Haryana News Update: जानिए किन जिलों के स्कूलों में खुलनी है बाल वाटिका, नई शिक्षा नीति के तहत क्या है निदेशालय का आदेश

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Haryana News Update: जानिए किन जिलों के स्कूलों में खुलनी है बाल वाटिका, नई शिक्षा नीति के तहत क्या है निदेशालय का आदेश

Haryana News Update: 5864 बाल वाटिकाओं को पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा, निदेशालय ने दिए आदेश

प्रदेश के 2816 राजकीय प्राइमरी स्कूलों में तीसरी श्रेणी की बाल वाटिकाएं खोली जाएंगी। पहली व दूसरी श्रेणी की बाल वाटिका आंगनबाड़ी केंद्रों में चल रही हैं. शिक्षा विभाग ने इन्हें तीसरी श्रेणी की बाल वाटिका का नाम देकर स्कूलों में खोले जाने को लेकर प्लानिंग बनाई है। नई शिक्षा नीति के तहत बाल वाटिका की देखरेख मौलिक शिक्षा निदेशालय की ओर से की जाएगी। बाल वाटिका में स्टेज वाइज बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाएगी।

प्रदेश में 8680 प्राइमरी स्कूल हैं, जिनमें 5864 बाल वाटिका खुली हैं, लेकिन यह भी अभी पोर्टल पर अपडेट नहीं की गई हैं। इन्हें भी पोर्टल पर अपडेट करने के मौलिक शिक्षा निदेशालय की ओर से दिए गए हैं। स्कूलों में जिस तरह से नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी कक्षा होती है। उसी तरह अब बाल वाटिका की भी तीन श्रेणी होंगी। इनमें आंगनबाड़ी केंद्रों में दो श्रेणी की होगी, जबकि तीसरी श्रेणी की बाल वाटिका शिक्षा विभाग के अधीन होगी। योजना की शुरुआत शिक्षा विभाग ने सरकारी प्राइमरी स्कूलों में की है।

 इसके लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। शिक्षकों ने एमआईएस पोर्टल पर नामांकन शुरू कर दिए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पूर्व प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य शिक्षण का भाग बनाया है। इसके अनुसार पहली स्टेज परफाउंडेशन स्टेज दो भागों में है

आंगनबाड़ी प्री स्कूल के तीन साल प्लस आयु वर्ग, प्राथमिक स्कूल में कक्षा पहली दूसरी में दो साल, तीन से आठ साल के बच्चों सहित। दूसरी स्टेज में प्रिपरेटरी स्टेज कक्षा तीन से पांच, आठ से 11 साल बच्चों सहित। तीसर स्टेज मिडिल स्कूल स्टेज कक्षा 6 से 8, 11 से 14 वर्ष के बच्चों सहित। चौथी स्टेज सेकेंडरी स्टेज कक्षा नौवीं से 12वीं दो फेज में यानी पहले फेज में नौ और 10, दूसरे फेज में 11, 12, 14 से 18 वर्ष के बच्चों सहित शामिल की गई है।

प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर संजीव कुमार ने बताया कि शिक्षा नीति के अनुसार स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचे को पुनर्गठित किया जाएगा, ताकि विभिन्न पड़ाव पर विद्यार्थियों के विकास की अलग-अलग व्यवस्था के अनुसार ध्यान दिया जाएगा

अम्बाला- 119 भिवानी- 146 चरखी दादरी- 99 फरीदाबाद- 120 फतेहाबाद-68 गुरुग्राम-66 हिसार-98 झज्जर-100 जींद-89 कैथल-65 करनाल-150 कुरुक्षेत्र-106 महेंद्रगढ़-203 नूंह-287 पलवल-151 पंचकूला-55 पानीपत-59 रेवाड़ी-242 रोहतक-57 सिरसा-105 सोनीपत-180 यमुनानगर-251
 कुल-2816
 

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