150 Years of IMD: देश के किसानों के लिए आई सबसे बड़ी खुशखबरी, अब पंचायती लेवल पर मौसम विभाग करेगा ये काम

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150 Years of IMD: देश के किसानों के लिए आई सबसे बड़ी खुशखबरी, अब पंचायती लेवल पर मौसम विभाग करेगा ये काम
150 Years of IMD: भारत का मौसम विज्ञान विभाग (IMD) अगले हफ्ते से मौसम का पूर्वानुमान पंचायत स्तर पर जारी करेगा. आईएमडी प्रमुख मृत्युजंय महापात्रा ने गुरुवार को यह जानकारी दी. 

महापात्रा ने कहा कि भारत की प्रौद्योगिकीय प्रगति ने विभाग के लिए अपनी पूर्वानुमान क्षमता को ब्लॉक से पंचायत स्तर तक पहुंचाना संभव बनाया है. मौसम विभाग का मकसद है कि इस सेवा के जरिये देश के प्रत्येक गांव में कम से कम पांच किसानों को अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान, आर्द्रता और वायु गति जैसी मौसम की सभी जानकारी के अलावा खराब मौसम से जुड़ी चेतावनी मुहैया कराई जा सके. 

महापात्रा ने बताया कि यह सूचना अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 12 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी. मौसम विभाग वर्तमान में कृषि से जुड़ी मौसम की जानकारी और पूर्वानुमानों को ब्लॉक स्तर पर प्रसार करने में मदद कर रहा है. इसी के साथ, मौसम कार्यालय सोमवार को 'हर हर मौसम, हर घर मौसम' पहल और जलवायु सेवाओं के लिए राष्ट्रीय फ्रेमवर्क भी लॉन्च करेगा. 

आपको बता दें कि सोमवार को मौसम विभाग अपनी 150वीं वर्षगांठ मनाने के लिए साल भर चलने वाले समारोहों की शुरुआत करेगा.  उन्होंने कहा कि हर-हर मौसम, हर घर मौसम पहल के तहत देश में कहीं भी मौजूद कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल फोन पर उस स्थान के मौसम संबंधी पूर्वानुमान प्राप्त कर सकेगा. उन्होंने कहा, अगले सात दिनों के मौसम पूर्वानुमान जानने के लिए अपने मोबाइल फोन की स्क्रीन पर कहीं भी स्पर्श करें या स्थान का पिनकोड डालें. 

इसके जरिए अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान, आर्द्रता, वायु गति आदि जैसी जानकारी मिलेगी. यह खराब मौसम की चेतावनी भी देगा. मौसम कार्यालय वर्षा सिंचित क्षेत्रों में कृषि पर निर्भर छोटे किसानों को होने वाले नुकसान में कमी लाने को प्राथमिकता दे रहा है. महापात्रा ने एक स्वतंत्र अध्ययन का जिक्र करते हुए कहा कि वर्षा सिंचित क्षेत्रों में छोटे किसान यदि मौसम पूर्वानुमानों को ध्यान में रखते हैं और उसके अनुरूप कृषि कार्य करते हैं तो उन्हें 12,500 रुपये का लाभ होगा. उन्होंने कहा, "हम तीन करोड़ किसानों तक पहुंचे हैं और 13,300 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया गया है. कल्पना कीजिए कि यदि हम देश में सभी 10 करोड़ किसानों तक पहुंचते हैं तो जीडीपी लाभ क्या होगा.'' 

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