Haryana News: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल 24 जनवरी को करेंगे 60 तालाबों का लोकार्पण, फतेहाबाद के डुल्ट गांव से करेंगे वर्चुअली शुभारंभ
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जल संरक्षण की दृष्टि से प्रधानमंत्री द्वारा अमृत सरोवर मिशन नाम से एक नई पहल की शुरूआत की गई। इस मिशन का उद्देश्य आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवरों का विकास और कायाकल्प करना है। हरियाणा में ग्रामीण क्षेत्रों में 18,748 तालाब और शहरी क्षेत्रों में 901 तालाब हैं। प्रधानमंत्री के मिशन के अनुसार हरियाणा के 22 जिलों में 1650 तालाबों को अमृत सरोवर मिशन के तहत लक्षित किया गया था। मुख्यमंत्री ने इसे देखते हुए सबसे पहले हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया है, जो निरंतर इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल स्वयं जल संरक्षण के प्रति गंभीर हैं। उन्होंने कोरोना काल के दौरान मेरा पानी-मेरी विरासत नामक एक अनूठी योजना बनाई, जिसका उद्देश्य जमीन के साथ-साथ भावी पीढ़ी को पानी विरासत में देकर जाना है। योजना का असर धरातल पर भी देखने को मिल रहा है। प्रदेश में धान बाहुल्य जिलों के किसानों को यह योजना बड़ी रास आई और उन्होंने स्वेच्छा से एक लाख से अधिक एकड़ क्षेत्र में धान की फसल की बजाय अन्य फसलों को अपना लिया है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों को अपनाने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ वित्तीय अनुदान देने की भी योजना लागू की है। इसके अलावा डीएसआर (सीधी बिजाई) तकनीक से बिजाई करने वाले किसानों को 4 हजार रुपये प्रति एकड़ का अनुदान दिया जाता है।
अमृत सरोवर मिशन रोजगार का भी बना साधन
मनरेगा के तहत अमृत सरोवर मिशन के अंतर्गत तालाबों की खुदाई होती है और ग्रामीणों को काम दिया जाता है। यह योजना ग्रामीणों को काम दिलाने में भी कारगर साबित हुई है। पूर्व में प्रदेश में 1207 ग्रामीण तालाबों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण किया जा चुका है। हरियाणा ने अमृत सरोवर मिशन के तहत तालाबों व जोहड़ों के जीर्णोद्धार और विकास के लक्ष्य को पूरा कर लिया है। योजना के तहत प्रदेश के 22 जिलों के 1650 तालाबों को विकसित करना था, लेकिन हरियाणा में 2078 तालाबों का कायाकल्प किया जा चुका है।
तालाबों को किया गया है तीन श्रेणियों में विभाजित
मिशन के तहत तालाबों को अमृत, अमृत प्लस व अमृत प्लस-प्लस तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। प्रारंभिक चरण में तालाबों से पानी की निकासी, गाद निकालना, खुदाई व तालाबों के किनारों को मजबूत करना है। दूसरे चरण में पौधारोपण, पगडंडी बनाना, गाद निकलना, तारबंदी, बैंच, सोलर लाइट, पशुघाट से संबंधित निर्माण कार्य किए जाते हैं। तीसरे चरण में अमृत प्लस-प्लस योजना के तहत 110 तालाबों में अतिरिक्त स्ततः गतिविधिया संचालित की गई हैं। इन तालाबों में मत्स्य पालन सहित अन्य कई गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर होगी।