Haryana Cabinet Meeting: हरियाणा कैबिनेट की बैठक में लिए गए अहम फैसले, फटाफट जानिए सारी अपडेट

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Haryana Cabinet Meeting: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एनआईटी फरीदाबाद में 1094 वर्ग गज सरकारी भूमि को सैन समाज कल्याण सभा, फरीदाबाद को हस्तांतरित करने की मंजूरी दे दी है।

यह निर्णय सामाजिक/धार्मिक/धर्मार्थ/सामुदायिक उद्देश्यों के लिए सरकारी भूमि के आवंटन की नीति के तहत धर्मशाला और मंदिर जैसे धार्मिक और सामुदायिक उद्देश्यों के लिए 915 वर्ग मीटर भूमि के आवंटन के लिए सोसायटी के अनुरोध के तहत लिया गया है ।

प्रस्तावित हस्तांतरण में राजस्व विभाग की सरकारी भूमि शामिल है और निर्णय दिनांक 12-02-2019 की नीति के पैरा 8 के अनुरूप है। 1947 में पश्चिमी पंजाब से विस्थापित व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार द्वारा पूर्ववर्ती भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 के तहत अधिग्रहित भूमि, अब सैन समाज कल्याण सभा, फरीदाबाद के लिए पूजा स्थल और सामुदायिक सुविधाएं स्थापित करने के उद्देश्य से दी गई है ।

प्रश्नाधीन भूमि का कलेक्टर रेट 17,000 रुपये प्रति वर्ग गज है और यह निर्णय लिया गया है कि कलेक्टर दरों की 50% की रियायती दर पर सैन समाज कल्याण सभा को हस्तांतरण किया जाएगा, जिसकी कुल लागत 93,01,890 रुपये सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के अधीन, वित्त विभाग ने पहले ही अपनी सहमति प्रदान कर दी है।

सैन समाज कल्याण सभा, फरीदाबाद, जो हरियाणा पंजीकरण और सोसायटी विनियमन अधिनियम, 2012 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी है, ने राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा अधिसूचित सरकारी भूमि के आवंटन के लिए नीति में उल्लिखित दिशानिर्देशों के अनुसार हस्तांतरण की मांग की थी।

हरियाणा ने मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, कंटेनर डिपो, कृषि गोदामों की स्थापना हेतु किया नीति में संशोधन
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में एकीकृत/मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, इंटीग्रेटेड इनलैंड (एकीकृत अंतर्देशीय)कंटेनर डिपो, लॉजिस्टिक्स पार्क, वेयरहाउस-कम-रिटेल, ट्रकर्स पार्क, कैश एंड कैरी, वेयरहाउस, कोल्ड चेन सुविधाएं और गैस गोदाम स्थापित करने के लिए नीति में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई।

संशोधित नीति के तहत, इंटीग्रेटेड इनलैंड कंटेनर डिपो/कस्टम बाउंडेड क्षेत्रों की स्थापना के लिए न्यूनतम 20 एकड़ क्षेत्र आवश्यक होगा, जो वर्तमान में 50 एकड़ है।

खुदरा सुविधाओं वाले कृषि गोदामों के लिए न्यूनतम 2 एकड़ क्षेत्र अनिवार्य होगा, जबकि खुदरा सुविधाओं वाले गैर-कृषि गोदामों के लिए 5 एकड़ की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, डेवलपर्स को कृषि गोदामों के लिए न्यूनतम 33 फीट और गैर-कृषि गोदामों के लिए 60 फीट की दूरी सुनिश्चित करनी होगी।

कोल्ड चेन भंडारण सुविधाओं के लिए न्यूनतम 33 फीट दूरी की आवश्यकता होगी।

इन संशोधनों का उद्देश्य नगर एवं ग्राम आयोजना और उद्योग एवं वाणिज्य विभाग दोनों की नीतियों में न्यूनतम पात्रता शर्तों और दृष्टिकोण मानदंडों में स्थिरता बनाए रखना है।

हरियाणा में थैलेसीमिया और हीमोफीलिया रोगियों को 3000 रुपये मासिक दिव्यांगता पेंशन मिलेगी

7.49 करोड़ रुपये वार्षिक वितरण से लगभग 2083 मरीज लाभान्वित होंगे

चण्डीगढ़, 30 जनवरी – हरियाणा में थैलेसीमिया और हीमोफीलिया से पीड़ित मरीज, जिनकी पारिवारिक आय प्रति वर्ष 3 लाख रुपये तक है, अब 3000 रुपये की मासिक दिव्यांगता पेंशन के हकदार होंगे। इस निर्णय से लगभग 2083 रोगियों को लाभ होने की उम्मीद है और वर्तमान में 3000 रुपये मासिक पेंशन की दर के अनुरूप 7.49 करोड़ रुपये का वार्षिक वितरण होगा।

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ‘हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम, 2016’ के तहत मौजूदा अधिसूचना में थैलेसीमिया और हीमोफीलिया रोगों को शामिल करने की मंजूरी दे दी। इस निर्णय का उद्देश्य ऐसे रोगियों को दिव्यांगता पेंशन का लाभ प्रदान करना और इन रोगियों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करना है।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पिछले वर्ष 3 लाख रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवारों के थैलेसीमिया और हीमोफीलिया रोगियों को दिव्यांगता पेंशन योजना में शामिल करने की घोषणा की थी। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट (2022) के अनुसार, हरियाणा में थैलेसीमिया के लगभग 1300 मामले और हीमोफीलिया के लगभग 783 मामले दर्ज किए गए हैं।

मरीजों की वर्तमान स्थिति का पता लगाने के लिए कि वे ठीक हो गए हैं या नहीं, संबंधित सिविल सर्जन द्वारा थैलेसीमिया और हीमोफिलिया प्रमाणपत्रों का प्रति वर्ष सत्यापन किया जाएगा।

हरियाणा कैबिनेट ने 14 पेंशन योजनाओं के लिए 250 रुपये मासिक वृद्धि को मंजूरी दी

चंडीगढ़, 30 जनवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सामाजिक न्याय, अधिकारिता, एससी और बीसी के कल्याण और अंत्योदय (सेवा) विभाग, हरियाणा द्वारा कार्यान्वित की जा रही 14 पेंशन योजनाओं के लिए 1 जनवरी, 2024 से 250 रुपये की मासिक वृद्धि, जो फरवरी, 2024 से देय होगी, को मंजूरी प्रदान की गई। इस निर्णय से विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के लगभग 31.40 लाख लाभार्थी लाभान्वित होंगे।

कैबिनेट ने सेवा विभाग के तहत संचालित नौ सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं की दरों में 2000 रुपये से बढ़ोतरी को भी मंजूरी दे दी है. 2,750/- से रु. 3,000 प्रति माह, 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी। इन योजनाओं में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा एवं निराश्रित महिला को पेंशन, दिव्यांग पेंशन, लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता, निराश्रित बच्चों को वित्तीय सहायता, हरियाणा के बौनों को भत्ता, हरियाणा के किन्नरों को भत्ता, स्कूल न जाने वाले दिव्यांग बच्चों को वित्तीय सहायता, कश्मीरी प्रवासियों को वित्तीय सहायता योजना, विधुर एवं अविवाहित व्यक्तियों को वित्तीय सहायता, चरण III और IV कैंसर रोगियों के लिए वित्तीय सहायता, दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को वित्तीय सहायता आदि शामिल हैं।

इसके अलावा, स्कूल न जाने वाले विकलांग बच्चों की योजना के लिए वित्तीय सहायता 2,150 से 2,400 रुपये बढ़ा दी गई है। निराश्रित बच्चों को वित्तीय सहायता योजना 1,850 से 2,100 रुपये और कश्मीरी प्रवासी योजना के तहत वित्तीय सहायता बढ़ाकर 1250 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दी गई है।

पेंशन दरों में यह वृद्धि हरियाणा सरकार की अपने निवासियों के कल्याण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। बढ़ी हुई वित्तीय सहायता का उद्देश्य समाज के विभिन्न क्षेत्रों में लाभार्थियों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना, समावेशिता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है।

हरियाणा सरकार ब्राह्मण सभा को धर्मार्थ कार्यों के लिए कलेक्टर दर के 50 प्रतिशत की रियायती दर पर करेगी भूमि आवंटित

मंत्रिमंडल की बैठक में दी गई मंजूरी

चंडीगढ़, 30 जनवरी- हरियाणा सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के मेधावी बच्चों की शैक्षणिक उन्नति के लिए नगरपालिका समिति, जुलाना की 510.04 वर्ग मीटर भूमि को धर्मार्थ कार्यों के लिए ब्राह्मण सभा को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। यह भूमि कलेक्टर दर की 50 प्रतिशत की रियायती दर पर आवंटित की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है।

इस भूमि का हस्तांतरण ब्राह्मण सभा को रियायती दर पर हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 की धारा 62 ए के खंड (घ) के प्रावधानों के अनुसार किया गया है।

हरियाणा सरकार ने अवैध इमीग्रेशन पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024 को दी मंजूरी

चंडीगढ़, 30 जनवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में निर्दोष और बेरोजगार युवाओं को अवैध आप्रवासन (इमीग्रेशन)रैकेट का शिकार होने से बचाने के लिए ‘हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024’ को स्वीकृति प्रदान की गई। आप्रवासन से संबंधित धोखाधड़ी गतिविधियों में लगे भ्रष्ट ट्रैवल एजेंटों द्वारा धोखा दिए जाने वाले व्यक्तियों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा राज्यों से, की परेशानी को कम करने के लिए यह साहसिक पहल की गई है।

इस विधेयक की मुख्य विशेषताओं में यह शामिल है कि कोई भी व्यक्ति अधिनियम के तहत पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना ट्रैवल एजेंट का पेशा नहीं कर सकता। आवेदन सक्षम प्राधिकारी को निर्दिष्ट समय के भीतर आवश्यक दस्तावेजों, शुल्क के साथ प्रस्तुत करना होगा। सक्षम प्राधिकारी आवेदन विवरण को सत्यापित करने के बाद पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी कर सकता है।

विधेयक के अनुसार प्रमाणपत्र तब तक जारी नहीं किया जाता जब तक कि पुलिस द्वारा विवरण सत्यापित नहीं किया जाता है, पंजीकरण प्रमाणपत्र की वैधता तीन साल के लिए होती है, जिसे निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार नवीनीकृत किया जाता है। इसके अलावा, नया कार्यालय या शाखा खोलने के लिए नया पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करना आवश्यक है।

विधेयक में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि सक्षम प्राधिकारी विभिन्न कारणों जैसे दिवालियापन, आपराधिक गतिविधियों, शर्तों का उल्लंघन आदि के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर सकता है। रद्द करने से पहले, कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है और ट्रैवल एजेंट को स्पष्टीकरण देने का मौका मिलता है। यहां यह भी उल्लेख किया गया है कि रद्द करने पर विचार लंबित रहने तक एक निर्दिष्ट अवधि के लिए निलंबन किया जा सकता है। रद्द किया गया पंजीकरण ट्रैवल एजेंट को एक निर्धारित अवधि के लिए पेशे से वंचित कर देता है।

अधिनियम में यह भी उल्लेख किया गया है कि अदालत, इस अधिनियम के तहत अपराधों को संबोधित करते हुए, अवैध रूप से अर्जित संपत्ति की जब्ती का आदेश दे सकती है, मानव तस्करी या जाली दस्तावेजों में शामिल व्यक्तियों को दस साल तक की कैद और 2-5 लाख रुपये तक के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने या प्रतिबंधित उपकरणों का उपयोग करने पर सात साल तक की कैद और दो से पांच लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।

हरियाणा सरकार अपने नागरिकों को अवैध आप्रवासन घोटालों का शिकार होने से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रस्तावित कानून ट्रैवल एजेंटों को विनियमित करने, आप्रवासन से संबंधित सेवाओं में पारदर्शिता, वैधता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण दर्शाता है। सरकार सभी हितधारकों से आग्रह करती है कि वे विदेश में अवसर तलाशने वाले व्यक्तियों के लिए अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने हेतु इस पहल का समर्थन करें।

हरियाणा मंत्रिमंडल ने ‘हरियाणा माननीय शव निपटान विधेयक, 2024’ को मंजूरी दी

चंडीगढ़, 30 जनवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में डेड-बॉडी (मृत शरीर) के अधिकार और गरिमा को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस बैठक में “द हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल ऑफ़ डेड बॉडी बिल, 2024” को मंजूरी दी गई। इस ऐतिहासिक कानून का उद्देश्य किसी मृत शरीर का सभ्य और समय पर अंतिम संस्कार सुनिश्चित करना है।

मृत व्यक्ति की पवित्रता की रक्षा करने और समय पर अंतिम संस्कार में बाधा डालने वाले किसी भी अनुचित विरोध या आंदोलन को रोकने की आवश्यकता को पहचानते हुए, यह विधेयक स्पष्ट रूप से शवों के निपटान के संबंध में किसी भी मांग या प्रदर्शन पर रोक लगाता है।

प्रस्तावित कानून उन मामलों में सार्वजनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी पर भी जोर देता है जहां परिवार के सदस्य मृत शरीर को अस्वीकार कर देते हैं, जिससे उचित अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया जाता है। ऐसे मामलों में पब्लिक अथॉरिटी को कदम उठाने और मृत शरीर के लिए गरिमापूर्ण और समय पर अंतिम संस्कार सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है।

यह ध्यान रखना उचित है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार, गरिमा और उचित उपचार का अधिकार, जीवित रहने से परे मृत्यु के बाद शरीर को शामिल करने तक विस्तारित है।

चंडीगढ़, 30 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण में सदस्यों की नियुक्ति की अधिसूचना में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई ।

उक्त अधिसूचना के खंड 4 (III) में संशोधन के अनुसार अब सेवानिवृत्त अधिकारी को भी गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण के सदस्य के रूप में नियुक्ति पर विचार किया जा सकता है। राज्य सरकार के बीच से शब्दों के बाद और राज्य में अधिकारी शब्दों से पहले, सेवारत या सेवानिवृत्त शब्द जोड़ा जाएगा।

राज्य सरकार या राज्य सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण वाले संगठनों द्वारा कार्यान्वित इंजीनियरिंग कार्यों में गुणवत्ता आश्वासन के उद्देश्य से संबंधित या प्रासंगिक मामले के लिए 5 अप्रैल, 2023 को गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण का गठन किया है।

वर्तमान में अधिसूचना के अनुसार राज्य सरकार द्वारा मुख्य अभियंता या उससे ऊपर के स्तर के राज्य सरकार या राज्य सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण वाले किसी भी संगठन के अधिकारियों में से एक सदस्य की नियुक्ति की जाएगी। हालांकि अब यह निर्णय लिया गया है कि गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण के सदस्य के रूप में नियुक्ति के लिए एक सेवानिवृत्त अधिकारी पर भी विचार किया जा सकता है।

ग्लोबल सिटी, गुरुग्राम और आईएमटी, सोहना में बुनियादी ढांचे के विकास के अलावा औद्योगिक संपदा, एचएसआईआईडीसी के अन्य स्थानों पर भूमि विकास के लिए 1500 करोड़ रुपये की मंजूरी

चंडीगढ़, 30 जनवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में गुरुग्राम में ग्लोबल सिटी और आईएमटी, सोहना में बुनियादी ढांचे के विकास के अलावा औद्योगिक क्षेत्र के अन्य स्थानों पर भूमि विकास के लिए हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) की 1500 करोड़ रुपये की कार्य सीमा को मंजूरी/बढ़ाने को स्वीकृति दे दी गई है।

बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कार्यशील पूंजी सीमा में वृद्धि 1500 करोड़ रुपये रखे गए हैं। ब्याज दर टी-बिल दरों से जुड़ी हुई है, जो एक प्रतिस्पर्धी और बाजार-संरेखित वित्तपोषण संरचना सुनिश्चित करती है।

हरियाणा सरकार के वित्त विभाग ने कुछ नियमों और शर्तों के साथ अपनी सहमति प्रदान की है, जिसमें स्वीकृत क्रेडिट सीमा पर 2 प्रतिशत गारंटी शुल्क, समय पर पुनर्भुगतान दायित्व और फंड उपयोग के उद्देश्य का कड़ाई से पालन शामिल है।

कार्यशील पूंजी सीमा वृद्धि की मंजूरी विकसित और प्रगतिशील हरियाणा की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

हरियाणा मंत्री मंडल ने हिसार मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HMDA), 2024 विधेयक के मसौदे को दी मंजूरी

चंडीगढ़, 30 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हिसार महानगर विकास प्राधिकरण (एचएमडीए) विधेयक 2024 के प्रारूप को मंजूरी प्रदान की गई है।

हरियाणा सरकार ने हिसार में समुचित विकास सुनिश्चित करने के लिए हिसार महानगर प्राधिकरण (एचएमडीए) के गठन करने का निर्णय लिया है। इससे हिसार मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के निरंतर और संतुलित विकास सुनिश्चित होगा।

हिसार मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HMDA) गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA), गुरुग्राम, फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (FMDA), फ़रीदाबाद, पंचकुला मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (PMDA), पंचकुला और सोनीपत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी की समान तर्ज पर काम करेगी। प्राधिकरण अन्य प्रमुख विभागों के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से काम करते हुए लोगों को बुनियादी ढांचे और अन्य प्रमुख सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।

चंडीगढ़, 30 जनवरी- हरियाणा मंत्रिमंडल की मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई बैठक में हरियाणा लघु खनिज रियायत भंडारण, खनिजों के परिवहन और अवैध खनन की रोकथाम नियम 2012 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई।

इन नियमों को हरियाणा लघु खनिज रियायत, भंडारण, खनिजों का परिवहन और अवैध खनन की रोकथाम (संशोधन) नियम 2024 कहा जाएगा। भूमि मालिकों की सुविधा के लिए नियम 3 और 31 में संशोधन किया गया है। हरियाणा लघु खनिज रियायत , भंडारण, खनिजों का परिवहन और अवैध खनन की रोकथाम नियम 2012 में उक्त प्रावधानों के तहत 200 रुपये का भुगतान करना होता था, जिसे हटा दिया गया है।

बशर्ते कि सामान्य मिट्टी/क्ले की खुदाई के बदले प्राप्त रॉयल्टी का 50 प्रतिशत विभाग द्वारा ग्रामवार संबंधित ग्राम पंचायत के साथ साझा किया जाएगा। उक्त मुद्दा भूमि मालिक को दी जाने वाली अनुमतियों से संबंधित है। उनके व्यक्तिगत वास्तविक उपयोग के साथ-साथ इस कारोबार में शामिल छोटे उद्यमियों की गहनता से खनन विभाग द्वारा जांच की गई और यह पाया गया कि वाणिज्यिक व्यापार के लिए भूमि मालिकों को अनुमति देने के लिए प्राप्त होने वाली रॉयल्टी को संबंधित ग्राम पंचायत के साथ साझा करने की आवश्यकता है। यह उनके बेहतर सतर्कता, भागीदारी और निगरानी सुनिश्चित करेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने उक्त नियमों को सरल बनाने का निर्णय लिया है।

हरियाणा सरकार शहीदों के 18 आश्रितों को अनुकंपा आधार पर देगी नौकरी

चंडीगढ़, 30 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मानवता व शहीदों के नेक हितों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए शहीदों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए निर्धारित नीति में छूट देते हुए 18 शहीदों के आश्रितों को नौकरी देने की स्वीकृति प्रदान की गई। नियुक्ति के 18 मामलों में से 8 मामले अर्ध सैनिक बलों के और 10 मामले सशस्‍त्र सेना से संबंधित थे।

मंत्रिमंडल के समक्ष मामला लाने से पहले मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा मामलों की समीक्षा की गई और शहीदों के 18 आश्रितों को नौकरी प्रदान करने के लिए सिफारिश की गई थी।

उल्लेखनीय है कि शहीदों के आश्रितों द्वारा नौकरी के लिए आवेदन करने में देरी का कारण हरियाणा सरकार की अनुकंपा नीति से अनभिज्ञता होना, नाबालिग होना या बीमार होना आदि बताया गया है।

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