Haryana News: प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिया बड़ा बयान, चुनाव से पहले जानिए किन लोगों के खिलाफ दर्ज केस सरकार लेगी वापिस

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Haryana News: प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिया बड़ा बयान, चुनाव से पहले जानिए किन लोगों के खिलाफ दर्ज केस सरकार लेगी वापिस

Haryana News:कोविड-19 महामारी के दौरान नियमों के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ विभिन्न थानों में दर्ज 8275 मुकदमे वापस लिए जाएंगे। इसमें फरीदाबाद में 750 मुकदमे हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा की। इससे कोरोना काल में आरोपी बनाए गए लोगों को राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का उल्लंघन करने वाले लोगों के विरुद्ध दर्ज एफआईआर को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने पर 8275 एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसमें कुल 14,127 लोगों की गिरफ्तारियां हुई थी। 

मुख्यमंत्री ने आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि प्रदेश में सबसे अधिक मुकदमे गुरुग्राम में दर्ज किए गए थे। गुरुग्राम में 1030 एफआईआर के अलावा झज्जर में 814, फरीदाबाद में 765, करनाल में 545 और रोहतक में 646 एफआईआर दर्ज की गई थी। इन सभी एफआईआर को वापस लेने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि मामले दर्ज होने से लोग काफी परेशान थे। उन्हें संबंधित थानों के साथ अदालतों का चक्कर लगाना पड़ता था। इससे उन्हें मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ता था। पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि इससे उन लोगों को काफी राहत मिलेगी, जिन्हें आरोपी बनाया गया था।

पुलिस ने भी बरती सख्ती 

सरकार द्वारा नियमों को पालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस को दी गई थी। पुलिस से कहा गया था कि नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। इस बाबत मास्क नहीं पहनने वालों का चालान करने के साथ नियमों की अवहेलना करने वाले 765 लोगों पर मुकदमा भी दर्ज किया गया था। बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस बाबत मुकदमा दर्जकर अधिकांश आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

कोराना काल में यह था नियम

जानकारी के अनुसार कोविड-19 के दौरान कोरोना से बचने के लिए केंद्र सरकार की ओर से पूरे देश में लॉक डाउन लगाया गया था। इसमें कई नियम बनाए गए थे। मीडिया, पुलिस, चिकित्सा से जुड़े लोगों को छोड़कर अन्य को कहीं भी आवाजाही पर मनाही थी। लोगों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया था। चार गज की दूरी के नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया था। इसके अलावा यह कहा गया था कि चार लोग एक साथ खड़े नहीं हो सकते।

विदेश से आने वालों पर भी दर्ज किया गया था मुकदमा

जानकारी के अनुसार कोरोना के दौरान विदेश से आने वालों पर कई पाबंदियां लगाई गई थी। विदेश से आने वालों को कम से कम 14 दिनों तक क्वरंटाइन रहने को कहा गया था। उनका कोराना टेस्ट किया गया था। बताया जा रहा है कि क्वरंटाइन के नियमों और विदेश आने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को नहीं देने के मामले में कई लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था।

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