निष्क्रिय खातों के सक्रियण के लिए RBI का बड़ा निर्देश: ग्राहकों की सुविधा के लिए विशेष अभियान चलाने पर जोर
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निष्क्रिय और जमे हुए खातों की संख्या घटाने और उन्हें सक्रिय करने की प्रक्रिया को सरल और परेशानी मुक्त बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है।
विशेष अभियान आयोजित करने की सलाह
RBI ने बैंकों से ऐसे खातों को पुनः सक्रिय करने पर केंद्रित विशेष अभियान आयोजित करने की सलाह दी है। इसके साथ ही, बैंकों को ग्राहकों के लिए आधार अपडेट की सुविधा प्रदान करने हेतु आधार सेवाएं उपलब्ध शाखाओं में बेहतर इंतजाम करने के लिए भी कहा गया है।
कमजोर वर्गों को प्राथमिकता
RBI ने कहा कि निष्क्रिय या जमे हुए खातों का एक बड़ा हिस्सा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से संबंधित है। ऐसे में, बैंकों को सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने और ग्राहकों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने की आवश्यकता है।
RBI advises banks to organize special campaigns like Aadhaar updation for facilitating activation of frozen accounts
— ANI Digital (@ani_digital) December 3, 2024
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डिजिटल और गैर-होम शाखाओं से केवाईसी अपडेट
खातों को सक्रिय करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए, RBI ने मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग, गैर-होम शाखाओं और वीडियो ग्राहक पहचान प्रक्रिया जैसी सुविधाओं का उपयोग कर केवाईसी अपडेट की अनुमति देने का सुझाव दिया है।
सरकारी योजनाओं के खातों पर विशेष ध्यान
RBI ने ऐसे खातों को प्राथमिकता से हल करने का निर्देश दिया है जो प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) और इलेक्ट्रॉनिक लाभ हस्तांतरण (EBT) जैसी सरकारी योजनाओं से जुड़े हैं। लंबित या आवधिक केवाईसी अपडेट के कारण इन खातों को फ्रीज करने से ग्राहकों को कई असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।
वित्तीय समावेशन में सुधार का प्रयास
यह पहल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच में बाधाओं को कम करने के लिए RBI की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। बैंकों से अपेक्षा की गई है कि वे ग्राहकों की सुविधा को प्राथमिकता दें और खाता संबंधित समस्याओं को शीघ्रता से हल करें।
दावा न किए गए जमा में वृद्धि
मार्च 2024 तक बैंकों में दावा न किए गए जमा में 26% की वृद्धि हुई है, जो 78,213 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह आंकड़ा निष्क्रिय खातों की संख्या कम करने के महत्व को और रेखांकित करता है।
RBI के इन निर्देशों का उद्देश्य खाताधारकों, विशेष रूप से हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाना और बैंकिंग सेवाओं तक उनकी पहुंच को सरल बनाना है।