Gurugram Waterlogging: गुरुग्राम हर साल क्यों होता है बाढ़ का शिकार, जानिए पूरा रहस्य

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Gurugram Waterlogging: गुरुग्राम हर साल क्यों होता है बाढ़ का शिकार, जानिए पूरा रहस्य

Gurugram Waterlogging: गुरुग्राम, भारत का एक ऐसा शहर है जो हर साल मानसून के मौसम में अक्सर बाढ़ के शिकार होता है। इस सिटी में भारी बारिश के कारण जलभराव हो जाता है और कई क्षेत्र डूब जाते हैं। परंतु क्या आपने विचार किया है कि गुरुग्राम में ऐसा क्यों होता है?

इसका राजनीतिक नाम 'गुरुग्राम' गुरुद्रोणाचार्य के नाम पर रखा गया है। यह स्थान प्राचीन भारतीय महाकाव्य महाभारत में उल्लेखित गुरुद्रोणाचार्य के निवास के निकट है। इतिहास में, गुरुग्राम क्षेत्र को साहिबी नदी के तट पर स्थिति मिलती थी, जो विशाल भू-भाग को सिंचित करती थी। यह नदी जयपुर के जीतगढ़ से निकलकर अलवर, रेवाड़ी, गुडगांव, और दिल्ली के नजफगढ़ नाले के जरिए यमुना में मिलती थी।

विकास के साथ, गुरुग्राम में औद्योगिकीकरण का बढ़ता प्रभाव हुआ और बड़े-बड़े औद्योगिक क्षेत्र बने। लोग इस शहर में नौकरी ढूंढने और बिजनेस करने के लिए आने लगे। इसके साथ ही, आवासीय क्षेत्रों की मांग भी बढ़ी और नदी की किनारे पर भीड़ बढ़ने लगी। जब नदी की जमीन पर घरों का निर्माण हुआ और इमारतें बनीं, तो साहिबी नदी का प्राकृतिक स्रोत सूख गया और नदी सिंचन का प्रभाव खत्म हो गया।

विकास के साथ नदी का बहना रुक जाना गुरुग्राम के लिए बड़ी समस्या बन गया। बाढ़ और पानी की भरमार इस शहर की निगरानी और प्रबंधन को मुश्किल बना दिया।

शहरों के विकास में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का महत्वपूर्ण योगदान है। सिंगापुर जैसे उदाहरण से हमें यह समझने की जरूरत है कि शहरों के विकास में भूमिका निभाते हुए हमें नदियों, बावड़ों और जल संसाधनों को संरक्षित रखने की जरूरत है। समुचित शहरी नियोजन और प्रबंधन के माध्यम से इस समस्या का समाधान संभव है जिससे गुरुग्राम जैसे शहरों को प्राकृतिक आपदा से बचाया जा सकता है।

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