नीलम रत्न का कौन-से ग्रह से है सम्बन्ध, जानें इसके बारे में-
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![नीलम रत्न का कौन-से ग्रह से है सम्बन्ध, जानें इसके बारे में-](https://bharat9.com/static/c1e/client/108235/migrated/fa895c44540f4c8d421400bf2fab6395.jpg)
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Astrology: वैदिक ज्योतिषशास्त्र के अनुसार नीलम रत्न का संबंध शनि ग्रह से होता है। यह नीले रंग का होता है।
जिस प्रकार किसी जातक की कुंडली में अगर शनि शुभ भाव में होते है वे उस व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार के सुख, सुविधा और ऐशोआराम को भर देते हैं। जब भी नीलम रत्न धारण करें तो इस बात का ध्यान रखें कि नीलम हमेशा उत्तम क्वालिटी का होना चाहिए।
नीलम की पहचान
असली नीलम की पहचान करने के लिए एक तरीका बहुत ही कारगर माना जाता है। अगर नीलम असली है तो इसे दूध की कटोरी में थोड़ी देर तक रखने पर दूध का रंग नीला दिखाई देने लगता है। वहीं अगर नीलम रत्न को पानी के गिलास में डालने पर पानी से किरणें दिखाई दें तो यह असली नीलम की पहचान होती है।
नीलम रत्न को कब करें धारण
नीलम रत्न का संबंध शनि ग्रह से होता है। जब किसी की कुंडली में शनि की महादशा विपरीत होती है तब नीलम रत्न पहना जा सकता है। मेष, वृषभ, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों पर नीलम रत्न का अच्छा और शुभ प्रभाव रहता है।
पहनने के नियम
जब भी नीलम रत्न धारण करें उससे पहले उसको घर पर लाने के बाद गंगाजल से भरे किसी पात्र में रख दें। फिर शनिवार के दिन अपनी बीच वाली उंगली में इसे धारण करें।
नीलम धारण करने के बाद न करें ऐसे काम
नीलम रत्न शनि का रत्न होता है। शनिदेव न्याय और कर्म के देवता माने जाता है। ऐसे में नीलम रत्न धारण करने पर व्यक्ति को हिंसा नहीं करनी चाहिए। गरीबों को बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए। नीलम रत्न धारण करने से बाद दान जरूर करें। शनिवार के दिन मांस और मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए। नीलम रत्न पहनने के बाद किसी भी तरह के गलत कार्यों में लिप्त नहीं रहना चाहिए।