Haryana News: हरियाणा के सहकारिता विभाग में 100 करोड़ घोटाले की मास्टरमाइंड पर बड़ा खुलासा, लग्जरी लाइफ की थी शौकीन

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Haryana News: Big revelation on the mastermind of Rs 100 crore scam in Haryana's Cooperative Department
 

Haryana News: हरियाणा के सहकारिता विभाग में हुए 100 करोड़ रुपए के घोटाले के तार अब कनाडा से जुड़ गए हैं। हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की जांच में यह खुलासा हुआ है कि स्टालिन जीत सिंह की बैंटम इंडिया लिमिटेड कंपनी की ब्रांच कनाडा में भी है।

इसी कंपनी के जरिए घोटाले की मुख्य आरोपी असिस्टेंट रजिस्ट्रार अनु कौशिश ने रिश्वत का पैसा कनाडा में ट्रांसफर किया। अनु की बहन कनाडा में रहती है।

उसकी बहन ने अनु के दुबई शिफ्ट होने का पूरा बंदोबस्त कर दिया था, लेकिन इसकी भनक ACB को लग गई।

वहीं आरोपी स्टालिन भी अपनी पूरी फैमिली को पहले ही कनाडा भेज चुका है, लेकिन खुद भाग पाता, इससे पहले ACB ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

एसीबी के अधिकारियों के अनुसार अनु कौशिश लग्जरी लाइफ की शौकीन है। वह अक्सर गुरुग्राम और दिल्ली में बड़ी पार्टियों में शामिल होती थी।

CM के पास पहुंची फाइल
इस योजना के नोडल अधिकारी के रूप में हरको बैंक के एमडी नरेश गोयल साल 2014 से इस पूरे घोटाले के जनक के रूप में विभाग में कुंडली मारकर बैठे हुए हैं।

गोयल के विरुद्ध ACB ने कार्रवाई के लिए फाइल राज्य सरकार के पास भेज दी है। उनकी किसी भी समय गिरफ्तारी हो सकती है।

ACB अब आरोपियों के खातों में पैसों की डिटेल जुटाने में लगी है। इस योजना के तहत गांवों में गोदाम निर्माण मरम्मत, किसानों की ट्रेनिंग, बाउंड्री बाल का निर्माण, पैक की बिल्डिंग का निर्माण और विभिन्न कार्यों के लिए लोन की व्यवस्था का प्रावधान है।

अनु कौशिश ने किसानों के लिए आई रकम फर्जी खरीद की आड़ में अपने करीबियों की कंपनी में ट्रांसफर की। इसके बाद कंपनियों से उनके परिवार को उनका हिस्सा रिश्वत के तौर पर दिया गया।

100 करोड़ से भी बड़ा घोटाला
हरियाणा के सहकारिता विभाग की एकीकृत सहकारी विकास परियोजना (ICDP) में एंटी करप्शन ब्यूरो ने जो घोटाला पकड़ा है, वह 2018 से 2021 के बीच का है, जबकि इसमें साल 2010- 11 से घोटाला चला आ रहा है।

एसीबी के सूत्रों का कहना है कि सहकारिता विभाग के अधिकारी खुद को बचाने के लिए बेशक बार-बार यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने बिना खर्च हुई राशि फील्ड से वापस मंगवा ली थी, लेकिन एसीबी के पास ऐसे पुख्ता सबूत हैं, जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि घोटाला 100 करोड़ का न होकर इससे काफी बड़ा है।

हरियाणा के सहकारिता मंत्री के साथ अनु कौशिश।

क्या है पूरा घोटाला
हरियाणा में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने 2 फरवरी को सहकारिता विभाग की ओर से चलाई जा रही एकीकृत सहकारी विकास परियोजना में 100 करोड़ से अधिक रुपए के घोटाले का पर्दाफाश किया।

ACB की रिपोर्ट के मुताबिक, विभाग के सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति और जिला रजिस्ट्रार सहकारी समिति ने ऑडिटर की मिलीभगत से सरकारी खाते में जमा पैसों से अपने निजी हित में फ्लैट, जमीन आदि खरीदे हैं।

इन अधिकारियों ने सरकारी रिकॉर्ड, बैंक खातों संबंधी विवरण, आदि भी जाली लगाए थे। ब्यूरो की टीम मामले में सबूत जुटाकर गहनता से जांच कर रही है। आरोपियों के खिलाफ करनाल-अंबाला रेंज में विभिन्न धाराओं के तहत अब तक 11 केस दर्ज किए हैं।

 

जिस वक्त यह घोटाला हुआ, अनु कौशिश रेवाड़ी ICDP की GM थी।

अब तक इन अधिकारियों की हो चुकी गिरफ्तारी
ACB ने मामले की गहनता से जांच करते हुए इसमें संलिप्त 6 गजटेड अधिकारियों, ICDP रेवाड़ी के 4 अन्य अधिकारियों और 4 निजी व्यक्तियों की गिरफ्तारी की है। इन आरोपियों में ऑडिट ऑफिसर बलविंदर, डिप्टी चीफ ऑडिटर योगेंद्र अग्रवाल, जिला रजिस्टर सहकारी समिति करनाल रोहित गुप्ता, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति अनु कौशिश, रामकुमार, जितेंद्र कौशिक और कृष्ण बेनीवाल शामिल हैं। इसी विभाग के ICDP रेवाड़ी के लेखाकार सुमित अग्रवाल, डेवलपमेंट अधिकारी नितिन शर्मा और विजय सिंह की गिरफ्तारी की गई है। वहीं, टीम ने चार अन्य व्यक्तियों स्टालिन जीत, नताशा कौशिक, सुभाष और रेखा को गिरफ्तार किया है।

CM ने भी तलब की फाइल
हरियाणा CMO के सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एसीबी चीफ शत्रुजीत कपूर को देर रात आवास पर बुलाकर पूरे मामले की जानकारी ली है। उन्हें बताया गया कि इस मामले में अब तक एसीबी के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और एसपी चंद्रमोहन की देखरेख में घोटाले के आरोपियों की करीब 5 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी को अटैच कर दिया गया है। इसमें सिरसा में 10 एकड़ जमीन, जीरकपुर और कुरुक्षेत्र में दो प्लाट व तीन फ्लैट शामिल हैं।

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