जाट-गैरजाट के असमंजस में उलझा हरियाणा भाजपा अध्यक्ष का चुनाव, जानें कौन-कौन हैं रेस में सुभाष बराला की जगह नए हरियाणा भाजपा अध्यक्ष का चुनाव उलझ गया है। नए प्रधान के लिए जाट और गैरजाट की असमंजस में पेंच फंस गया है।
चंडीगढ़,[भारत9]। Haryana BJP President election: हरियाणा में सुभाष बराला की जगह नए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को लेकर पार्टी नेतृत्व असमंजस की स्थिति में है। भाजपा अभी तक यह तय नहीं कर पाई कि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर किसी जाट नेता को काबिज किया जाए अथवा गैर जाट को संगठन की कमान सौंपी जाए। भाजपा हाईकमान ने यदि जाट नेतृत्व पर मुहर लगाई तो मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहली पसंद होंगे। वैसे पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु भी मजबूत दावेदार हैं।
जाट नेताओं में सुभाष बराला सीएम की पहली पसंद, धनखड़ व कैप्टन अभिमन्यु भी मजबूत दावेदार
हरियाणा में भाजपा के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया अगले साल फरवरी माह में पूरी होने के आसार हैं। इससे पहले जनवरी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के दौरान प्रदेश अध्यक्ष को मनोनीत किया जा सकता है। भाजपा के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि विधानसभा चुनाव के नतीजों तथा कैबिनेट में जाट मंत्रियों के बड़े प्रतिनिधित्व के बाद किसी गैर जाट पर दांव खेला जा सकता है, लेकिन असलियत यह है कि अभी तक पार्टी यह मन नहीं बना सकी कि प्रदेश अध्यक्ष के लिए किसी जाट नेता पर दांव खेला जाए अथवा गैर जाट पर भरोसा कर पार्टी संगठन को खड़ा किया जाए।
गैर जाट नेताओं में कृष्णपाल गुर्जर और नायब सिंह सैनी की दावेदारी मानी जा रही मजबूत
जाट नेताओं में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहली पसंद हैं। बराला के मौजूदा कार्यकाल में उनका संगठन व सरकार खासकर मुख्यमंत्री से बेहद तालमेल रहा। इस तालमेल को बरकरार रखने के लिए मुख्यमंत्री की कोशिश रहेगी कि सुभाष बराला को दोबारा से संगठन की कमान मिल जाए। भाजपा हाईकमान यदि बराला के नाम पर राजी नहीं हुआ तो भाजपा के दिग्गज जाट नेताओं में शुमार पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ तथा पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के नाम पर दांव खेला जा सकता है।
भाजपा के गैर जाट नेताओं में केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर प्रदेश अध्यक्ष पद के सबसे बड़े दावेदार हैं। गुर्जर ने अपने पिछले कार्यकाल से लेकर अब तक एक भी शब्द सरकार की विचारधारा के विपरीत नहीं बोला। मुख्यमंत्री मनोहर लाल जब भी सियासी संकट के हालात में आए कृष्णपाल गुर्जर उनकी ढाल बनकर खड़े नजर आए। गुर्जर और मनोहर लाल के बीच राजनीतिक तालमेल काफी बढिय़ा बताई जाती है।
सांसदों में नायब सिंह सैनी और संजय भाटिया के नाम भी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए प्रमुखता से लिए जा रहे हैं। जातीय समीकरणों के हिसाब से नायब सिंह सैनी प्रदेश अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। संजय भाटिया की दावेदारी हालांकि काफी मजबूत हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के पंजाबी होने के कारण भाटिया का नंबर लगना मुश्किल है। उन्हें बिना किसी पद के ही सरकार के बेहद नजदीकी माना जाता है।
जाट नेताओं में विधायक महीपाल सिंह ढांडा, गैर जाट नेताओं में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा, मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन और पूर्व विधायक डा. पवन सैनी के नाम भी चर्चा में चल रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि नए अध्यक्ष के चुनाव से भाजपा की आगे की राजनीतिक रास्ते का संकेत मिलेगा।