Haryana News: हरियाणा सरकार का अधिकारियों को लेकर बड़ा फैसला, ऐसे होगी जांच
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Haryana News: हरियाणा सरकार ने 14 और जांच अधिकारियों को सूचीबद्ध किया है। इसके अलावा, सेवारत ग्रुप ए और बी के अधिकारी हरियाणा सिविल सेवा (दंड और अपील) नियम, 2016 के तहत विभागीय जांच करने के लिए अनुशासनात्मक प्राधिकारी द्वारा जांच अधिकारी के रूप में नामित होने के पात्र होंगे।
सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को जारी किए पत्र में हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने हरियाणा सिविल सेवा (दंड और अपील) नियम, 2016 के तहत विभागीय जांच करने की प्रक्रियाओं की रूपरेखा तैयार की है। इसमें जांच अधिकारियों को नामित किया गया है।
ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों की ग्रुप बी के वही अधिकारी जांच कर सकेंगे जो आरोपित व्यक्ति से दो वेतन ऊपर के पद पर कार्यरत होंगे।
इसी प्रकार ग्रुप बी अधिकारियों से वही ए स्तर का अधिकारी पूछताछ कर सकेंगे जो आरोपित व्यक्ति से कम से कम दो वेतन ऊपर के पद कार्य कर रहे होंगे।
ग्रुप ए के अधिकारियों की जांच के लिए
ग्रुप ए के वही अधिकारी नामित किए जाएंगे जो आरोपित व्यक्ति से कम से कम दो वेतन ऊपर के पद पर कार्य कर रहे होंगे।
उच्चतम वेतन पाने वाले ग्रुप ए अधिकारियों से पूछताछ के लिए समय-समय पर सरकार द्वारा अधिसूचित सूची से नामित ही संबंधित जांच अधिकारी कार्य करेंगे।
14 जांच अधिकारियों में श्री महेंद्र सिंह एडीजे (सेवानिवृत्त), श्री ठाकुर दास घोपरा, सीई हुडा (सेवानिवृत्त), श्री राकेश जॉली, सीई, एचवीपीएनएल (सेवानिवृत्त), श्री राकेश मनोचा, ईआईसी, पीडब्ल्यूडी बी एंड आर, (सेवानिवृत्त), डॉ. परवीन के. गर्ग डीजीएचएस (सेवानिवृत्त) , डॉ. नरेंद्र कुमार अरोड़ा, डीजीएचएस (सेवानिवृत्त), श्री परमिंदर पाल सिंह, जिला एवं सत्र न्यायाधीश (सेवानिवृत्त), श्री जगदीश खुशदिल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश (सेवानिवृत्त), श्री संत प्रकाश सूद एडीजे (सेवानिवृत्त), श्री अरुण कुमार गोयल, सीई एमडी (सेवानिवृत्त), ब्रिगेडियर नवल किशोर ओहरी, डिप्टी जज एडवोकेट जनरल (सेवानिवृत्त), श्री अनिल कुमार गांधी, संयुक्त सचिव (सेवानिवृत्त), श्री सुरेश कुमार खरब, कार्यकारी निदेशक इंजीनियरिंग एनबीसीसी(सेवानिवृत्त) और श्री राम किशन शर्मा सीई पीडी एवं सी, यूएचबीवीएन (सेवानिवृत्त) को पैनल में शामिल किया गया है।
पत्र में अवगत करवाया गया है कि सक्षम प्राधिकारी के पास जांच अधिकारियों को अधिकृत करने का अधिकार होगा । वह जांच अधिकारियों को सरकार द्वारा जारी पैनलबद्ध सूची या सेवारत अधिकारियों में से जांच अधिकारी नियुक्त कर सकते हैं