CDLU Sirsa Update: देवीलाल यूनिवर्सिटी की गुमनाम चिट्ठी मामले में बड़ा खुलासा, पहले भी 3 बार भेजी जा चुकी है यौन शोषण की शिकायत
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हरियाणा में सिरसा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी (CDLU) के प्रोफेसर पर 500 छात्राओं के यौन शोषण के आरोपों वाली गुमनाम चिट्ठी में बड़ा खुलासा हुआ है।
चिट्ठी सिरसा शहर में हिसार रोड स्थित खैरपुर पोस्ट ऑफिस से आई थी। इसी पोस्ट ऑफिस से 2023 से अब तक 4 चिट्ठी मिल चुकी है।
पहली चिट्ठी जून 2023 में यूनिवर्सिटी को मिली थी। जिसमें छात्राओं ने प्रोफेसर पर यौन शोषण के आरोप लगाए। इसके बाद यूनिवर्सिटी की इंटरनल जांच कमेटी ने इसकी जांच की।
कमेटी ने जांच के बाद प्रोफेसर को क्लीनचिट दे दी।
2 चिट्ठी 2023 के ही नवंबर और दिसंबर महीने में हरियाणा के गवर्नर को भेजी गई थी। गवर्नर ऑफिस की तरफ से चिट्ठी में लगाए गए आरोपों की जांच के लिए CDLU को मार्क की गई थी। उस दौरान यूनिवर्सिटी की कमेटी ने जांच की तो प्रोफेसर पर आरोप निराधार बताए।
अब 2024 के जनवरी महीने में चिट्ठी सार्वजनिक होने के बाद छात्राओं द्वारा प्रोफेसर पर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों की जांच SIT कर रही है।
SIT ने शनिवार को संबंधित विभाग के महिला और पुरुष प्रोफेसरों के बयान दर्ज किए। इस दौरान कई प्रोफेसर SIT समक्ष पेश नहीं हुए।
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ राजेश बंसल ने कहा कि इस तरह की शिकायत यूनिवर्सिटी को पहले भी कई बार मिल चुकी है।
इंटरनल कमेटी की जांच में आरोप निराधार पाए गए थे। अब शिकायत 500 छात्राओं से जुड़ी हुई है। पुलिस और यूनिवर्सिटी की कमेटी गंभीरता से इस मामले की जांच कर रही है।
उधर, CDLU में सर्दी की छुट्टियों के कारण स्टूडेंट पढ़ाई के लिए नहीं आ रहे हैं।
जिस विभाग के प्रोफेसर पर आरोप लगे हैं, उसमें भी सन्नाटा पसरा है। छात्राएं छुट्टियां समाप्त होने के बाद ही आएंगी। इसके बाद ही SIT छात्राओं के बयान दर्ज कर पाएगी।
छात्राओं की गुमनाम चिट्ठी सामने आने के बाद ASP दीप्ति गर्ग जांच के लिए यूनिवर्सिटी पहुंची थीं।
जानिए क्या है गुमनाम चिट्ठी का पूरा मामला
4 जनवरी (गुरुवार) 2024 को एक 2 पेज की एक गुमनाम चिट्ठी सामने आई थी।
जिसमें चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी (CDLU) में एक विभाग में पढ़ने वाली छात्राओं ने अपने ही एक प्रोफेसर पर यौन शोषण के आरोप लगाए।
चिट्ठी में दावा किया गया था कि 500 छात्राएं प्रोफेसर की अश्लील हरकतों से तंग आ चुकी हैं। चिट्ठी हरियाणा के CM, गवर्नर, गृह मंत्री, चांसलर और राष्ट्रीय महिला आयोग को भेजने की बात कही गई थी।
चिट्ठी का मामला उजागर होते ही हड़कंप मच गया। अगले दिन शुक्रवार को सिरसा की ASP दीप्ति गर्ग छानबीन के लिए पहुंची।
उन्होंने कहा कि हमने मामले के बारे में यूनिवर्सिटी आकर पूरी जानकारी ली है। जल्द ही गुमनाम चिट्ठी का सच सामने आ जाएगा। चिट्ठी में लगाए आरोपों में कितनी सच्चाई है, इस पर उन्होंने जांच का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। मामले की जांच के लिए बाद में SIT बनाई गई।
गुमनाम चिट्ठी में लिखी 3 अहम बातें
1. अकेले में गंदी-अश्लील हरकतें, विरोध करने पर धमकी
चिट्ठी में लिखा गया कि प्रोफेसर कई महीने से हमारे साथ अकेले में गंदी व अश्लील हरकतें करते हैं।
वह सभी को अति चरित्रवान व्यक्ति होने का झूठा दिखावा करते हैं जबकि कड़वी सच्चाई कुछ और ही है।
हम लड़कियों को अलग-अलग अकेले में अपने ऑफिस के बाथरूम में बुलाया तथा सभी स्टाफ सदस्यों को बाहर निकालकर हमें बैड टच करता है।
जब हमने इसका विरोध किया तो उसने धमकी देते हुए कहा कि यदि कहीं पर कोई भी शिकायत की तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा।
2. प्रोफेसर बोला- सारे सबूत नष्ट किए, अब कुछ नहीं बिगाड़ सकती
चिट्ठी में आगे लिखा गया- प्रोफेसर लड़कियों को धमकाता है कि तुम्हारे सारे सबूत नष्ट कर दिए और अब तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती।
हम सभी पीड़ित छात्राएं लंबे समय से मानसिक उत्पीड़न का शिकार हैं तथा इस व्यक्ति ने अपने कार्यालय की CCTV फुटेज में अशील हरकतें डिलीट करा रखी हैं।
हमें विश्वविद्यालय पर कोई भी विश्वास नहीं है। अगर आप हमारी इस पूरे प्रकरण के उत्पीड़न की गाथा से हमें कुछ भी न्याय दिलवाने में समर्थ हैं तो कम से कम इस प्रोफेसर को हटाकर किसी अन्य को नियुक्त करने से भी हमारी इज्जत और आबरू से मुक्ति मिल जाएगी।
3. हमें अच्छे नंबर का लालच दिया
हम सब लड़कियां अपना सही नाम व मोबाइल नंबर लिखने में असमर्थ हैं, क्योंकि हमारे परिवार वालों की इज्जत-बेइज्जती व भविष्य का प्रश्न है।
प्रोफेसर हम सभी पीड़ित छात्राओं को विश्वविद्यालय से निकालने की धमकी देता है। पेपर के समय नंबर बढ़ाने व प्रैक्टिकल में अच्छे नंबर लगवाने का लालच देता है। प्रोफेसर बहुत अधिक राजनीतिक प्रभाव व रसूख वाला है। इसलिए हम सभी ने एकजुट होकर यह गुमनाम चिट्ठी लिखी है।
पढ़िए 2 पेज की गुमनाम चिट्ठी...