जिला सिरसा और डबवाली में विभाजित किया गया था।

        उन्होंने बताया कि पुलिस स्टेशन रोड़ी और बड़ागुडा को पुलिस जिला डबवाली के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में शामिल किया गया था। ग्राम पंचायतों और बार ऐसोसिएशन के कई अभ्यावेदन पर विचार करने के बाद, सरकारी अधिसूचना संख्या एस.ओ.6/एच.ए. 25/2008/एस. 10/2024 दिनांक 24.01.2024 के माध्यम से पुलिस स्टेशनों को पुलिस जिला सिरसा के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया है।

        श्री विज ने बताया कि कालांवाली में उपमंडल न्यायालय स्थापित करने की व्यवहार्यता रिपोर्ट उपायुक्त, सिरसा से मांगी गई थी, लेकिन रिपोर्ट का अभी भी इतंजार है। इस संबंध में कोई अन्य प्रस्ताव विचारधीन नही है।

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एससी जाति के कल्याण और विकास पर 20 प्रतिशत से ज्यादा खर्च करने के लिए सरकार द्वारा किया जाता है स्पेशल प्रावधान - बनवारी लाल

अनुसूचित जातियों के संसाधनों का अनुपातिक और न्याय संगत वितरण के हर संभव प्रयास

चंडीगढ़ 22 फरवरी- हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने कहा कि सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों और उनके विकास के संसाधनों का अनुपातिक और न्याय संगत वितरण सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। अनुसूचित जातियों और उनके विकास प्राधिकरण के लिए स्पेशल कंपोनेंट प्लान अधिनियम को लागू करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

        सहकारिता मंत्री आज विधानसभा  बजट सत्र के तीसरे दिन पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और उनके विकास के लिए कल्याणकारी योजनाओं के एससीएसपी घटक राज्य के कुल बजट में से निर्धारित किया जाता है और इस बात पर विशेष ध्यान रखा जाता है कि राज्य की अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए कुल बजट का आबंटन उनकी जनसंख्या के अनुपात में सुनिश्चित हो।

        सहकारिता मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से लेकर अब तक किसी भी वर्ष के दौरान अनुसूचित जाति और उनके विकास पर निर्धारित 20 प्रतिशत से अधिक ही बजट खर्च किया गया है।  उन्होंने कहा कि यदि इसके लिए स्पेशल कानून बनाने की जरूरत आती है तो सरकार निर्धारित बजट से ज्यादा एस एस जाति के कल्याण और विकास पर  खर्च नहीं कर पाएगी। इसलिए स्पेशल कंपोनेंट की अवश्यकता नही है। उन्होंने कहा कि यदि एस सी जाति के विकास पर 20 प्रतिशत से ज्यादा  खर्च करने की बात आती है तो सरकार द्वारा इसका स्पेशल प्रावधान किया जाता है।

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चंडीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री जे पी दलाल ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पशुधन की स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हाल ही में वीएलडीए की भर्ती की गई है। डॉक्टर की कमी पूरी करने के लिए भी मांग भेजी हुई है।

        श्री जेपी दलाल आज यहां हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान एक सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब दे रहे थे।

        पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने कहा कि पशुओं के स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने हेतु 70 मोबाइल वैन चला रहे हैं और कॉल सेंटर बनाया गया है। पशुपालकों द्वारा कॉल करने पर डॉक्टर घर में जाकर पशु की जांच करेगा और दवाई देगा। सरकार भी इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगी कि कितने समय में डॉक्टर संबंधित जगह पर पहुंच रहे हैं।

        उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पशु बीमा योजना भी चलाई जा रही है और 100 रुपये व 200 रुपये में पशुओं का बीमा किया जाता है। किसी भी दुर्घटना होने पर पशुपालकों को बीमा क्लेम दिया जाता है। हरियाणा में लगभग 10-11 लाख पशुओं का बीमा किया गया है। अनुसूचित जाति से संबंधित पशुपालकों के पशुओं का बीमा मुफ्त किया जाता है। इसके अलावा, भेड़-बकरी के लिए भी बीमा योजना चलाई जा रही है।

        उन्होंने कहा कि दवाइयों की उपलब्धता भी निरंतर सुनिश्चित की जा रही है। जल्द ही 100 करोड़ रुपये की दवाएं खरीदने हेतु रेट कॉन्ट्रैक्ट किया जाएगा।

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चण्डीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि नारनौल में स्थापित मल संशोधन संयंत्र (एसटीपी) के कार्य के लिए राशि भी जमा करवा दी गई है और इसे एक वर्ष में पूरा करवा दिया जाएगा।

डॉ. कमल गुप्ता आज हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के तीसरे डॉ. अभय सिंह यादव द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने सदन को इस बात से अवगत करवाया कि शहरी अवसंरचना विकास योजना (यूआईडीएसएसएमटी) दिसम्बर, 2003 में शुरू की गई थी। यूआईडीएसएसएमटी के तहत परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए हरियाणा शहरी बुनियादी ढांचा एजेंसी के रूप में नामित किया गया था।

        योजना का उद्देश्य बुनियादी ढांचे की सुविधाओं में सुधार करना और बुनियादी ढांचे के विकास में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ाना है। यूआईडीएसएसएमटी के तहत डीपीआर तैयार करने और निष्पादन का कार्य भारत सरकार की नवरत्न उद्यम नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया था। नारनौल में छः एमएलडी एसटीपी का निर्माण कार्य भी इसी योजना का हिस्सा था।

उन्होंने बताया कि एनबीसीसी ने 24 मार्च, 2017 के पत्र के माध्यम से सूचित किया कि 90 दिनों का ट्रायल रन आयोजित किया गया।

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चण्डीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि नगर निगम, पंचकूला के वार्ड-20 में गांव कोट की नंदीशाला में उद्घाटन के समय 8 नंदीं को रखा गया था।

डॉ. कमल गुप्ता आज हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन ‌विधायक श्री प्रदीप चौधरी द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने सदन को इस बात से अवगत करवाया कि वर्तमान में गाँव कोट की नंदीशाला में 93 नंदी हैं, जिसमें उद्घाटन के समय रखी गई 8 नंदीं भी शामिल हैं। नंदीशाला का प्रबंधन और संचालन नंदी गौ सेवा सदन द्वारा किया जा रहा है और इस संस्था द्वारा अपने स्तर पर नंदीं के चारे का प्रबंध किया जाता है। उन्होंने बताया कि अब गांव की नंदीशाला के एक शेड का उद्घाटन सभी कार्य पूर्ण होने उपरांत किया जा चुका है। इस शेड में 300 नंदीं को रखने की क्षमता है। संस्था द्वारा पानी की व्यवस्था भी की गई है। बिजली की व्यवस्था भी पंचकूला नगर निगम द्वारा की जा चुकी है।

        उन्होंने सदन को इस बात से भी अवगत करवाया कि सड़कों पर घूम रहे नंदीं को नंदीशालाओं व गऊशालाओं में भिजवाया जा रहा है। इस कार्य के लिए पूरे हरियाणा में एक विशेष अभियान चलाया गया है।

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चण्डीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि जींद शहर में जयंती देवी मंदिर के साथ लगती बागवानी विभाग की 5 एकड़ भमि पर सामूदायिक केन्द्र बनाने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है।

डॉ. कमल गुप्ता आज हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन ‌विधायक डॉ. कृष्ण लाल मिड्डा द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने सदन को इस बात से अवगत करवाया कि चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद में दो और एक अन्य सामुदायिक केन्द्र पहले से ही स्थापित है। अगर फिर भी विधायक चाहते हैं तो प्रस्ताव भिजवाये। विभाग उक्त भूमि पर ऑडिटोरियम बनाने पर विचार कर सकता है।

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चण्डीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि नगर निगम फरीदाबाद में 10 एमएलडी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने का लगभग 85 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है।

डॉ. कमल गुप्ता आज हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन ‌श्रीमती सीमा त्रिखा द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि लक्कड़पुर में जमीन न मिलने के कारण मुख्य सीवर लाइन बिछाने का कार्य बाकि है यह कार्य अगले 30 महीनों में पूरा करना आपेक्षित है। भूमि उपलब्ध होते ही इसे जल्द पूरा करवा दिया जाएगा।

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चंडीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देवेन्द्र सिंह बबली ने कहा कि फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र में आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत 31 विकास कार्य करवाने के लिए उपायुक्त मेवात को 168.09 लाख रुपए की प्रशासनिक मंजूरी दी गई।

श्री बबली आज हरियाणा विधानसभा के चल रहे बजट सत्र के दौरान एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।

उन्होंने बताया कि 31 कार्य प्राप्त हुए थे। इनमें से एक कार्य पूर्ण हो चुका है और 13 कार्य प्रगति पर है। इनके टेंडर लगाने का कार्य आरंभ हो गया है और 11 कार्यों के टेंडर लग चुके हैं।

विकास एवं पंचायत मंत्री ने कहा कि पाँच लाख से अधिक के कार्य टेंडर प्रक्रिया से करवाए जाएँगे। उन्होंने बताया कि 10-20 प्रतिशत कार्यों को छोड़कर बाकी कार्यों की लागत तीन, चार और पाँच लाख तक की थी।

        यह कार्य विधायक आदर्श नगर एवं ग्राम योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए श्री मामन खान द्वारा फिरोजपुर झिरका विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए अनुशंसित किए गए थे। श्री बबली ने कहा कि इन कार्यों के निष्पादन में देरी विभिन्न कारणों से जैसे कि पुनः निविदा, बोलीदाताओं की भागीदारी की कमी, स्थानीय ठेकेदारों की तकनीकी अयोग्यता के कारण ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया में भाग न लेने के कारण हुई।

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चंडीगढ़, 22 फरवरी- हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देवेन्द्र सिंह बबली ने बताया कि राज्य में 15 स्थानों पर पशु मेलों का आयोजन किया जाता है। श्री बबली विधानसभा के बजट सत्र के दौरान एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने बताया कि जिला सिरसा के गाँव फग्गू में शामलात एवं पंचायत भूमि उपलब्ध नहीं के कारण फग्गू गाँव में आगामी आदेशों तक पशु मेला बंद करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि जिला भिवानी, फतेहाबाद, झज्जर, जींद, नारनौल, रेवाड़ी, रोहतक और सोनीपत ज़िलों के विभिन्न खंडों में पशु मेले आयोजित किए जाते हैं।

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