Haryana Board: हरियाणा बोर्ड का बड़ा फैसला, 57 प्राइमरी स्कूलों को किया बंद !

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Haryana Board: हरियाणा बोर्ड का बड़ा फैसला, 57 प्राइमरी स्कूलों को किया बंद !

Haryana Board: हरियाणा के भिवानी में मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जिले में कम छात्र संख्या वाले 57 राजकीय प्राथमिक पाठशाला को नजदीकी स्कूलों में शिफ्ट कर दिया है। इन स्कूलों के बच्चों को अब नजदीकी स्कूलों में दाखिल कराया जाएगा.। 

वहीं, इन विद्यालयों के शिक्षकों को भी अब नए स्कूलों में नियुक्ति दी जाएगी। दरअसल, इन स्कूलों में कक्षा पहली से पांचवीं तक छात्र संख्या 20 से भी कम रही है। भिवानी जिले में 447 राजकीय प्राथमिक पाठशाला संचालित हो रही हैं। इसमें से 57 राजकीय प्राथमिक पाठशाला ऐसी हैं, जहां बच्चों की छात्र संख्या बेहद चिंताजनक है। 

इन स्कूलों को अब मौलिक शिक्षा निदेशालय ने नजदीकी राजकीय प्राथमिक स्कूलों में स्थानांतरित किए जाने के आदेश जारी किए हैं। इन स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चों को भी नजदीकी नए स्कूलों में भेज दिया गया है। घर से स्कूल पहुंचने के लिए भी शिक्षा विभाग उन्हें ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा भी मुहैया कराएगी। 

मौलिक शिक्षा निदेशालय के आदेश पर सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षकों द्वारा इलाके में जागरूकता अभियान भी चलाया गया था। ये शिक्षक घर-घर जाकर सरकारी योजनाओं की दुहाई देकर अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने के लिए प्रेरित भी करने पहुंचे, मगर इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ। 

इन स्कूलों में किसी कक्षा में एक तो किसी कक्षा में दो विद्यार्थी ही दाखिल हो पाए। जबकि अधिकांश राजकीय प्राथमिक पाठशाला में तो चार से पांच शिक्षकों के बजाय एक ही शिक्षक के कंधों पर सभी कक्षाओं की जिम्मेदारी थी। ऐसे में शिक्षा निदेशालय ने भी इन स्कूलों को बंद करने के बजाय इनमें दाखिल विद्यार्थियों को नजदीकी स्कूलों में शिफ्ट किए जाने का आदेश जारी कर दिया। 

अगर अगले शिक्षा सत्र में इन स्कूलों में फिर से बच्चों की संतोषजनक स्थिति बनी तो फिर से इनमें कक्षाएं संचालन की अनुमति मिल सकती है। फिलहाल तो इन स्कूलों पर तालाबंदी जैसे ही हालात बने हैं। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जिले के 57 राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं को नजदीकी सरकारी स्कूलों में शिफ्ट किए जाने के आदेश हैं। 

इन स्कूलों में दाखिल बच्चों को नए विद्यालय में दाखिल कराया जाएगा। वहीं, सरकार की तरफ से इन बच्चों को घर से स्कूल आने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा भी मिलेगी। अगर अगले शिक्षा सत्र में इन स्कूलों में छात्र संख्या सरकार के निर्धारित मानकों के अनुसार हुई तो फिर से इनमें कक्षाएं संचालन की अनुमति भी दी जाएगी। 

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