Crude Oil Price Hike: इजरायल और हमास के युद्ध से कच्चे तेल के कीमत में आया उबाल, जानिए देश की वित्त मंत्री ने क्या कहा इस पर

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Crude Oil Price Hike:  इजरायल और हमास के युद्ध से कच्चे तेल के कीमत में आया उबाल, जानिए देश की वित्त मंत्री ने क्या कहा इस पर

Crude Oil Price Hike: इजरायल और हमास के बीच एक सप्ताह से ज्यादा समय से युद्ध चल रहा है. हाल-फिलहाल में युद्ध समाप्त होने का कोई ठोस संकेत भी नहीं दिख रहा है. इस बीच पश्चिम एशिया में छिड़ी जंग का असर अब दुनिया भर में पसरने लगा है. भारत भी असर से अछूता नहीं रह सकता है. युद्ध के चलते कच्चे तेल में आई उबाल अब भारत के लिए चिंता की बात बन रही है.

वित्त मंत्री ने भी जताई चिंता
भारत पर युद्ध का असर किस तरह से हो सकता है, उसका अंदेशा खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जाहिर कर चुकी हैं. अभी जी20 के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीतारमण ने अपनी चिंताएं जाहिर कीं. उन्होंने साफ-साफ कहा कि पश्चिम एशिया में चल रहे मौजूदा संकट ने एक बार फिर से ईंधन की कीमतों को लेकर चिंताओं को उभार दिया है. उन्होंने कहा कि कई देश ईंधन की कीमतों के बढ़ने की आशंका से परेशान हैं.

शुक्रवार को इतना उछला भाव
वित्त मंत्री की चिंताएं अनायास नहीं हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार के भाव बता रहे हैं कि अब वाकई में चिंतित होने की जरूरत है. शुक्रवार को कच्चे तेल के भाव में जबरदस्त तेजी देखी गई थी. शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड 5.7 फीसदी उछलकर 90.89 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था. वहीं अमेरिकी स्टैंडर्ड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 5.9 फीसदी चढ़कर 87.69 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. अब आशंका इस बात की भी है कि कहीं कच्चा तेल 100 डॉलर के पार न निकल जाए.

युद्ध के बाद भाव में ऐसी तेजी
अकेले शुक्रवार को कच्चे तेल में जितनी तेजी देखी गई, वह अप्रैल के बाद सबसे बड़ी एकदिनी बढ़त है. उसका कारण भी स्पष्ट नजर आ रहा है. हमास के हमले से तिलमिलाए इजरायल ने गाजा पट्टी से उसके पूरे नेटवर्क को समाप्त करने का ऐलान किया है. उसके लिए इजरायल पिछले सप्ताह से ही स्ट्रेटजिक हमले कर रहा है. अब इजरायल की तैयारी ग्राउंड ऑपरेशन की है, जिसके लिए इजरायल ने गाजा पट्टी के एक इलाके को खाली करने के लिए लाखों लोगों को 24 घंटे का समय दिया. ग्राउंड ऑपरेशन की स्थिति में युद्ध का दायरा और बढ़ जाने की आशंका है.

एक सप्ताह में कच्चे तेल का हाल
हमास ने इजरायल के सीमाई इलाकों पर पिछले सप्ताह शनिवार की सुबह-सुबह हमला किया था. उसके तत्काल बाद इजरायल ने पूर्ण स्केल पर युद्ध की शुरुआत कर दी. पश्चिम एशिया में युद्ध छिड़ने के बाद से कच्चे तेल में लगातार तेजी आ रही है. सप्ताह के दौरान इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ब्रेंट क्रूड का भाव 7.5 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है, जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट की कीमत सप्ताह के दौरान करीब 6 फीसदी बढ़ी.

घरेलू बाजार में क्रूड का भाव
भारत की बात करें तो घरेलू बाजार में भी कच्चे तेल की कीमत उसी तर्ज पर बढ़ी है. मल्टी कमॉडिटी एक्सचेंज पर 19 अक्टूबर की एक्सपायरी वाला क्रूड ऑयल फ्यूचर शुक्रवार को 5.45 फीसदी मजबूत होकर 7,272 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ. केयरएज रेटिंग्स की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत अभी कच्चे तेल का दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. भारत को अपनी जरूरत का 80-90 फीसदी कच्चा तेल दूसरे देशों से आयात करना पड़ता है. ऐसे में कच्चे तेल के भाव बढ़ने से भारत का सीधे तौर पर प्रभावित होना तय है.

दिवाली के आस-पास हो सकता है फैसला
कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने का जो सबसे पहला असर हुआ है, वह है कि इंडियन बास्केट का कच्चा तेल 6 फीसदी चढ़कर 87 डॉलर प्रति बैरल के एवरेज पर रहने वाला है. इसका खामियाजा तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को होगा और उनका घाटा बढ़ जाएगा. जेएम फाइनेंशियल का कहना है कि सरकार दिवाली के आस-पास डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर निर्णय ले सकती है.

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