Haryana News: हरियाणा सरकार ने कमिश्नरों की बढ़ाई पावर, अब कर सकेंगे यह काम

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हरियाणा सरकार ने मंडल आयुक्त (कमिश्नर) की पावर बढ़ा दी है। सरकार के नए फैसले के अनुसार अब कमिश्नर जिलों के DC के कामों की समीक्षा करेंगे। इसको लेकर मुख्य सचिव संजीव कौशल की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। लॉ एंड ऑर्डर के अलावा अब वे फसलों की गिरदावरी, राशन डिपो की चैकिंग जैसे कामों में भी सीधे हस्ताक्षेप कर सकेंगे।

नए नोटिफिकेशन के अनुसार मंडलायुक्तों को यह अधिकार दिया गया है कि वे हर महीने DC के साथ मीटिंग कर सरकारी विभागों के जमीन से जुड़े विवादों व केस की प्रगति की समीक्षा करेंगे। 6 माह से लंबित सभी केस की डीसी व एसडीएम के साथ चर्चा करेंगे। साथ ही उसके निस्तारण के लिए की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी सरकार को भेजेंगे।

साथ ही उनको सीनियर सिटीजन के कल्याण के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं को धरातल पर लागू करवाना होगा और नागरिक उड्डयन सेवाओं से जुड़े मामलों को जल्द पूरा कराना होगा।

इसलिए मिली लॉ एंड ऑर्डर की पावर

अभी तक पहले यदि कोई मंडलायुक्त किसी SP या DSP को अपने ऑफिस बुलाता था तो वह काफी आनाकानी करते थे। कई बार राज्य सरकार ने जब मंडलायुक्तों से लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति के बारे में बातचीत की तो उन्होंने साफ कह दिया कि इस व्यवस्था में उन्हें शामिल नहीं किया जाता, जिसके बाद राज्य सरकार ने कमिश्नरों को पावर दी है कि वे माह में कम से कम एक बार IG, DIG, PG, DC, SP, DSP और DCP के साथ रिव्यू मीटिंग करेंगे।

इसके साथ ही सेंसटिव स्थानों, सब्जेक्ट और प्रमुख घटनाक्रम की एक गोपनीय रिपोर्ट मुख्य सचिव को प्रेषित करेंगे।

विकास कामों की सीधे सरकार को भेजेंगे रिपोर्ट

मंडलायुक्तों को सरकार की ओर से पावर दी गई है कि वे शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में विकास कार्यों को धरातल पर लागू कराएंगे। इस दौरान यदि कोई समस्या उन्हें आती है तो उसको दूर कर इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजेंगे। प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन और प्रॉपर्टी आईडी के काम में आने वाली दिक्कतों को भी दूर करने की जिम्मेदारी कमिश्नर को दी गई है।

इसके लिए जिला नगर आयुक्त तथा जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों व जिला पंचायत एवं विकास अधिकारियों के साथ मंडलायुक्तों को डेली मीटिंग करनी होगी।

हर महीने चेक करेंगे 2 राशन डिपो

हरियाणा सरकार ने मंडलायुक्तों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में महीने में एक बार कम से कम 2 राशन डिपो चेक करेंगे। यह भी तय करेंगे कि वहां बायोमेट्रिक प्रणाली से राशन का वितरण हो रहा है या नहीं। राशन डिपो के लिए जितने राशन का अलॉटमेंट हुआ है, उतना स्टॉक में मौजूद है या नहीं। इसके अलावा राज्य में अनाज खरीद की प्रक्रिया सुचारु चल रही है या नहीं। राज्य में फसल खराब होने की स्थिति में गिरदावरी व मुआवजे का वितरण भी मंडलायुक्तों की देखरेख में होगा।

गिरदावरी की हर महीने भेजनी होगी रिपोर्ट

प्रदेश सरकार ने मंडलायुक्तों को अधिकार दिया है कि वे गिरदावरी की गई जमीन में एक प्रतिशत केस की स्वयं मौके पर जाकर जांच करें, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वास्तविक लोगों को लाभ मिल रहा है या गिरदावरी में किसी तरह की कोई गड़बड़ तो नहीं हुई है। मंडलायुक्तों को इस संबंध में पूरी मासिक रिपोर्ट चीफ सेक्रेटरी को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

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