बस्ती,यूपी : (रत्नेश्वर मिश्र ) कोरोना महामारी से जूझ रहे देश में एक तरफ लॉक डाउन है और दूसरी तरफ बेमौसम बरसात किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा रही है, किसान किसी तरह मेहनत कर अपनी फसल को काट कर खेतो में छोड़ दिया था या फिर काटने कि तैयारी में था और बारिश ने उनकी फसल को चौपट कर दिया। मौसम का मिजाज अन्य जिलों की अपेक्षा आज फिर बिगड़ गया। दोपहर बाद शाम में अचानक आसमान में काली घटा छाई। इसके बाद तेज हवाओं के बीच बारिश शुरू हो गई। लगभग कई घंटे तक रिमझिम बरसात के बीच हवा का झोंका चलता रहा। मड़ाई के ऐन मौके पर प्रकृति की यह नाराजगी किसानों पर भारी पड़ गई। खेत, खलिहान में मड़ाई के लिए रखी गेहूं की फसल फिर भीग गई। अन्नदाता के चेहरे पर चिता की लकीरें गहरी हो गई है।
इस बार गेहूं की फसल तैयार होने के समय से ही संकट है। जनवरी और फरवरी में बेमौसम बरसात से खेत में फसल प्रभावित हो गई थी। गेहूं के दाने मर गए हैं। अब कुछ उम्मीद जगी तो मौसम ने फिर बेईमानी कर दी है। कहीं फसल की कटाई चल रही है तो कहीं मड़ाई। अचानक बरसात होने से फसल भीग गई है। अब गेहूूं तैयार कर घर लाने में फिर दो-तीन दिन की देरी हो गई है। अचानक बरसात होने से किसान परेशान हो गए। खेतों में काटकर रखे फसल तितर-बितर हो गए। मड़ाई करते समय गेंहू व भूसा दोनों को बारिश से बचाने का मौका नहीं मिला। इससे गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है।