Arjuna awards: हरियाणा के तीन खिलाड़ियों को मिला अर्जुन अवार्ड, जानिए कौन है वो स्टार

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 हरियाणा के तीन खिलाड़ियों को मिला अर्जुन अवार्ड
 

खेल क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा अर्जुन पुरस्कार हरियाणा के तीन खिलाड़ियों को आज नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिया।

 हिसार की पहलवान अंतिम पंघाल और सोनीपत के पहलवान सुनील मलिक के अलावा झज्जर की दीक्षा डागर को गोल्ड में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर यह अवॉर्ड मिला।

तीनों खिलाड़ियों को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर बधाई दी है।

इन खिलाड़ियों के अलावा एक और नाम भी ये पुरस्कार लेने में शामिल है। वह है रितु नेगी का। रितु हिमाचल की बेटी हैं और हरियाणा की गोल्डन बहू के नाम से भी जानी जाती हैं।

रितु ने इस मौके पर कहा कि मैंने मेहनत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसी की बदौलत मुझे अवॉर्ड मिला है। रितु बताती हैं कि 8वीं कक्षा में कबड्डी खेलना शुरू किया। स्कूल टाइम खत्म होने के बाद वह अभ्यास करती और फिर घर जातीं।

रितु ने ये भी बताया कि उनके पिता उनको मैदान में उतारने से डरते थे। रितु के पिता भवान नेगी यूनिवर्सिटी स्तर और चाचा गयार सिंह नेगी भी प्रदेश स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी रहे हैं।

रितु अपने पिता को अपना रोल मॉडल मानती हैं।

अब यहां हरियाणा के खिलाड़ियों के बारे में जानिए...

अंतिम पंघाल ने साबित किया बेटियां भी बेटों से कम नहीं
अंतिम ने सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप डेब्यू में अपने नाम ब्रॉन्ज मेडल कर लिया है।

पिता ने तीन लड़कियां होने के बाद चौथी लड़की होने पर अंतिम नाम रख दिया था, लेकिन अंतिम ने साबित कर दिया कि बेटियां भी बेटों से कम नहीं हैं।

अंतिम ने अपनी बहन के कहने पर कुश्ती का अभ्यास शुरू किया। शुरुआत में अंतिम ने अपने गांव भगाना में ही प्रैक्टिस शुरू की थी। इसके बाद एक प्राइवेट एकेडमी से कोचिंग ली।

हंगरी से पुरस्कार लेने पहुंचे सुनील कुमार
ग्रीको रोमन कुश्ती में 10 साल बाद पहलवान सुनील कुमार को अर्जुन अवॉर्ड मिला। 2013 के बाद सुनील पहले पहलवान हैं, जिनको अवॉर्ड मिला है।

हंगरी के बुडापेस्ट में ओलिंपिक के लिए ट्रेनिंग पर गए पहलवान सुनील कुमार का कहना है कि वह अपने इस अवॉर्ड को अपनी मां को समर्पित करेंगे।

उनकी मां की मेहनत और आशीर्वाद की वजह से उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ है। पहलवान सुनील कुमार इस पुरस्कार को लेने के लिए 9 जनवरी को भारत लौटे हैं।

राष्ट्रपति के हाथों अवॉर्ड पाने के बाद वह वापस ट्रेनिंग के लिए हंगरी लौट गए हैं।

बाएं हाथ की गोल्फर हैं दीक्षा
हरियाणा की दीक्षा डागर बाएं हाथ की गोल्फर हैं। गोल्फर दीक्षा डागर अवॉर्ड पाकर काफी उत्साहित दिखीं।

अपनी जीत के लिए दीक्षा ने अपने कोच, परिवार, समर्थक, भारतीय गोल्फ संघ, WGAI, भारतीय खेल प्राधिकरण सहित सभी का आभार व्यक्त किया है। दीक्षा ने कहा कि इस तरह के पुरस्कार मिलने से हौसला बढ़ता है और अच्छा करने का दबाव भी बढ़ता है।

दीक्षा ने कहा 2023 का साल उनके लिए काफी अच्छा है। इसी के साथ-साथ उनका कहना है कि ओलिंपिक के लिए वह कड़ी मेहनत कर रही हैं।

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