किसानों का 'दिल्ली मार्च': अंबाला में सुरक्षा के कड़े इंतजाम, स्कूल बंद, ड्रोन से निगरानी !

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पंजाब-हरियाणा बॉर्डर (शंभू बॉर्डर) पर किसानों का आंदोलन आज एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहा है। किसानों ने 'दिल्ली चलो' नामक मार्च की घोषणा की है। आज, पहले जत्थे के रूप में 101 किसान पैदल ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे। यह मार्च ट्रैक्टर-ट्रॉली के बिना शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा।

 


 

सुरक्षा कड़ी, धारा 144 लागू

हरियाणा सरकार ने आंदोलन को देखते हुए अंबाला में धारा 144 लागू कर दी है। सार्वजनिक सभाओं और रैलियों पर रोक लगा दी गई है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। ड्रोन से निगरानी और वाटर कैनन का भी इंतजाम किया गया है।

 



 

दिल्ली पुलिस से अनुमति अनिवार्य

अंबाला के डीसी ने किसानों को पत्र लिखकर दिल्ली कूच से पहले दिल्ली पुलिस से अनुमति लेने को कहा है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बिना अनुमति के दिल्ली में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

 

संयुक्त किसान मोर्चा ने बनाई दूरी

दिल्ली मार्च को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने खुद को अलग कर लिया है। SKM के नेताओं का कहना है कि इस आयोजन के लिए उनसे सलाह नहीं ली गई। बीकेयू (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि उन्होंने इस मार्च में भाग लेने की कोई योजना नहीं बनाई है।

अंबाला में स्कूल बंद

किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अंबाला प्रशासन ने आज सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद रखने के आदेश दिए हैं। यह निर्णय जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया गया है।

Kisan Protest
 

क्या कह रहे हैं किसान?

किसानों का कहना है कि यह मार्च उनके अधिकारों और सम्मान की लड़ाई का हिस्सा है। वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

यह देखना अहम होगा कि प्रशासन और किसान इस मार्च को किस तरह संभालते हैं। यह आंदोलन न केवल किसानों के लिए, बल्कि देश की लोकतांत्रिक भावना के लिए भी एक परीक्षा है। 

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